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राजधानी में स्मार्ट साइकिल ट्रैक की हालत जर्जर, करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं सुधरी हालत

राजधानी में साइकिल ट्रैक के इन दिनों बुरे हाल हैं. ट्रैक के बीच में गाड़ियां एवं ठेले खड़े हो रहे हैं, तो कहीं स्टॉपर भी टूट गए हैं. कई जगह से क्रंकीट उखड़ गया और रंग भी फीका पड़ गया है.

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भोपाल
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Published : Sep 17, 2020, 6:23 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अब ये योजना वेंटिलेटर पर दिखाई दे रही है, साइकिल ट्रैक की बात की जाए तो इन दिनों इस ट्रैक के बुरे हाल हैं. ट्रैक के बीच में गाड़ियां और ठेले खड़े हो रहे हैं. सड़क में कई जगह से कंक्रीट उखड़ गया और रंग भी उड़ चुका है.

वेंटिलेटर पर योजना

सड़के उपयोग में आने से पहले ही उखड़ने लगी है, ऐसे में निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, खास बात तो यह है कि, कई खामियां खुद भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आई हैं. इसके बावजूब अब तक सुधार कराने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है. हालांकि अफसर दावा कर रहे हैं कि, ट्रैक पर साइकिलिंग के दौरान आने वाली सभी बाधाओं को जल्द दूर किया जाएगा, इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है.

राजधानी में दोनों ओर 50 करोड़ रुपये की लागत से 12 किमी लंबा साइकिल ट्रैक बनाया गया है. फिलहाल इस ट्रैक पर रोज 50 साइकिलें भी नहीं चलाई जा रही हैं. अधिकांश साइकिलें धूल खा रही हैं. बीच में लगे कई स्टॉपर टूट चुके हैं, सड़कें भी उबड़-खाबड़ हो चुकी हैं. भारत माता चौराहे से पॉलिटेक्निक चौराहे तक स्मार्ट रोड का निर्माण 30 करोड़ रुपए में हो रहा है. इसके दोनों ओर 2 करोड़ रुपए की लागत से साइकिल ट्रैक का निर्माण हुआ है. यह ट्रैक अभी शुरू भी नहीं हुआ और कंक्रीट उखड़ने लगा है.


लिहाजा भोपाल में करोड़ों की लागत से शुरू की गई स्मार्ट साइकिल योजना फिलहाल बदहाल नजर आ रही है, जिसका कोई भी जायजा लेने वाला नहीं है. वहीं जिम्मेदार लगातार आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन ये आश्वासन हकीकत में कब बदलेगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है, राजधानी की सड़क के दोनों तरफ बने ट्रैक पर गाड़ियों की पार्किंग की जा रही है. अतिक्रमण हो चुका और ट्रैक जगह-जगह से उखड़ रहा है, जिसके चलते साइकिल चलाने में लोगों को परेशानी होती है.

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अब ये योजना वेंटिलेटर पर दिखाई दे रही है, साइकिल ट्रैक की बात की जाए तो इन दिनों इस ट्रैक के बुरे हाल हैं. ट्रैक के बीच में गाड़ियां और ठेले खड़े हो रहे हैं. सड़क में कई जगह से कंक्रीट उखड़ गया और रंग भी उड़ चुका है.

वेंटिलेटर पर योजना

सड़के उपयोग में आने से पहले ही उखड़ने लगी है, ऐसे में निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, खास बात तो यह है कि, कई खामियां खुद भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आई हैं. इसके बावजूब अब तक सुधार कराने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है. हालांकि अफसर दावा कर रहे हैं कि, ट्रैक पर साइकिलिंग के दौरान आने वाली सभी बाधाओं को जल्द दूर किया जाएगा, इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है.

राजधानी में दोनों ओर 50 करोड़ रुपये की लागत से 12 किमी लंबा साइकिल ट्रैक बनाया गया है. फिलहाल इस ट्रैक पर रोज 50 साइकिलें भी नहीं चलाई जा रही हैं. अधिकांश साइकिलें धूल खा रही हैं. बीच में लगे कई स्टॉपर टूट चुके हैं, सड़कें भी उबड़-खाबड़ हो चुकी हैं. भारत माता चौराहे से पॉलिटेक्निक चौराहे तक स्मार्ट रोड का निर्माण 30 करोड़ रुपए में हो रहा है. इसके दोनों ओर 2 करोड़ रुपए की लागत से साइकिल ट्रैक का निर्माण हुआ है. यह ट्रैक अभी शुरू भी नहीं हुआ और कंक्रीट उखड़ने लगा है.


लिहाजा भोपाल में करोड़ों की लागत से शुरू की गई स्मार्ट साइकिल योजना फिलहाल बदहाल नजर आ रही है, जिसका कोई भी जायजा लेने वाला नहीं है. वहीं जिम्मेदार लगातार आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन ये आश्वासन हकीकत में कब बदलेगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है, राजधानी की सड़क के दोनों तरफ बने ट्रैक पर गाड़ियों की पार्किंग की जा रही है. अतिक्रमण हो चुका और ट्रैक जगह-जगह से उखड़ रहा है, जिसके चलते साइकिल चलाने में लोगों को परेशानी होती है.

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