भोपाल। फर्श से अर्श तक का सफर तय करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर जिंदादिल नेता रहे हैं. उनकी बेबाकी और मजाकिया अंदाज से सभी भलीभांति वाकिफ रहे हैं. देश में आपातकाल लगा तो बाबूलाल गौर को जेल में डाल दिया गया. बीजेपी के अपने साथियों के साथ गौर करीब 19 महीने तक जेल में रहे. जेल में उनके साथ रहे बीजेपी नेता तपन भौमिक बताते हैं कि वे जेल में सभी को चुटकुले सुनाकर खूब हंसाते थे. गौर ने जेल में अपने एक साथी जेठानंद का नाम ही चुटकुलानंद रख दिया था.
बीजेपी नेता तपन भौमिक बाबूलाल गौर के बचपन के साथी रहे हैं. बाबूलाल गौर की यादों को ताजा करते हुए तपन भौमिक बताते हैं कि 1975 में आपातकाल के दौरान बाबूलाल गौर को भी जेल में डाल दिया गया. जेल में उनके साथ शिवराज सिंह चौहान, भारतीय मजदूर संघ के नेता संतोष शर्मा और वे खुद साथ में थे. जेल में बाबूलाल गौर सभी को खूब चुटकुले सुनाते और मस्त रखा करते थे.
तपन भौमिक बताते हैं कि जो लोग जेल में परेशान रहते थे उन्हें बाबूलाल गौर हंसा देते थे और कहते थे कि 'चाहे हंसो या रो, जेल तो जेल है, तो गमखाना और मस्त रहना तब कटे जेलखाना'. यहां तक कि उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के नेता जेठानंद का नाम ही चुटकुला नंद रख दिया था. तपन भौमिक के मुताबिक बाबूलाल गौर बेहद जिंदादिल व्यक्ति थे. जब भी उनके यहां जाते वे जरूर मिलते थे, उन्हें जो कहना होता था वह साफ-साफ कह देते थे.