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भोपाल: अस्थाई सेवाएं दे रहे आयुष चिकित्सकों ने की स्थाई नियुक्ति की मांग

कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए सरकार द्वारा आयुष विभाग के अलग-अलग स्टाफ की अस्थाई नियुक्ति की गई. वहीं अब कार्यकाल समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं, जिसके विरोध में विभाग कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और उन्हें संविदा नियुक्ति देने की मांग की.

AYUSH practitioners picket
आयुष चिकित्सकों धरना
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Published : Nov 1, 2020, 12:44 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 1:56 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के दौरान अस्थाई रूप से काम कर रहे आयुष विभाग के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ ,फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वॉय के पद पर सेवा दे रहे चिकित्सकों ने BJP प्रदेश कार्यालय पहुंचकर अपना विरोध प्रदर्शन किया. आयुष विभाग में अस्थाई सेवा दे रहे इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें स्थाई नियुक्तियां या संविदा में संविलियन किया जाए, ताकि उनके रोजगार पर संकट खड़ा न हो, क्योंकि विभाग ने उन्हें 30 नवंबर तक सेवा समाप्ति का आदेश थमा दिया है.

आयुष चिकित्सकों धरना

6 हजार कमर्चारियों की 30 नवम्बर को हो जाएगी सेवाएं समाप्त

दरअसल कोविड-19 के दौरान सरकार ने अस्थाई तौर से करीब 6 हजार से अधिक आयुष कर्मचारियों की नियुक्ति अलग-अलग पदों पर की थी. 15 अप्रैल से चल रही इन नियुक्तियों को तीन-तीन महीने के हिसाब से बढ़ाया गया था और अब अंत में 30 नवंबर को इन सभी अस्थाई कर्मचारियों की सेवाएं समाप्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं. संगठन के उपाध्यक्ष योगेश रघुवंशी के अनुसार वह सरकार से स्थाई या संविदा में संविधान किए जाने की मांग कर रहे हैं. वे इसके पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने आए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई, जिसके बाद अब वह प्रदेश बीजेपी मुख्यालय पहुंचे हैं, ताकि उनकी बात सरकार तक पहुंच सके. आयुष कर्मचारियों की मांग है कि जब सरकार ने महामारी के दौरान उनकी सेवाएं ली थी, ऐसे में अब सरकार का फर्ज बनता है कि उसके उनके रोजगार पर गंभीरता से विचार कर उन्हें संविदा के तौर पर नियुक्ति दें.

गौरतलब है कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए आयुष विभाग के अलग-अलग स्टाफ की अस्थाई नियुक्ति की थी और 15 अप्रैल से अभी तक इन चिकित्सकों की सेवाएं सरकार ले रही थी, अब सरकार सभी की सेवाओं की समाप्ति के आदेश जारी कर दिए हैं और सरकार के इस आदेश के बाद इन कर्मचारियों के रोजगार पर संकट मंडराने लगा है, अब देखना यह होगा कि सरकार इन आयुष विभाग के कर्मचारियों की मांगों को कितनी गंभीरता से लेती है.

भोपाल। कोरोना महामारी के दौरान अस्थाई रूप से काम कर रहे आयुष विभाग के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ ,फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वॉय के पद पर सेवा दे रहे चिकित्सकों ने BJP प्रदेश कार्यालय पहुंचकर अपना विरोध प्रदर्शन किया. आयुष विभाग में अस्थाई सेवा दे रहे इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें स्थाई नियुक्तियां या संविदा में संविलियन किया जाए, ताकि उनके रोजगार पर संकट खड़ा न हो, क्योंकि विभाग ने उन्हें 30 नवंबर तक सेवा समाप्ति का आदेश थमा दिया है.

आयुष चिकित्सकों धरना

6 हजार कमर्चारियों की 30 नवम्बर को हो जाएगी सेवाएं समाप्त

दरअसल कोविड-19 के दौरान सरकार ने अस्थाई तौर से करीब 6 हजार से अधिक आयुष कर्मचारियों की नियुक्ति अलग-अलग पदों पर की थी. 15 अप्रैल से चल रही इन नियुक्तियों को तीन-तीन महीने के हिसाब से बढ़ाया गया था और अब अंत में 30 नवंबर को इन सभी अस्थाई कर्मचारियों की सेवाएं समाप्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं. संगठन के उपाध्यक्ष योगेश रघुवंशी के अनुसार वह सरकार से स्थाई या संविदा में संविधान किए जाने की मांग कर रहे हैं. वे इसके पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने आए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई, जिसके बाद अब वह प्रदेश बीजेपी मुख्यालय पहुंचे हैं, ताकि उनकी बात सरकार तक पहुंच सके. आयुष कर्मचारियों की मांग है कि जब सरकार ने महामारी के दौरान उनकी सेवाएं ली थी, ऐसे में अब सरकार का फर्ज बनता है कि उसके उनके रोजगार पर गंभीरता से विचार कर उन्हें संविदा के तौर पर नियुक्ति दें.

गौरतलब है कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए आयुष विभाग के अलग-अलग स्टाफ की अस्थाई नियुक्ति की थी और 15 अप्रैल से अभी तक इन चिकित्सकों की सेवाएं सरकार ले रही थी, अब सरकार सभी की सेवाओं की समाप्ति के आदेश जारी कर दिए हैं और सरकार के इस आदेश के बाद इन कर्मचारियों के रोजगार पर संकट मंडराने लगा है, अब देखना यह होगा कि सरकार इन आयुष विभाग के कर्मचारियों की मांगों को कितनी गंभीरता से लेती है.

Last Updated : Nov 1, 2020, 1:56 PM IST
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