भोपाल। मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर फिर से हड़ताल पर चले गए हैं. अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू की है. जिस वजह से सभी जनरल ओपीडी बंद हैं. जूनियर डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि आज से कोरोना के इलाज में लगे जूनियर डॉक्टर भी काम बंद करेंगे. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को प्रदेश सरकार ने हठधर्मिता बताया है.
स्वास्थ्य सेवाएं हो रही है प्रभावित
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं भी काफी प्रभावित हो रही हैं. सोमवार को कई मेडिकल कॉलेजों में जो जनरल ऑपरेशन होने थे, उन्हें भी अस्पतालों ने टाल दिया है. ऐसे में मंगलवार से कोरोना की ओपीडी भी बंद होने के चलते सरकार के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा ने एक लेटर जारी कर सरकार को चेतावनी भी दी है.
दो दिन पहले सरकार को दिया था नोटिस
इसके पहले भी जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की थी. लेकिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मिले आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौट आए थे. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा का कहना है कि हमने 2 दिन पहले सरकार को स्ट्राइक को लेकर एक नोटिस दिया था. नोटिस में हमने चेतावनी दी थी कि अगर 30 तारीख तक हमारी मांगे नहीं मानी गई, तो हम 31 तारीख को मध्य प्रदेश में सारे मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और रूटीन सुविधाएं बंद कर देंगे. मगर सरकार ने इस पर कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की.
मांग पर विचार जारी, हठधर्मिता न करें जूनियर डॉक्टर: विश्वास सारंग
हठधर्मिता कर रहे हैं जूनियर डॉक्टर्स: सारंग
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ऐसे समय हड़ताल पर जाना ठीक नहीं है. पीड़ितों को डॉक्टर्स की जरूरत हैं. जूडा की चार मांगे मानी गई हैं. फिलहाल स्टाइपेंड बढ़ाने की प्रोसेस जारी है. वहीं उन्होंने कहा कि मांग पर विचार जारी हैं. जूनियर डॉक्टर्स हठधर्मिता न करें.
इंटर्न और MBBS स्टूडेंट्स ने किया समर्थन
प्रदेश भर के इंटर्न और एमबीबीएस स्टूडेंट्स के एसोसिएशन ने पत्र जारी कर जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का समर्थन किया है. एसोसिएशन ने न सिर्फ हड़ताल का समर्थन किया है बल्कि जूनियर डॉक्टर्स की तरह की मानदेय की मांग भी की है. इनका कहना है कि हम भी जूनियर डॉक्टर्स का अंग है इसलिए हमारा समर्थन उनकी मांगों के साथ है. एसोसिएशन ने कहा कि जूडा की मांगों के साथ इंटर्न डॉक्टर का स्टाइपेंड भी बढ़ना तय हुआ था लेकिन इसका आदेश जारी नहीं हुआ है इसलिए मध्य प्रदेश के इंटर्न और एमबीबीएस विद्यार्थी उनके साथ खड़े हैं.
जूनियर डॉक्टर्स की क्या है मांग ?
- स्टाइपेंड में 24 फीसदी की बढ़ोत्तरी की मांग
- बेसिक स्टाइपेंड में हर साल 6 फीसदी बढ़ोत्तरी की मांग
- PG के बाद एक साल के ग्रामीण बॉन्ड को कोविड ड्यूटी के बदले हटाने के लिए कमेटी बने
- कोविड ड्यूटी में काम कर रहे डॉक्टर को 10 नंबर का गजटेड सर्टिफिकेट मिले
- कोविड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर और उनके परिवार के लिए अलग से बेड और फ्री इलाज
- कोविड ड्यूटी में लगे जूनियर डॉक्टर्स को सुरक्षा मुहैया कराई जाए
Junior Doctors Strike: 6 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर
प्रदेश में 2000 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर
बता दें कि पूरे प्रदेश में 2000 जूनियर डॉक्टर हड़ताल हैं और अकेले इंदौर में 450 डॉक्टर हड़ताल पर है. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाई, शासकीय डेंटल मेडिकल कॉलेज और गवर्नमेंट कैंसर हॉस्पिटल में कोरोना के अलावा भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहां के सारे जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है. डॉक्टरों ने बताया कि हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य संबंधित किसी भी तरह की व्यवस्था के लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार रहेगा.