भोपाल। देश में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम लगातार जा रही है. मध्यप्रदेश में भी पहले चरण में लगभग 4 लाख फ्रंटलाइन वर्कर को टीका लगाया जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. अब मुस्लिम समाज के धर्मगुरुओं ने भी कोरोना वेक्सीन पर सवाल उठाए हैं, जिसका कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने समर्थन किया है.
उलेमाओं के समर्थन में उतरे आरिफ मसूद
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि उलेमाओं ने जो बात कही है वो जायज बात है. वो इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि रिसर्च होना चाहिए और इजाजत धर्मगुरु ही देंगे और उनका फैसला जो आएगा ,वह मुसलमान मानेंगे. उलेमाओं द्वारा मुस्लिम डॉक्टर की इजाजत देने पर वैक्सीन लगाने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि उलेमाओं ने अगर मुस्लिम डॉक्टरों की इजाजत की बात कही है तो वो गलत कहा है. वो किसी भी डॉक्टर से पूछा जा सकता है, जिस पर विश्वास है वो किसी भी धर्म का हो.जो शक आ रहा है बार-बार कि किसी चीज की चर्बी मिलाई जा रही है अगर वो नहीं है तो फिर ठीक है.
केंद्र और राज्य सरकार पर उठाए सवाल
साथ ही आरिफ मसूद ने केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं कि सरकार के बड़े लोग क्यों नहीं वैक्सीन लगा रहे हैं. देश और राज्य के मुखिया नहीं लगवा रहे हैं जबकि दूसरे देशों में मुखिया आगे आकर वैक्सीन लगा रहे हैं. भारत में फ्रंटलाइन वर्कर को आगे किया जा रहा है.
सुन्नी मुस्लिम समाज के धर्मगुरू का विवादित बयान
कोरोना महामारी से बचने के लिए लोग कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. जब वैक्सीन आ गई तो सुन्नी मुस्लिम समाज के नायब काजी का कहना है कि पहले फतवा जारी होगा, तभी वैक्सीन लगवाएंगे. जब तक फतवे में वैक्सीन लगाने की इजाजत नहीं मिलेगी, तब तक वैक्सीन नहीं लगवाएंगे.
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पहले फतवा, फिर वैक्सीन लगवाएंगे
सुन्नी मुस्लिम समाज के धर्म गुरु नायब काजी का दावा है कि वैक्सीन को लेकर फिलहाल सभी की एक राय है. उनका कहना है कि धर्मगुरु के मुताबिक यह इस्लाम का मामला है, इसलिए हम फतवे का इंतजार कर रहे हैं. वहीं देवबंदी मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा है कि सभी को वैक्सीन लगवानी चाहिए क्योंकि वैक्सीन का इस्तेमाल बतौर दवा सही है.
क्या कहा था उलेमाओं ने
उज्जैन में सुन्नी मुस्लिम समाज के धर्मगुरु नायब काजी ने कहा था कि वैक्सीन सबके लिए है. टीका लगवाने के लिए जब भी फतवा जारी होगा, मस्जिदों से एलान करवा कर दिया जाएगा. जब तक सुन्नी उलेमा और मुस्लिम डॉक्टर फतवा नहीं जारी करेंगे जब तक टीका लगवाने की इजाजत नहीं मिलेगी, तब तक वे भी टीका का नहीं लगाएंगे.