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प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन पर संकट, मोबाइल नंबर बना वजह

आयुक्त कोष के एक आदेश के चलते मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी. वहीं इस पर कर्मचारियों ने भी लामबंध होकर अपनी आपत्ति जताई है. कर्मचारियों के मुताबिक आयुक्त का आदेश पूरी तरह गलत है.

पीड़ित कर्मचारी
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Published : Mar 28, 2019, 7:24 PM IST

भोपाल। आयुक्त कोष के एक आदेश के चलते मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी. इस फैसले पर कर्मचारी भी लामबंध हो गए हैं और अपना आक्रोश जता रहे हैं. दरअसल आयुक्त कोष ने आदेश निकाला है कि जिन कर्मचारियों के मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं है, उन्हें मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी.

1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन पर संकट

आयुक्त कोष एवं लेखा के इस फैसले से अकेले राजधानी भोपाल में कार्यरत 35 हजार और प्रदेश भर में करीब एक लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे. आदेश के अनुसार जब तक कर्मचारियों के व्यक्तिगत जानकारी और मोबाइल नंबर डेटा सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं होगी, तब तक उन्हें सैलरी नहीं मिलेगी.

कर्मचारियों का आरोप है कि जिस सॉफ्टवेयर में नंबर अपडेट कराने का आदेश निकाला गया है, वह ठीक से चलता तक नहीं है. ऐसे में जब सॉफ्टवेयर ही नहीं चलता तो वे कैसे उसमें नंबर दर्ज कराएंगे. ये समस्या पिछले एक साल जस की तस बनी हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि शासन जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहा है वो टाटा कंपनी का है, लेकिन वह आजतक ठीक से काम नहीं करता. साथ ही उन्होंने इस निर्णय को पूरी तरह गलत बताया. वहीं मामला बढ़ने पर कर्मचारी नेता ने भी सरकार को पत्र लिखा है कि कर्मचारियों का वेतन न रोका जाए.

भोपाल। आयुक्त कोष के एक आदेश के चलते मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी. इस फैसले पर कर्मचारी भी लामबंध हो गए हैं और अपना आक्रोश जता रहे हैं. दरअसल आयुक्त कोष ने आदेश निकाला है कि जिन कर्मचारियों के मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं है, उन्हें मार्च माह की सैलरी नहीं मिलेगी.

1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन पर संकट

आयुक्त कोष एवं लेखा के इस फैसले से अकेले राजधानी भोपाल में कार्यरत 35 हजार और प्रदेश भर में करीब एक लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे. आदेश के अनुसार जब तक कर्मचारियों के व्यक्तिगत जानकारी और मोबाइल नंबर डेटा सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं होगी, तब तक उन्हें सैलरी नहीं मिलेगी.

कर्मचारियों का आरोप है कि जिस सॉफ्टवेयर में नंबर अपडेट कराने का आदेश निकाला गया है, वह ठीक से चलता तक नहीं है. ऐसे में जब सॉफ्टवेयर ही नहीं चलता तो वे कैसे उसमें नंबर दर्ज कराएंगे. ये समस्या पिछले एक साल जस की तस बनी हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि शासन जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहा है वो टाटा कंपनी का है, लेकिन वह आजतक ठीक से काम नहीं करता. साथ ही उन्होंने इस निर्णय को पूरी तरह गलत बताया. वहीं मामला बढ़ने पर कर्मचारी नेता ने भी सरकार को पत्र लिखा है कि कर्मचारियों का वेतन न रोका जाए.

Intro:मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा कर्मचारी मार्च माह के वेतन से हो सकते हैं वंचित सॉफ्टवेयर में मोबाइल नंबर दर्ज नहीं होने की वजह से प्रदेश के एक लाख से ज्यादा कर्मचारी मार्च 1 अप्रैल की तनखा नहीं पा सकेंगे


Body:राजधानी के 35000 एवं मध्य प्रदेश के एक लाख से ज्यादा कर्मचारी मार्च की सैलरी नहीं पा सकेंगे कारण कोष एवं लेखा संचालनालय के सॉफ्टवेयर में कर्मचारियों का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं होने की वजह से आयुक्त कोष एवं लेखा ने सभी संयुक्त संचालक एवं सांसद कौशल अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं इसमें कहा गया है कि जब तक सॉफ्टवेयर में मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं होंगे तब तक वेतन नहीं मिलेगा अभी कर्मचारियों से संबंधित वेतन व्यक्तिगत दामों की मंजूरी एवं आरयन आवेदन की मंजूरी समेत अन्य जानकारी सॉफ्टवेयर क्या यह आईएफएमआईएस मोबाइल पर एम एम एस से भेजी जाती है इसलिए इस सॉफ्टवेयर में सभी कर्मचारियों के सही मोबाइल नंबर कराना जरूरी है इसके बाद ही अगला वेतन आहरित किया जाएगा मोबाइल नंबरों को आरयन अधिकारी यानी डीडीए द्वारा वेरीफाई किया जाएगा वह सरकारी फरमान के खिलाफ कर्मचारी संघ ने आयुक्त कोष एवं लेखा से फिलहाल सैलरी नहीं रोकने की मांग की है जबकि हंगामा बढ़ते देख आयुक्त महेश गुप्ता ने स्पष्ट किया कि 31 मार्च तक जो मोबाइल नंबर दर्ज नहीं हो पाए तो दीदी आई कारण बताते हुए आहरण कर सकते हैं उनके मोबाइल नंबर आगामी महीने में दर्ज किए जा सकेंगे कर्मचारियों में इस बात को लेकर टेंशन का माहौल है कर्मचारियों की मांग की कृपया उनका वेतन ना रोका जाए कर्मचारी नेता वीरेंद्र गूगल ने बताया उनके पास शिकायत आई थी जिसके लिए उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर इसकी मांग की है कि कर्मचारियों का वेतन केवल मोबाइल में सॉफ्टवेयर ना होने की वजह से ना रोका जाए सरकार इस पर काम कर रही है इसके लिए समय सीमा बढ़ाने की बात भी करी है हाल फिलहाल इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है कर्मचारियों को सख्त आदेश दे दिए गए हैं जिनके मोबाइल में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं है वह तनखा नहीं पा सकेंगे यदि ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश के लगभग एक लाख से ज्यादा कर्मचारी मार्च माह के वेतन से वंचित रहेंगे...



byte - लक्ष्मी नारायण शर्मा कर्मचारी
byte- वीरेंद्र खोगल कर्मचारी नेता


Conclusion:मध्य प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की बड़ी आफत मार्च माह का वेतन नहीं पा सकेंगे मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी इस लिस्ट में मध्य प्रदेश के तकरीबन एक लाख से ज्यादा कर्मचारी शामिल है
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