भोपाल। राजधानी भोपाल में शासकीय स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से राज्य सरकार के द्वारा नवाचार के तहत अनुगूंज कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत स्कूली छात्र-छात्राएं कई तरह की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बड़े मंच पर दे रहे हैं. इस कार्यक्रम में बच्चों ने एक-से-बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं, जिसने लोगों का मन मोह लिया.
देर शाम प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी भी परिवार के साथ इन बच्चों की प्रस्तुतियों का आनंद लेने के लिए पहुंचे और इनकी खूब प्रशंसा की.
बच्चों में छिपा है प्रतिभा का भंडार
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की तारीफ करते हुए कहा कि बच्चों के प्रदर्शन को देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि ये बच्चे पहली बार इतने बड़े मंच पर नृत्य, गायन, वादन और नाटक का प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके प्रदर्शन से यह साबित होता है कि शासकीय स्कूलों के बच्चों में प्रतिभा का भण्डार छिपा है. उपयुक्त अवसर, मार्गदर्शन और मंच मिलने पर वे उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं. इतना ही नहीं ये बच्चे भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रौशन कर सकते हैं. ये बच्चे ही प्रदेश का भविष्य हैं अत: इनके सर्वांगीण विकास के लिये पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शन करने के लिये सरकार हर संभव मदद के लिये प्रतिबद्ध है.
'अनुगूंज' की गूंज
इसके साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग के इस अभिनव प्रयास 'अनुगूंज' की गूंज चारों तरफ फैली है और बताया की बच्चों के सर्वांगीण विकास और उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिये तैयार करने लिये शिक्षा विभाग कई नवाचार कर रहा है, जिनमें स्टीम कान्क्लेव, उमंग माड्यूल, कक्षा-साथी एप, पालक-शिक्षक मीटिंग सहित अन्य गतिविधियां शामिल हैं.
वही प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा की शासकीय स्कूलों के बच्चों में आत्मविश्वास जगाने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिये अनुगूंज का आयोजन किया गया, जिसे बच्चों ने मेहनत और लगन से प्रभावी और मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सार्थक किया. वही अनुगूंज के दूसरे दिन 'रंगकार' में शासकीय स्कूलों के बच्चों ने आकर्षक नाट्य प्रस्तुतियां दीं.
गजमोक्ष नाटक
गौतम बुद्ध की जातक कथाओं पर आधारित नाटक गजमोक्ष में नेकदिल सफेद हाथी की कहानी का शासकीय विद्यालयों के 50 विद्यार्थियों ने बड़ा ही आकर्षक नाट्य रूपांतर प्रस्तुत किया, जिसमें बातों ही बातों में कई नैतिक शिक्षाएं दी गई थीं. इस नाटक में जंगल और शहर के दृश्यों को बड़े ही जीवन्त के रूप में प्रस्तुत किया गया. इसे बाल रंगमंच के विशेषज्ञ और प्रसिद्ध रंगकर्मी और निदेशक के.जी. त्रिवेदी ने तैयार कराया था.
पीली पूंछ नाटक
पीली पूंछ नामक नाट्य प्रस्तुति में कल्पना लोक की कहानियों को मंच पर शासकीय विद्यालयों के 70 विद्यार्थियों द्वारा साकार किया गया, जिसमें कल्पना-लोक में रहने वाली दादी और उनके भुलक्कड़ पोते चन्दू की कहानी है. जिसे लेखक और निदेशक विहान ड्रामा वर्क्स के प्रसिद्ध प्रयोगधर्मी रंग निदेशक सौरभ अनंत के द्वारा तैयार कराया गया था.