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नशे पर एमपी पुलिस का एक्शन, स्कूली छात्राओं को दिलाई शपथ

मध्यप्रदेश में नशा मुक्ति अभियान के तहत स्कूल के छात्राओं को इससे दूर रहने की सलाह दी जा रही है. भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में छात्राओं को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई(Bhopal school girls take oath for anti drugs). इस शपथ में इन बच्चियों को नशा नहीं करने और अपने साथियों को भी इस से दूर रहने के लिए कहा गया. ये कार्रवाई भोपाल के कलेक्टर द्वारा की जा रही है.

mp school girl students advise stay away from drug
एमपी स्कूल की छात्राओं को नशे से दूर रहने की सलाह
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Published : Dec 1, 2022, 5:11 PM IST

भोपाल। प्रदेश में लगातार नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के नशा मुक्ति को लेकर आए आंकड़ों के बाद अचानक से मध्यप्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी हलचल बढ़ गई है(anti drug campaign in MP). नशे से दूर रहने के लिए स्कूली छात्राओं को शपथ दिलाई जा रही है. इस दौरान भोपाल में एक स्कूल में छात्राओं को नशा मुक्ति को लेकर शपथ दिलाई जा रही था, जहां छात्राओं ने कहा कि, वह खुद भी इससे दूर रहेंगी और अपने साथियों को भी इससे दूर रखेंगी.

भोपाल की स्कूली छात्राओं ने ली नशामुक्ति की शपथ

नशे की रोकथाम पर प्रशासन सख्त: कुछ दिन पहले ही एनएचएम की डायरेक्टर प्रियंका दास ने एक कार्यक्रम में मंच से कहा था कि, मध्यप्रदेश में 7 प्रतिशत स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियां सिगरेट पीतीं हैं, जबकि 13 प्रतिशत महिलाएं बीड़ी का सेवन करती हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस बात से खुद हिल गए थे. इस रिपोर्ट के बाद कलेक्टर ने तुरंत एक्शन लेते हुए अधिकारियों की बैठक बुलाई, जहां उन्होंने स्कूलों के आसपास नशे की रोकथाम के लिए कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए.

MP DE Addiction campaign उज्जैन क्राइम ब्रांच ने दी कई जगह दबिश, बड़ी मात्रा में नशे का सामान जब्त

स्कूल में दिलाई जा रही नशा मुक्ति शपथ: बुधवार को भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में छात्राओं को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई. इस शपथ में इन बच्चियों को नशे से दूर रहने और अपने साथियों को भी इस से दूर रहने के लिए कहा गया. शपथ लेने वाली बच्चियों का कहना है कि, अक्सर वे आसपास देखती हैं कि उनके कुछ साथी सिगरेट पीते हैं. जबकि परिवार में भी कई बार यह माहौल नजर आता है. इसको लेकर अब वह खुद भी अपने दोस्तों को इससे दूर रहने के लिए बोलेंगी(Bhopal school girls take oath for anti drugs). सलोनी राजपूत कक्षा ग्यारहवीं में पढ़ती हैं. वह कहती हैं कि, उन्होंने शपथ ली है कि नशे से वह दूर रहेंगी, साथ ही अपने साथियों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगी. वहीं पारो बर्मन कहती हैं कि, नशा समाज की बुराई है. वह आसपास देखती हैं कि, स्कूल में भी जो छात्राएं हैं और उनके परिजन हैं वो नशा करते हुए नजर आते हैं. फिलहाल इस नशा मुक्ति शपथ से कितना असर बच्चों पर पड़ता है, यह देखने वाली बात होगी.

भोपाल। प्रदेश में लगातार नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के नशा मुक्ति को लेकर आए आंकड़ों के बाद अचानक से मध्यप्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी हलचल बढ़ गई है(anti drug campaign in MP). नशे से दूर रहने के लिए स्कूली छात्राओं को शपथ दिलाई जा रही है. इस दौरान भोपाल में एक स्कूल में छात्राओं को नशा मुक्ति को लेकर शपथ दिलाई जा रही था, जहां छात्राओं ने कहा कि, वह खुद भी इससे दूर रहेंगी और अपने साथियों को भी इससे दूर रखेंगी.

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नशे की रोकथाम पर प्रशासन सख्त: कुछ दिन पहले ही एनएचएम की डायरेक्टर प्रियंका दास ने एक कार्यक्रम में मंच से कहा था कि, मध्यप्रदेश में 7 प्रतिशत स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियां सिगरेट पीतीं हैं, जबकि 13 प्रतिशत महिलाएं बीड़ी का सेवन करती हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस बात से खुद हिल गए थे. इस रिपोर्ट के बाद कलेक्टर ने तुरंत एक्शन लेते हुए अधिकारियों की बैठक बुलाई, जहां उन्होंने स्कूलों के आसपास नशे की रोकथाम के लिए कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए.

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स्कूल में दिलाई जा रही नशा मुक्ति शपथ: बुधवार को भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में छात्राओं को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई. इस शपथ में इन बच्चियों को नशे से दूर रहने और अपने साथियों को भी इस से दूर रहने के लिए कहा गया. शपथ लेने वाली बच्चियों का कहना है कि, अक्सर वे आसपास देखती हैं कि उनके कुछ साथी सिगरेट पीते हैं. जबकि परिवार में भी कई बार यह माहौल नजर आता है. इसको लेकर अब वह खुद भी अपने दोस्तों को इससे दूर रहने के लिए बोलेंगी(Bhopal school girls take oath for anti drugs). सलोनी राजपूत कक्षा ग्यारहवीं में पढ़ती हैं. वह कहती हैं कि, उन्होंने शपथ ली है कि नशे से वह दूर रहेंगी, साथ ही अपने साथियों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगी. वहीं पारो बर्मन कहती हैं कि, नशा समाज की बुराई है. वह आसपास देखती हैं कि, स्कूल में भी जो छात्राएं हैं और उनके परिजन हैं वो नशा करते हुए नजर आते हैं. फिलहाल इस नशा मुक्ति शपथ से कितना असर बच्चों पर पड़ता है, यह देखने वाली बात होगी.

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