भोपाल। देश के प्रसिद्ध शायर अंजुम बाराबंकी ने राहत इंदौरी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि राहत इंदौरी का जाना देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. इस वक्त देश में उनसे बड़ा शायर नहीं था, जो मुशायरा में इतना अच्छा परफॉर्म करता हो. उनकी पूरी दुनिया मुरीद थी, ऐसा कोई मुल्क नहीं है, जहां उनको चाहने वाला न हो. इसलिए उनके अचानक चले जाने का यकीन नहीं होता है.
अंजुम बाराबंकी ने कहा कि दुनिया में कोई जगह नहीं जहां राहत इंदौरी का प्रशंसक ना हो. ऐसा कोई देश नहीं जहां उन्होंने हिंदुस्तान और उर्दू का परचम बुलंद न किया हो. इसलिए नुकसान बहुत बड़ा है, ये तय है जो आया है वो जाएगा, लेकिन अचानक इस तरह जाना कि सुबह अस्पताल जाते हैं और शाम को दुनिया को अलविदा कह देते हैं.
अंजुम बाराबंकी ने कहा कि मैं तो हमेशा इसका मुखालिफ रहा हूं हिंदू हिंदी और उर्दू को अलग-अलग नहीं देखना चाहिए. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अंजुम बाराबंकी ने उनके दो शेर श्रद्धांजलि स्वरुप पड़े.
- रात तारों की नुमाइश में खलल पड़ता है, चांद पागल हैं अंधेरे में पड़ता है. उसकी याद आई है सांस जरा आहिस्ता चलो, धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है..
बीते दिन कोरोना से पीड़ित मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया. वो कोरोना से भी संक्रमित थे. कोरोना संक्रमित होने के चलते इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती हुए थे, देर शाम अचानक उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है.