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आंगनवाड़ी केंद्रों को खाली पड़े सरकारी भवनों में शिफ्ट करेगी सरकार, 40 करोड़ चुकाना है किराया

प्रदेश में निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्र अब खाली पड़े मनोरंजन व सामुदायिक भवनों में शिफ्ट किये जाएंगे. प्रदेश भर में किराए के मकानों में करीब 30 हजार आंगनवाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इन निजी भवनों का सरकार पर करीब 40 करोड़ रुपए किराया बाकी है.

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Published : Jun 27, 2019, 7:19 PM IST

Imati devi

भोपाल। मध्यप्रदेश में निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को वार्डों में खाली पड़े मनोरंजन व सामुदायिक भवनों में शिफ्ट किया जाएगा. प्रदेश में किराए के मकानों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या करीब 30 हजार के पार है. सरकार पर 26000 आंगनवाड़ी केंद्रों के निजी भवनों का करीब 40 करोड़ रुपए किराया बाकी है, जिसके चलते ये फैसला लिया गया है.

आंगनवाड़ी केंद्रों होंगे सरकारी भवनों में शिफ्ट

महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा कि शिवराज सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों पर करीब 62 करोड़ रुपए बकाया छोड़कर गई थी. सरकार ने 20 करोड़ रुपए चुका दिया है और 20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया है. बाकी राशि भी जल्द चुका दी जाएगी.

  • निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्र खाली पड़े मनोरंजन व सामुदायिक भवनों में किये जाएंगे शिफ्ट.
  • प्रदेश भर में किराए के मकानों में चल रहे हैं करीब 30 हजार आंगनवाड़ी केंद्र.
  • सरकार पर निजी भवनों का 40 करोड़ रुपए किराया है बाकी.
  • शिफ्ट करने की शुरुआत ग्वालियर और शिवपुरी के आंगनवाड़ी केंद्रों से हुई.
  • किराया बचाने के लिये आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये नये भवन बनाए जाएंगे.

भोपाल। मध्यप्रदेश में निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को वार्डों में खाली पड़े मनोरंजन व सामुदायिक भवनों में शिफ्ट किया जाएगा. प्रदेश में किराए के मकानों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या करीब 30 हजार के पार है. सरकार पर 26000 आंगनवाड़ी केंद्रों के निजी भवनों का करीब 40 करोड़ रुपए किराया बाकी है, जिसके चलते ये फैसला लिया गया है.

आंगनवाड़ी केंद्रों होंगे सरकारी भवनों में शिफ्ट

महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा कि शिवराज सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों पर करीब 62 करोड़ रुपए बकाया छोड़कर गई थी. सरकार ने 20 करोड़ रुपए चुका दिया है और 20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया है. बाकी राशि भी जल्द चुका दी जाएगी.

  • निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्र खाली पड़े मनोरंजन व सामुदायिक भवनों में किये जाएंगे शिफ्ट.
  • प्रदेश भर में किराए के मकानों में चल रहे हैं करीब 30 हजार आंगनवाड़ी केंद्र.
  • सरकार पर निजी भवनों का 40 करोड़ रुपए किराया है बाकी.
  • शिफ्ट करने की शुरुआत ग्वालियर और शिवपुरी के आंगनवाड़ी केंद्रों से हुई.
  • किराया बचाने के लिये आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये नये भवन बनाए जाएंगे.
Intro:मध्यप्रदेश में निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को सरकार बंद कराने की तैयारी कर रही है इन भवनों को वार्डो में खाली पड़े मनोरंजन और सामुदायिक भवनों में शिफ्ट किया जाएगा इसकी शुरुआत ग्वालियर शिवपुरी से की गई है। निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों के किराए के रूप में हर साल करोड़ों चुकाने पड़ रहे हैं। सरकार पर ऐसे निजी भवनों का करीब 40 करोड़ रुपए बकाया है।


Body:मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाणगंगा इलाके में संचालित आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 776 को ही लीजिए। यह आंगनबाड़ी केंद्र निजी मकान में ही संचालित हो रहा है। इस आंगनवाड़ी केंद्र में करीब 115 बच्चे रजिस्टर्ड है। नगरीय क्षेत्र में संचालित इस आंगनवाड़ी केंद्र का सरकार ₹4000 मासिक किराया चुकाती है। मध्यप्रदेश में किराए के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या करीब 30 हजार के ऊपर है। इन भवनों के किराए के रूप में सरकार हर साल करीब 20 करोड़ रुपए चुका रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी का कहना है कि उन्होंने इसकी शुरुआत ग्वालियर और शिवपुरी जिले से की है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निजी भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को खाली पड़े वार्डों के मनोरंजन और सामुदायिक भवनों में शिफ्ट किया जाए। साथ ही स्वयं के भवन निर्मित किए जाएं ताकि किराए के रूप में जा रही मोटी रकम को बचाया जा सके।

सरकार को चुकाने हैं किराए के 40 करोड़ रुपए

मध्य प्रदेश की करीब 26000 आंगनवाड़ी केंद्रों का करीब 8 महीने से किराया बाकी है। किराए ना चुका है जाने की वजह से कई आंगनवाड़ी केंद्रों में ताला लगा दिया गया है। हालांकि विभागीय मंत्री इमरती देवी का कहना है कि ऐसी आंगनवाड़ियों पर करीब 62 करोड रुपए बकाया था जो पिछली शिवराज सरकार छोड़कर गई थी। इसमें से सरकार ने 20 करोड रुपए चुका दिया है। 20 करोड़ों रुपए का प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया गया है बाकी राशि भी जल्द चुकाई जाएगी।


Conclusion:
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