भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी कर रही कांग्रेस और बीजेपी को अब नोटा का डर सता रहा है, क्योंकि दोनों ही पार्टियों के चुनाव मैदान में उतरने वाले नेताओं को अपने प्रतिद्वंदी नेता से ही मुकाबला नहीं करना होगा. बल्कि एक मुकाबला उनका नोटा से भी होगा. माना जा रहा है कि 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के लिए बसपा के अलावा नोटा भी गणित बिगाडे़गा.
पिछले विधानसभा चुनाव में नोटा दोनों दलों के लिए विलेन साबित हुआ था. 14 सीटों पर हार का अंतर नोटा पर पड़े वोट से भी कम था. ऐसे में नोटा दोनों दलों के लिए चुनौती बना हुआ है.जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होना जा रहा है उन पर 2018 के विधानसभा चुनाव में 45 हजार 707 वोट नोटा पर पड़े थे. इससे साफ है कि पार्टियों द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों को मतदाताओं ने नकराते हुए नन ऑफ द अबव को चुना था. मतदाताओं के इस रूख से उपचुनाव वाली पांच सीटों पर नोटा गेम चेंजर साबित हुआ था. इन सीटों पर उम्मीदवार नोटा के सहारे ही जीत का स्वाद चख पाए थे.
वो पांच सीटें जहां नोटा ने बिगाड़ा था खेल
- आगर विधानसभा सीट- पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सीनियर लीडर मनोहर ऊंटवाल आगर विधानसभा सीट पर बमुश्किल ही जीते पाए थे. मनोहर ऊंटवाल को 82,146 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार विपिन वानखेडे़ को 79,656 वोट मिले थे. जीत-हार का अंतर सिर्फ 2490 वोटों का रहा, जबकि नोटा के खाते में 2160 वोट गए थे. यानी अंतर सिर्फ 330 वोट का रहा.
- सांवेर विधानसभा सीट- पाला बदलकर सांवेर विधानसभा सीट से किश्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरे तुलसी सिलावट को पिछले चुनाव में 96,535 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार राजेश सोनकर को 93,590 मिले थे. जीत-हार का अंतर 2945 वोटों का रहा, जबकि नोटा के खाते में 2591 वोट गए थे. यानी अंतर सिर्फ 354 वोट का रहा.
- नेपानगर विधानसभा सीट- 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सुमित्रा कासडेकर और बीजेपी की मंजू दादू के बीच जीत-हार का अंतर सिर्फ 1264 वोटों का रहा. कांग्रेस उम्मीदवार को 85,320 और बीजेपी को 84,056 वोट मिले, जबकि नोटा पर 2551 मतदाताओं ने अपना मत डाला.
- सुवासरा विधानसभा सीट- सुवासरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हरदीप सिंह डंग महज 350 वोटों से चुनाव जीत सके थे. हरदीप सिंह डंग को 93,169 जबकि बीजेपी के राधेश्याम पाटीदार को 92,819 वोट मिले, जबकि नोट पर 29,76 लोगों ने बटन दबाया.
- ब्यावरा विधानसभा सीट- पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गोवर्धन दागी और बीजेपी के नारायण सिंह के बीच जीत-हार का अंतर सिर्फ 826 वोटों का रहा, जबकि नोटा पर 1481 वोट डले.
2018 के चुनाव में नोटा विलेन साबित हुआ
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश में बहुमत का समीकरण नोटा के चलते बिगड़ा है. मध्यप्रदेश चुनावों में डेढ़ फीसदी यानी 4,66,626 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया था. तकरीबन 14 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे, जहां पांच हजार से ज्यादा वोट नोटा के पक्ष के गिरे थे. नोटा यानी नन ऑफ द अबव दोनो दलों के लिए विलेन साबित हुआ था. 230 सीटों में से 14 सीटों पर हार का अंतर नोटा पर पड़े वोट से भी कम था, अब जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें 45,707 लोगों ने नोटा पर वोट डाला था.
क्या है नोटा
नोटा यानी नन ऑफ द अबव का मुख्य उद्देश्य उन मतदाताओं को एक विकल्प उपलब्ध कराना है, जो चुनाव लड़ रहे किसी भी कैंडिडेट को वोट नहीं डालना चाहते. यह वास्तव में मतदाताओं के हाथ में चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट का विरोध करने का एक हथियार है. निर्वाचन आयोग ने ऐसी व्यवस्था की है कि वोटिंग प्रणाली में एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाए ताकि यह दर्ज हो सके कि कितने फीसदी लोगों ने किसी को भी वोट देना उचित नहीं समझा है. चुनाव में आपके पास एक और विकल्प होता है कि आप 'इनमें से कोई नहीं' का बटन दबा सकते हैं. यह विकल्प है नोटा, इसे दबाने का मतलब यह है कि आपको चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट में से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है.
बीजेपी और कांग्रेस ने रखी अपनी बात
विधानसभा चुनाव में डेढ़ फीसदी वोट नोटा पर जाने की स्थिति को बीजेपी चिंताजनक मानती है. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी के मुताबिक सभी को सोचना होगा कि आखिर क्यों ये मतदाता नोटा की तरफ जा रहे हैं. सभी को प्रयास करने होंगे कि यह मतदाता किसी न किसी दल की तरफ आकर्षित हों. उधर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के मुताबिक पिछले बार की परिस्थितियां अलग थीं, लेकिन इस बार नोटा की तरफ लोग कम ही जाएंगे. कांग्रेस के साथ लोग भावना के साथ जुड़ेंगे.
पिछले विधानसभा चुनाव में नोटा को मिले वोट
विधानसभा सीट - नोटा
सुमावली- 1086
मुरैना- 1138
दिमनी- 436
अंबाह- 1255
आगर- 2160
ग्वालियर- 1109
ग्वालियर पूर्व- 1873
मेहगांव- 283
मांधाता- 1575
ब्यावरा- 1481
गोहद- 982
डबरा- 2389
भांडेर- 1228
मुंगावली- 740
सुरखी- 2137
सांची- 2519
हाटपिपल्या- 1847
सुवासरा- 2976
अनूपपुर- 2730
सांवेर- 2551
बदनावर- 2656
जौरा-353
नेपानगर- 2551
बड़ामलहरा- 963
करेरा - 1850
पोहरी- 428
बामोरी -1132
अषोकनगर -2004