भोपाल। पीएम मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया. जिसमें मध्य प्रदेश के 34 स्टेशन भी शामिल रहे. मध्यप्रदेश में भी रेल इंफ्रास्ट्रक्चर का निरंतर विकास किया जा रहा है. मध्यप्रदेश में वर्तमान में 77,797 करोड़ रुपए से अधिक की लगभग 40 परियोजनाओं में कार्य चल रहा है. मध्य प्रदेश को इस वर्ष के बजट में रिकॉर्ड 13607 करोड रुपए रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए दिए गए हैं. इसी कड़ी में सरकार द्वारा अमृत भारत स्टेशन की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत देशभर में आने वाले वर्षों में 1300 से अधिक स्टेशनों का कायाकल्प किया जाना है. मध्यप्रदेश में 80 से अधिक स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास किया जायेगा.
नए आयामों को छू रहा भारतीय रेलवे: भारत में आम जनता के परिवहन के लिए भारतीय रेलवे का महत्वपूर्ण योगदान है. देश में लाखों लोग प्रतिदिन रेलवे के जरिए सफर करते हैं. इसे लेकर प्रधानमंत्री ने लोगों को बेहतर सेवा और यात्रा के बेहतर अनुभव के लिए रेल के विकास की रफ्तार भी बढ़ा दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल ने नित नए आयामों को छुआ है. आजादी के अमृत काल में वंदे भारत एक्सप्रेस, नई रेल लाइन, दोहरीकरण एवं तिहरीकरण और रेल विद्युतीकरण के कार्य तेज रफ्तार से चल रहे हैं. साथ ही अधोसंरचना के क्षेत्र में रेलवे ने अभूतपूर्व प्रगति हासिल की है.
1127 करोड़ रुपये से होगा पुनर्विकास: इस योजना के अंतर्गत चयनित स्टेशनों में स्टेशन भवन का सुधार और स्थानीय कला तथा संस्कृति के तत्व का समावेश करते हुए सौंदर्यीकरण किया जाएगा. साथ ही स्टेशन के अग्र भाग का सौन्दर्यीकरण, सर्कुलेटिंग एरिया, द्वितीय प्रवेश द्वार और आगमन एवं प्रस्थान बिल्डिंग का भी पुनर्विकास किया जाएगा. जिनमें स्टेशन पहुंच मार्ग के लिए नई सड़कें, पैदल पथ, पार्किंग तथा सुगम यातायात की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी. स्टेशनों को दिव्यांग फ्रेंडली बनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत हर स्टेशन पर दिव्यांग शौचालय एवं रैंप इत्यादि की सुविधा सुनिश्चित की जायेगी.
यात्रियों को मिलेंगी तमाम सुविधाएं: 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज के प्रावधान के साथ-साथ हाई लेवल प्लेटफॉर्म, बेहतर सतह, कवर शेड, उन्नत प्रतीक्षालय एवं शौचालय इत्यादि का भी समुचित प्रावधान किया जाना है. यात्रियों की सुविधा हेतु उन्नत फर्नीचर, स्टैंडर्ड साइन बोर्ड, पर्यटक सुविधा काउंटर, चिकित्सकीय सुविधाएं, पेयजल व्यवस्था, टिकटिंग व्यवस्था, फ़ूड स्टॉल, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली, चार्जिंग प्वाइंट एवं सहायता बूथ की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
पश्चिम मध्य रेल के विभिन्न स्टेशनों पर अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत आज जिन 34 स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास प्रधानमंत्री के कर कमलों द्वारा किया गया, इनमें जबलपुर मंडल के 11, भोपाल मंडल के 11 एवं कोटा मंडल के हैं. जिसकी विस्तृत जानकारी और लागत इस प्रकार है.
जबलपुर रेल मंडल के स्टेशन: जबलपुर रेल मंडल के कटनी जंक्शन (30 करोड़), कटनी मुड़वारा (22 करोड़), कटनी साउथ (20.6 करोड़), दमोह (25 करोड़), गाडरवारा (23 करोड़), श्रीधाम (21.5 करोड़), मैहर (21.4 करोड़), करेली (20 करोड़), सिहोरा रोड (19 करोड़), रीवा (17.5 करोड़) और सागर (17.5 करोड़).
भोपाल रेल मंडल के स्टेशन: भोपाल रेल मंडल के इटारसी जंक्शन (29.9 करोड़), गुना (28.5 करोड़), गंज बासौदा (21.3 करोड़), संत हिरदाराम नगर (21.2 करोड़), ब्यावरा राजगढ़ (20.3 करोड़), शिवपुरी (20.1 करोड़), रुठियाई (19.8 करोड़), बानापुरा (19.1 करोड़), विदिशा (18.6 करोड़), नर्मदापुरम (18.4 करोड़), हरदा (18.0 करोड़).
प्रथम चरण में 6 अगस्त को हुआ 34 स्टेशनों का शिलान्यास: प्रथम चरण में पूरे मध्य प्रदेश की बात करें तो अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 34 स्टेशनों का शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा किया गया. जिसमें इटारसी जंक्शन, गुना, गंज बासौदा, संत हिरदाराम नगर, ब्यावरा राजगढ़, शिवपुरी, रुठियाई, बानापुरा, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, सिहोरा रोड, कटनी जंक्शन, दमोह, गाडरवारा, कटनी मुड़वारा, श्रीधाम, मैहर, कटनी साउथ, करेली, रीवा, सागर, शामगढ़, विक्रमगढ़ आलोट, खजुराहो, डबरा, नेपानगर, बैतूल, आमला जंक्शन, जुन्नारदेव, घोड़ाडोंगरी, मुलताई, पांढुरना एवं देवास जंक्शन स्टेशन शामिल हैं.
पर्यटन और रोजगार के अवसर बढे़ंगे: स्टेशनों के पुनर्विकास योजना से क्षेत्र की आर्थिक तथा सामाजिक उन्नति भी होगी. रेलवे स्टेशन की उन्नति के साथ क्षेत्र में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं पैदा होंगी और साथ ही रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा और व्यापार के क्षेत्रों में नए अवसर उपलब्ध होंगे.