भोपाल। हमीदिया अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए इंजेक्शन देने की व्यवस्था में बदलाव हुआ है. अब यह इंजेक्शन ऑपरेशन के बाद सिर्फ 3 दिन तक ही दिए जाएंगे. इसके बाद पोसाकोनाजोल टेबलेट से ही मरीज का इलाज किया जाएगा. यह व्यवस्था, हमीदिया के बाहर अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के लिए है. जीएमसी में यह सूचना चिपका दी गई है कि मरीज के परिजन बता रहे हैं कि अब उन्हें इंजेक्शन के विकल्प के तौर पर टेबलेट की सलाह दी जा रही है. इंजेक्शन की आपूर्ति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. मरीज के परिजन भोपाल में स्थित अलग-अलग मेडिकल स्टोर पर जाकर यह इंजेक्शन खरीद रहे हैं. लेकिन मांग के हिसाब से आज भी मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा परिजनों को इंजेक्शन उस संख्या में नहीं प्राप्त हो रहे हैं. जितनी मरीज को जरूरत बताई जा रही है.
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हमीदिया में ब्लैक फंगस से 17 मरीजों की मौत
जीएमसी के डीन डॉ. जितेन शुक्ला ने बताया कि गुरुवार को 127 मरीज हमीदिया में भर्ती थे. इनमें से 10 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है. जबकि 9 नए मरीज भर्ती किए गए है. अब यहां कुल मरीजों की संख्या 126 है. जिन का इलाज ईएनटी सर्जन कर रहे हैं. एंडोस्कोपी और सर्जरी के जरिए ब्लैक फंगस का इलाज किया जा रहा है. एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन के साथ ही पोसाकोनाजोल टेबलेट भी मरीजों को दी जा रही है. हमीदिया में भर्ती मरीजों में से गुरुवार तक 17 मरीजों की मौत अब तक हो चुकी है. पहले यह आंकड़ा 15 तक पहुंचा था. लेकिन पिछले दो दिनों में दो मौतें ब्लैक फंगस के चलते हुई हैं. राजधानी की बात की जाए तो गुरुवार तक ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 322 तक पहुंच गई है.
दवा बाजार से मिल रहे इंजेक्शन
नई व्यवस्था की तहत अब हमीदिया के बाहर इलाज करा रहे मरीजों को दवा बाजार से इंजेक्शन मिल रहे हैं. डॉ. जितेन शुक्ला ने बताया कि जिस दिन मरीज का ऑपरेशन होगा. उससे 3 दिन तक यह इंजेक्शन प्रशासकीय स्वीकृति से दिए जाएंगे. इसके लिए मरीज को अस्पताल से ऑपरेशन की तारीख डिमांड लेटर में मेंशन करना पड़ेगी. यह इंजेक्शन दवा बाजार में उपलब्ध है, जहां से परिजन इन्हें खरीद रहे हैं गुरुवार को 150 इंजेक्शन मेडिकल स्टोर पर पहुंचे थे.