भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा मध्य प्रदेश सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किए जाने को लेकर कांग्रेस ने जमकर पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा कि "बीजेपी को मध्य प्रदेश की 20 साल से सत्ता में काबिज शिवराज पर भरोसा नहीं है, इसलिए सीएम शिवराज के स्थान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनका रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करना पड़ रहा है. अमित शाह ने यह भी साफ कर दिया है कि अगला चुनाव बीजेपी शिवराज के चेहरे पर नहीं लड़ रही." पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि "केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते समय यह भी बताना था कि मध्य प्रदेश में आखिर एक करोड़ बेरोजगार का जिम्मेदार कौन है. आखिर प्रदेश में महिलाओं, बच्चियों और आदिवासियों पर अपराध के मामले में देश में शीर्ष राज्यों में क्यों शामिल है और इसके जिम्मेदार कौन है." कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि "मैं फर्स्ट डिवीजन से पास होने वाले छात्र के रिपोर्ट कार्ड पर तो चर्चा कर सकता हूं, लेकिन जो फेल हो गया हो, उसके रिपोर्ट कार्ड पर आखिर क्या चर्चा करना.
जीतू पटवारी का अमित शाह से सवाल: जीतू पटवारी ने कहा कि "बीजेपी को शिवराज के नाम पर ही भरोसा नहीं है, क्योंकि उनका नाम पब्लिक में डैमेज हो चुका है. इसीलिए जब रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया गया कि क्या शिवराज के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा तो उन्होंने कह दिया कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है. इससे साफ है कि पार्टी को अब शिवराज के चेहरे पर ही भरोसा नहीं रहा गया." जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "बीजेपी को शिवराज के 20 साल के कामकाज पर ही भरोसा नहीं है. जिस कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर बीजेपी बात करती है, उनके दोनों बेटे इलाज के अभाव में कोरोना में तड़प-तड़प कर मर गए."
जीतू ने पूछा-अपराध और आत्महत्या के मामले में जिम्मेदार कौन: चुनाव पूर्व मंत्री पटवारी ने कहा "सरकार डबल इंजन की और उसके पहले सरकार किसानों की डबल इनकम की बात करती थी, लेकिन अमित शाह नहीं बता पाए कि किसानों का समर्थन मूल्य क्यों नहीं बढ़ा. आखिर मध्य प्रदेश में किसानों की आत्महत्या इतनी ज्यादा क्यों होती है. बीजेपी यह भी नहीं बता पाई कि पूरे मध्य प्रदेश में एक करोड़ बेरोजगार है और यदि यह संख्या इतनी ज्यादा बढ़ी है तो इसका जिम्मेदार कौन है. अमित शाह को बताना चाहिए कि मध्य प्रदेश युवाओं की आत्महत्या के मामले में चौथे नंबर पर है, तो इसका जिम्मेदार कौन है. बीजेपी ने पिछले 18 सालों में ऐसी व्यवस्था क्यों बनाई की प्रदेश में कामगार मजदूर सबसे ज्यादा हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्यों नहीं बता पाए कि मध्यप्रदेश में 2 लाख बहने-बच्चियां कहां गायब हो गईं और महिला अपराध में मध्यप्रदेश नंबर 1 पर क्यों है. 20 साल तक मध्य प्रदेश में बीजेपी का मुख्यमंत्री रहने के बाद भी आखिर प्रदेश में आदिवासी अपराध इतना ज्यादा क्यों है. अमित शाह ने सिर्फ एक बात सही कही कि हमारा मुख्यमंत्री इस लायक नहीं है कि उनके चेहरे पर फिर चुनाव लड़ा जाए"
पूर्व मंत्री भनोट बोले-सरकार ने अमित शाह से झूठ बुलवाया: पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने आरोप लगाया है कि "मध्य प्रदेश की सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी झूठ बुलवाया गया. उन्होंने राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक पत्र दिखाते हुए कहा कि नगरीय विकास एवं आवास की पीएम आवास योजना, स्कूल शिक्षा विभाग में उत्कृष्ट विद्यालय में दिए जाने वाला अनुदान पर रोक लगाई गई. हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रयोगशाला के लिए अनुदान पर रोक लगाई गई. स्कूलों में बैठक व्यवस्था पर अनुदान पर भी रोक लगाई गई. तकनीकी शिक्षा विभाग में भी मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में पैसा देने पर रोक लगाई गई. पिछले 4 माह से निराश्रित पेंशन का भुगतान नहीं किया गया. शिवराज सरकार ने गृहमंत्री को झूठे आंकड़े पकड़ा कर मंच से उनसे झूठ बुलवाया है. बीजेपी को अपना रिपोर्ट कार्ड पर पेश नहीं करना चाहिए. बल्कि अपना हिसाब जनता के सामने रखना चाहिए कि आखिर साढे़ तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज़ मध्य प्रदेश पर कैसे हो गया."
विवेक तंखा ने दिया मुख्य सचिव को एक हफ्ते का अल्टीमेट: उधर इसके पहले पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद और जाने-माने अधिवक्ता विवेक तंखा ने कहा कि "राज्य सरकार ने राजनीतिक कारणों से मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन दिया है. क्या मध्यप्रदेश में एक भी सक्षम अधिकारी नहीं है. विवेक तंखा ने कहा कि जल्द ही मैं इस बात का खुलासा करूंगा कि इस मुख्य सचिव ने इस अधिकारी को क्यों एक्सटेंशन दिया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि शनिवार तक मुख्य सचिव अपना इस्तीफा सौंपा नहीं तो उनके खिलाफ मुहिम छेड़ी जाएगी.