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Bhopal News: टैक्स वसूली में सौतेलेपन का आरोप, छोटे बकायादारों पर सख्ती लेकिन बीजेपी कार्यालय पर लाखों बाकी - madhyapradesh news in hindi

भोपाल नगर निगम बकाया टैक्स वसूलने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. करदाताओं के घर और दफ्तरों के बाहर ढोल और नगाड़े भी पिटवाए जा रहे हैं. हालांकि, इस कार्रवाई में पक्षपात के आरोप भी लग रहे हैं. कहा जा रहा है कि बड़े बकायादारों को वसूली की इस कार्रवाई से खुली छूट दी जा रही है.

Nagar nigam tax
टैक्स वसूली अभियान
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Published : Feb 28, 2023, 3:50 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 4:41 PM IST

टैक्स वसूली अभियान

भोपाल। अपनों पर रहम, गैरों पर सितम...यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी. फिलहाल, इस कहावत को भोपाल नगर निगम से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, भोपाल नगर निगम इन दिनों टैक्स वसूलने को लेकर सख्ती बरत रहा है. बकायादारों को नीलामी तक के नोटिस दिए जा रहे हैं. उनके घर और दुकानों के बाहर ढोल-नगाड़े बजाकर सूचना दी जा रही है. घरों पर नोटिस चिपकाकर उनके फोटो खींचे जा रहे हैं. इन फोटो को निगम मुख्यालय के ऐप पर अपलोड किया जा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष का आरोप-बड़े बकायादारों पर रहम क्यों: भोपाल में इस बार 2 साल की देरी से नगर सरकार बनी है. टैक्स वसूली का पूरा अभियान भोपाल नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने संभाल रखा है. लेकिन निगम की इस सख्ती पर भेदभाव के आरोप भी लग रहे हैं. नगर निगम भोपाल में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी का कहना है, 'टैक्स वसूलने के अभियान में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. बड़े बकायादारों को छुआ तक नहीं जा रहा. क्या सारा बोझ और नियम मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए ही हैं. बड़े बकायादारों में बीजेपी कार्यालय भी शामिल है, जिस पर लाखों का टैक्स बाकी है. वहां जाकर नगर निगम ढोल क्यों नहीं पीटता.'

भोपाल से जुड़ीं अन्य खबरें भी जरूर पढ़ें

करोड़ों रुपए का टैक्स बाकी: भोपाल में छोटे टैक्सपेयर्स पर भले ही 10 से लेकर 15000 रुपए तक का प्रॉपर्टी बचा हो लेकिन उनको नीलामी के नोटिस दिए जा रहे हैं. बड़े सरकारी संस्थान और क्षेत्रों में नगर निगम झांक तक नहीं रहा है, जहां करोड़ों में टैक्स बचा है. इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही जलकर भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक, इन बड़े बकायादारों पर करोड़ों रुपए का टैक्स बाकी है...

  1. गैमन इंडिया: 7.3 करोड
  2. डीबी मॉल: 27.9 करोड़
  3. हमीदिया अस्पताल: 2.8 करोड़
  4. जीएमसी: 3.7 करोड़
  5. कमला नेहरू अस्पताल: 3.9 करोड़
  6. MES: 7 करोड़
  7. स्मार्ट सिटी प्राधिकरण: 14.7 करोड़
  8. रेल विभाग: 2.8 करोड़
  9. बीजेपी कार्यालय: 55 लाख रुपए

कमिश्नर ने आरोपों को नकारा: नगर निगम की कार्रवाई से परेशान लोगों का आरोप है कि महज 12 से 13000 रुपए टैक्स जमा नहीं करने के चलते मकान नीलामी तक के नोटिस दे दिए गए हैं. नीलामी की तारीख तक घोषित कर दी गई है. उनकी CR खराब हो रही है. उन्हें अगर मकान पर लोन लेना पड़ा तो वह भी नहीं मिलेगा. इसके उलट नगर निगम कमिश्नर इन आरोपों को फिजूल बता रहे हैं. उनका कहना है, 'कुछ भी हो, टैक्स तो जमा करना ही होगा. चाहे कोई भी हो.'

टैक्स वसूली अभियान

भोपाल। अपनों पर रहम, गैरों पर सितम...यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी. फिलहाल, इस कहावत को भोपाल नगर निगम से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, भोपाल नगर निगम इन दिनों टैक्स वसूलने को लेकर सख्ती बरत रहा है. बकायादारों को नीलामी तक के नोटिस दिए जा रहे हैं. उनके घर और दुकानों के बाहर ढोल-नगाड़े बजाकर सूचना दी जा रही है. घरों पर नोटिस चिपकाकर उनके फोटो खींचे जा रहे हैं. इन फोटो को निगम मुख्यालय के ऐप पर अपलोड किया जा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष का आरोप-बड़े बकायादारों पर रहम क्यों: भोपाल में इस बार 2 साल की देरी से नगर सरकार बनी है. टैक्स वसूली का पूरा अभियान भोपाल नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने संभाल रखा है. लेकिन निगम की इस सख्ती पर भेदभाव के आरोप भी लग रहे हैं. नगर निगम भोपाल में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी का कहना है, 'टैक्स वसूलने के अभियान में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. बड़े बकायादारों को छुआ तक नहीं जा रहा. क्या सारा बोझ और नियम मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए ही हैं. बड़े बकायादारों में बीजेपी कार्यालय भी शामिल है, जिस पर लाखों का टैक्स बाकी है. वहां जाकर नगर निगम ढोल क्यों नहीं पीटता.'

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करोड़ों रुपए का टैक्स बाकी: भोपाल में छोटे टैक्सपेयर्स पर भले ही 10 से लेकर 15000 रुपए तक का प्रॉपर्टी बचा हो लेकिन उनको नीलामी के नोटिस दिए जा रहे हैं. बड़े सरकारी संस्थान और क्षेत्रों में नगर निगम झांक तक नहीं रहा है, जहां करोड़ों में टैक्स बचा है. इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही जलकर भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक, इन बड़े बकायादारों पर करोड़ों रुपए का टैक्स बाकी है...

  1. गैमन इंडिया: 7.3 करोड
  2. डीबी मॉल: 27.9 करोड़
  3. हमीदिया अस्पताल: 2.8 करोड़
  4. जीएमसी: 3.7 करोड़
  5. कमला नेहरू अस्पताल: 3.9 करोड़
  6. MES: 7 करोड़
  7. स्मार्ट सिटी प्राधिकरण: 14.7 करोड़
  8. रेल विभाग: 2.8 करोड़
  9. बीजेपी कार्यालय: 55 लाख रुपए

कमिश्नर ने आरोपों को नकारा: नगर निगम की कार्रवाई से परेशान लोगों का आरोप है कि महज 12 से 13000 रुपए टैक्स जमा नहीं करने के चलते मकान नीलामी तक के नोटिस दे दिए गए हैं. नीलामी की तारीख तक घोषित कर दी गई है. उनकी CR खराब हो रही है. उन्हें अगर मकान पर लोन लेना पड़ा तो वह भी नहीं मिलेगा. इसके उलट नगर निगम कमिश्नर इन आरोपों को फिजूल बता रहे हैं. उनका कहना है, 'कुछ भी हो, टैक्स तो जमा करना ही होगा. चाहे कोई भी हो.'

Last Updated : Feb 28, 2023, 4:41 PM IST
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