भोपाल। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मध्य प्रदेश के सभी जिलों के सभी ऑफिसों में सरकार के खिलाफ गुरुवार को अधिकारी-कर्मचारी समूहिक अवकाश पर हैं. इस संयुक्त मोर्चा में प्रदेश के 43 यूनियन शामिल हैं. अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा सरकार से अपनी 2 मांगों को मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रहा है. इस आंदोलन से शासकीय कामकाज एक दिन के लिए बंद है. इस आंदोलन में करीब 6 लाख कर्मचारी शामिल हैं.
6 लाख से अधिक कर्मचारी होंगे शमिल
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हो रहे इस आंदोलन में प्रदेश के लगभग सभी ऑफिस में कामकाज बंद रहेगा. सफाई कर्मचारी से लेकर तहसीलदार तक इस आंदोलन में शामिल है. जो महंगाई भत्ता सहित दो मांगों के लिए सरकार से गुहार लगा रहे है. इस आंदोलन के प्रथम चरण में सभी कर्मचारी संगठनों के प्रांतीय, संभागीय, जिला, तहसील, ब्लॉक स्तर के समस्त पदाधिकारी, सदस्य और अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक, लधु वेतन कर्मचारी पूर्ण रूप से सम्मिलित होकर आंदोलन को गति प्रदान करेंगे. इसके बाद भी यदि सरकार की तरफ से सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा.
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इन दो मांगों के लिए कर रहे प्रदर्शन
- 5% महंगाई भत्ता, जो राज्य सरकार द्वारा स्थगित कर दिया गया था
- कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति दिए जाने की मांग
नगर निगम से लेकर तहसील के कामकाज तक पड़ेगा असर
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 43 संगठनों से मिलकर बना है. इसमें छोटे-छोटे संगठन जुड़े हुए है. जिसमें नगरपालिका, पटवारी, वन, तहसीलदार, शिक्षा विभाग, पंचायत, पेशनर से जुड़े संघटन है. प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदेश में गुरुवार को सामूहिक अवकाश होगा. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. वहीं सरकार भी इन कर्मचारियों के दबाव में दिख रही है. जिसके चलते वेतन वृद्धि की मांग मान ली है, अन्य पर विचार कर रही है.