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सिंधिया के बयान पर अजय सिंह का पलटवार, कहा- टाइगर सामने से वार करता है, कभी दगा नहीं करता - पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बयान में कहा था कि, 'टाइगर अभी जिंदा है,' जिस पर विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि, 'टाइगर सामने से वार करता है, कभी दगा नहीं करता.'

Ajay Singh counterattack on Scindia statement
सिंधिया के बयान पर अजय सिंह का पलटवार
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Published : Jul 2, 2020, 9:47 PM IST

भोपाल। कांग्रेस से बगावत करने के बाद 3 महीने बीतने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उन्होंने अपने बयानों और भाषणों में बार-बार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को चेतावनी देते हुए कहा कि टाइगर अभी जिंदा है. उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी में सर्कस के टाइगर की संख्या बढ़ गई है. वहीं उन्होंने क्षेत्र की उपेक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि आज कल दगाबाज भी अपने आपको टाइगर कहने लगे हैं, जबकि टाइगर हमेशा सामने से वार करता है.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि बीजेपी के सर्कस में टाइगरों की संख्या बढ़ गई है. उन्होंने मंत्रिमंडल के गठन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जहां विंध्य से बीजेपी को जन समर्थन मिला, उस क्षेत्र की उपेक्षा करते हुए मंत्रिमंडल में सौदेबाजों को तवज्जों दी गई है.

अजय सिंह ने कहा कि बीजेपी में अभी तक एक नेता अपने आपको "टाइगर जिंदा है" कहते थे, अब दगाबाज पीठ पर छुरा भोंकने वाले भी अपने आपको टाइगर कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि टाइगर हमेशा सामने से वार करता है.

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन में विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा की गई है. बीजेपी ने सबसे ज्यादा इस क्षेत्र से सीटें जीती और सबसे ज्यादा मंत्री भी बने, जिन्होंने गद्दारी करके अपना पद पाया है. धन और पद लोभी विंध्य जनता पर भारी पड़े हैं. यहीं धोखा देना और दो मुंही बात करना ही बीजेपी का असली चाल, चरित्र और चेहरा है. मध्य प्रदेश के गौरवशाली राजनीतिक इतिहास को कलंकित करने वाली बीजेपी ने एक कलंक का टीका प्रदेश के माथे पर लगा दिया है. उसने उन्हें मंत्री बना दिया है, जो विधानसभा के सदस्य ही नहीं हैं.

अजय सिंह ने कहा कि आने वाले उपचुनाव में प्रदेश की जनता बताएगी कि मध्य प्रदेश में सौदेबाजी की सरकार बर्दाश्त नहीं की जाएगी, तब टाइगर को पता चलेगा कि वह जिंदा तो हैं, पर सर्कस से ज्यादा उसका कोई स्थान नहीं है. भारतीय राजनीति के इतिहास में शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया सत्ता लोलुपता की मिसाल होंगे.

भोपाल। कांग्रेस से बगावत करने के बाद 3 महीने बीतने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उन्होंने अपने बयानों और भाषणों में बार-बार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को चेतावनी देते हुए कहा कि टाइगर अभी जिंदा है. उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी में सर्कस के टाइगर की संख्या बढ़ गई है. वहीं उन्होंने क्षेत्र की उपेक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि आज कल दगाबाज भी अपने आपको टाइगर कहने लगे हैं, जबकि टाइगर हमेशा सामने से वार करता है.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि बीजेपी के सर्कस में टाइगरों की संख्या बढ़ गई है. उन्होंने मंत्रिमंडल के गठन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जहां विंध्य से बीजेपी को जन समर्थन मिला, उस क्षेत्र की उपेक्षा करते हुए मंत्रिमंडल में सौदेबाजों को तवज्जों दी गई है.

अजय सिंह ने कहा कि बीजेपी में अभी तक एक नेता अपने आपको "टाइगर जिंदा है" कहते थे, अब दगाबाज पीठ पर छुरा भोंकने वाले भी अपने आपको टाइगर कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि टाइगर हमेशा सामने से वार करता है.

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन में विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा की गई है. बीजेपी ने सबसे ज्यादा इस क्षेत्र से सीटें जीती और सबसे ज्यादा मंत्री भी बने, जिन्होंने गद्दारी करके अपना पद पाया है. धन और पद लोभी विंध्य जनता पर भारी पड़े हैं. यहीं धोखा देना और दो मुंही बात करना ही बीजेपी का असली चाल, चरित्र और चेहरा है. मध्य प्रदेश के गौरवशाली राजनीतिक इतिहास को कलंकित करने वाली बीजेपी ने एक कलंक का टीका प्रदेश के माथे पर लगा दिया है. उसने उन्हें मंत्री बना दिया है, जो विधानसभा के सदस्य ही नहीं हैं.

अजय सिंह ने कहा कि आने वाले उपचुनाव में प्रदेश की जनता बताएगी कि मध्य प्रदेश में सौदेबाजी की सरकार बर्दाश्त नहीं की जाएगी, तब टाइगर को पता चलेगा कि वह जिंदा तो हैं, पर सर्कस से ज्यादा उसका कोई स्थान नहीं है. भारतीय राजनीति के इतिहास में शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया सत्ता लोलुपता की मिसाल होंगे.

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