भोपाल। मध्यप्रदेश में कुल ऊर्जा उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 20 फीसदी है. जिसे सरकार ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए प्रदेश के मुरैना, सागर, दमोह और रतलाम जिलों में 5 हजार मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है. तीसरे वैश्विक नवकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने आगर, शाजापुर, नीमच, छतरपुर और ओमकालेश्वर में 3600 मेगावाट क्षमता के सोलर एनर्जी पार्क लगाने की मंजूरी दी है. जिस पर 15 हजार करोड़ के निवेश का अनुमान है.
वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में पिछले सालों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है. विद्युत उत्पादन क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को देखा जाए तो यह 20 फीसदी तक पहुंच गई है. जिसे ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने का लक्ष्य है. प्रदेश में 21 हजार 500 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं. वर्ष 2022 तक एक लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य है.
प्रदेश में 75 हजार मेगावाट की संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 75000 मेगा वाट नव करणीय ऊर्जा की संभावनाएं मौजूद हैं. मुरैना और छतरपुर में सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है. मौजूदा समय में विंड से 23 मेगा वाट बिजली मध्य प्रदेश को प्राप्त हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के केंद्र में स्थापित है, जिसकी वजह से प्रदेश में सोलर को लेकर भरपूर संभावनाएं हैं और हम प्रदेश को सोलर का आदर्श राज्य बनाएंगे. मीट में मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, हिमाचल और गुजरात के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. तीन दिवसीय मीट का शुभारंभ 26 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.