भोपाल। एम्स भोपाल के नवनियुक्त कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह ने बुधवार शाम संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल के सभी विभागों में बिस्तरों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी. संस्थान में केयर यूनिट और इसके भवन निर्माण कार्य के लिए 98 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं. संस्थान निकट भविष्य में छह नए विभाग शुरू करने की भी योजना बना रहा है.
गरीबों के इलाज पर विशेष फोकस : उन्होंने बताया कि वर्तमान में संस्थान में 42 विभाग कार्यरत हैं और दो विभागों में फैकल्टी सदस्य उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें शुरू नहीं किया जा सका है. वर्तमान में दो दवा पोर्टल, अमृत फार्मेसी और जन औषधि केंद्र संस्थान में कार्यरत हैं. जहां दवाएं 40-60 प्रतिशत पर उपलब्ध कराई जाती हैं. सिंह ने यह भी कहा कि अस्पताल में भर्ती गरीब मरीजों का इलाज पैसे की कमी के कारण नहीं रोका जाएगा.
16 नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे : डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम)/मास्टर ऑफ चिरुरगिया (एमसीएच) पाठ्यक्रमों के 16 नए पाठ्यक्रम जनवरी 2023 सत्र से शुरू किए जाएंगे.अस्पताल की रोगी देखभाल सेवाओं में सुधार और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए सभी विभागों में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या एक बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी. सहायता सेवा प्रदान करने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी. संस्थान की वेबसाइट पर जल्द ही एक रोगी शिकायत निवारण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा.
विकलांग मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाएंगे : एम्स निदेशक ने कहा कि वे विकलांग लोगों के लिए अस्पताल की इमारत को अधिक अनुकूल बनाएंगे. परिसर में पांच करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक बहुस्तरीय पार्किंग का निर्माण भी करेंगे. संस्थान के छात्रों के तनाव के स्तर को कम करने के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए जल्द ही वेलनेस क्लिनिक भी शुरू किया जाएगा. इसके अलावा संस्थान के छात्रों के बीच बेहतर संचार के लिए एक परामर्श कार्यक्रम भी जल्द ही शुरू किया जाएगा.
रिक्त पद जल्द भरने का दावा : एम्स निदेशक ने बताया कि सभी छात्रों के संपर्क में रहने के लिए दो पीजी छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे. छात्रों की अध्ययन संबंधी समस्याओं को समझने और हल करने का प्रयास करेंगे. संस्थान में एक 'खुशी का विभाग' भी खोला जाएगा. उन्होंने संस्थान में कर्मचारियों की कमी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 317 संकाय पदों की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 228 मौजूदा हैं, जबकि 1,326 नर्सिंग अधिकारियों के स्वीकृत पदों में से 996 भरे हुए हैं और अन्य रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया जारी है.