भोपाल। मध्यप्रदेश में कमीशन देकर प्राइवेट वेयरहाउस को खरीदी केंद्र बनाए जाने का मामला सामने आया है. घोटाला प्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के समय का है. मामले को लेकर शिवराज सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल ने जांच के निर्देश दिए हैं. कृषि मंत्री का मानना है कि प्राइवेट वेयर हाउस को खरीदी केंद्र बनाकर उन्हें सीधे तौर से लाभ पहुंचाया गया है. इसमें जमकर कमीशन खोरी हुई है. कमल पटेल ने आरोप लगाया है कि यह घोटाला कमलनाथ सरकार ने अपने पसंदीदा वेयरहाउस संचालकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया है.
कृषि एवं सहकारिता विभाग की संयुक्त बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसके निर्देश दिए हैं. कृषि मंत्री ने कहा है कि जिन प्राइवेट वेयरहाउस को खरीदी केंद्र बनाया गया है. उनकी जांच की जानी चाहिए.
दरअसल पिछले साल फसल की खरीदी के दौरान अधिकारियों ने वेयरहाउस संचालकों से सांठगांठ कर निजी वेयरहाउस को खरीदी केंद्र बना दिया, जबकि इस दौरान सरकारी वेयरहाउस खाली पड़े रहे. इससे कहीं ना कहीं प्राइवेट वेयरहाउस संचालकों को फायदा पहुंचा और सरकारी वेयरहाउस होते हुए भी सरकार के राजस्व को हानि पहुंची है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने वेयर हाउसों को दी गई राशि सहित समस्त जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए हैं. साथ ही कृषि व्यवसाय का सेवा के अधिकारियों की एक टीम भी जांच के लिए गठित की गई है.