भोपाल| मध्यप्रदेश राज्य कॄषि विपणन बोर्ड की 135वीं बैठक कृषि मंत्री कमल पटेल की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक में प्रमुख रूप से मंडी बोर्ड के कर्मचारियों को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए हैं. बैठक के दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि प्रदेश की सभी मंडी समितियों के कर्मचारी अब मंडी बोर्ड के कर्मचारी होंगे. सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों की पेंशन की टेंशन भी खत्म कर दी गई है. आरक्षित निधि में 200 करोड़ रुपए का फण्ड पेंशन के लिए रहेगा. कृषि मंत्री कमल पटेल ने बोर्ड की बैठक में प्रदेश की सभी मंडी समितियों के कर्मचारियों को मंडी बोर्ड के कर्मचारी बनाए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. उन्होंने इसके लिये आवश्यक औपचारिकताओं को पूर्ण करने के लिए समग्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
कमल पटेल ने कहा किसी भी मंडी समिति के कर्मचारी को अब सेवानिवृत्ति पश्चात पेंशन की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. मण्डी बोर्ड में आरक्षित निधि में 200 करोड़ रुपये की राशि का फण्ड सुरक्षित रखा जायेगा. इससे सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को आजीवन पेंशन मिलती रहेगी. राज्य सरकार कर्मचारियों की चिंताओं से भली-भांति वाकिफ है. मण्डी के कर्मचारी बेहतर कार्य करते रहें, किसी प्रकार की चिंता न करें. मण्डियों को बाजार की प्रतिस्पर्धा में लाने के लिये स्मार्ट मण्डियों के रूप में विकसित किया जायेगा. इससे मण्डियों की आय में वृद्धि होगी. स्मार्ट मण्डियां बनने से किसान भी लाभान्वित होंगे. बैठक में प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी के सुझाव पर मंत्री कमल पटेल ने मण्डी समिति के सदस्यों से मण्डियों को उत्कृष्ट बनाने और प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये उपयुक्त सुझाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये. उन्होंने मण्डियों की आय में गिरावट आने पर भी चिंता व्यक्त करते हुए सुधारों के लिये आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए. इसके लिए समिति सदस्यों से सुझाव भी आमंत्रित किए.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि मंडी प्रांगण के भीतर किसानों से होने वाली खरीदी एवं भुगतान की जिम्मेदारी मण्डियों की है. उन्होंने कहा कि मण्डी में अपनी उपज को विक्रय करने के बाद किसानों को भुगतान के लिये अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े. इसके लिये सभी आवश्यक प्रबंध किये जाएं. किसानों को लंबित भुगतान करने के लिये खरीदी करने वाले व्यापारियों और जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों से भी वसूली करने के लिये कड़े कदम उठाये जाएं.