भोपाल| मंडी एक्ट को लेकर प्रदेश भर के मंडी कर्मचारियों के द्वारा सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू कर दिया गया है, जिसकी वजह से प्रदेशभर की मंडियों का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है, संयुक्त संघर्ष मोर्चा मंडी बोर्ड के द्वारा नए मंडी एक्ट का विरोध किया जा रहा है, इसके अलावा प्रदेश की मंडियों से संबंधित कई तरह की मांग ज्ञापन के रूप में सरकार को सौंपी गई है, लेकिन सरकार के द्वारा अब तक उन मांगों पर किसी भी प्रकार का विचार नहीं किया गया है.
हालांकि इस प्रदेशव्यापी हड़ताल की जानकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के द्वारा सरकार को 27 अगस्त को ही दे दी गई थी, जिसमें मांग की गई थी कि 2 सितंबर तक सरकार यदि निर्णय नहीं लेती है तो फिर 3 सितंबर से प्रदेश की सभी 259 मंडी व 298 मंडियों में कामकाज पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा. संयुक्त संघर्ष मोर्चा मंडी बोर्ड के द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन का असर अब दिखाई देने लगा है, प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने हड़ताल समाप्त करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि नए मंडी एक्ट के तहत किसान और ज्यादा सशक्त होगा.
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड व एग्रीकल्चर रिफॉर्म्स पर कृषि विपणन बोर्ड मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित वेबिनार को ऑनलाइन संबोधित करते हुए किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि प्रदेश के किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने, बिचौलिया प्रथा को समाप्त करने और किसानों के व्यवसाय के लिए अनेक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाने मॉडल मंडी एक्ट बनाकर प्रदेश में लागू किया गया है. कृषि मंत्री ने कहा है कि खेती, किसानी को लाभ का धंधा बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपने को साकार रूप देने के लिए नए-नए संशोधन किए जा रहे हैं .
कृषि आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए सहकारी समितियों को 1000 करोड़ का ऋण सस्ते ब्याज पर उपलब्ध कराया गया है. इससे गांव के किसानों को वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, साइलो, फूड प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, शार्टिंग इत्यादि की व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के लिए उचित प्रयास किए जाएंगे. किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें संगठित करके एफ़पीओ का गठन किया जा रहा है. इनके माध्यम से किसानों को खाद, बीज और दवाइयां गुणवत्तापूर्ण मिल सकेंगे.
किसानों के लिए अपनी उपज को आसानी से बेचने और अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए मंडी एक्ट में संशोधन किए गए हैं. अब किसानों की फसल खेत से, खलिहान से, घर से, गोडाउन से कहीं से भी खरीदी और बेची जा सकती है. किसानों को बेहतर विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्हें प्रतिस्पर्धा के अनेक अवसर दिए जा रहे हैं, इससे न केवल बिचौलिया प्रथा को खत्म किया जा सकेगा बल्कि किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिया जा सकेगा.
देश और प्रदेश के किसानों ने कोरोना संक्रमण काल में भी अथक परिश्रम किया है. उनके परिश्रम से ही अर्थव्यवस्था को संबल मिला है. प्रदेश के किसानों ने अपने खून-पसीने से धरती को सींच कर प्रदेश को गेहूं उपार्जन में नंबर वन बनाया है. मंत्री कमल पटेल ने सभी किसानों के परिश्रम को नमन करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है. कृषि मंत्री ने खेती को लाभ का धंधा बनाने में नई किस्मों की खोज और कृषक को दिए जाने वाले महत्वपूर्ण सुझाव के साथ ही उनके निरंतर मार्गदर्शन के लिए कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने मंडियों में काम कर रहे हैं अधिकारी/कर्मचारियों से सांकेतिक हड़ताल को खत्म करने का आग्रह किया है, साथ ही उन्होंने सभी लोगों से वापस काम पर लौटने का निवेदन भी किया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा मंडी एक्ट में लाया गया संशोधन संबंधी अध्यादेश किसानों के हित में नींव का पत्थर होगा. व्यापारियों और कर्मचारियों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. मंडी एक्ट में संशोधन संबंधी अध्यादेश से मंडिया सशक्त होंगी. मंडियों को स्मार्ट बनाया जा सकेगा. मंडियों की आय बढ़ाई जाएगी इसलिए किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार सभी व्यापारियों और कर्मचारियों का ध्यान रखेंगी. न मंडिया बंद होगी और ना कर्मचारियों को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान होगा .कर्मचारियों के भविष्य की चिंता सरकार करेगी .कोई भी परेशानी नहीं आने दी जाएगी.