भोपाल। मध्यप्रदेश में यूरिया की किल्लत को देखते हुए कृषि विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय में कृषि मंत्री सचिन यादव ने यूरिया के वितरण को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि अब कोई भी उर्वरक कंपनियों, डीलर, यूरिया विक्रेता के साथ डीएपी और बाकी किसी भी सामग्री को लेने के लिए मजबूर नहीं करेगा. अगर ऐसा किसी ने किया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, संचालक कृषि मुकेश शुक्ला, प्रबंध संचालक मार्कफेड स्वाति मीणा नायक मौजूद रहे.
बता दें कि इस मामले में पहली कार्रवाई जिला अशोकनगर में हुई. जहां यूरिया के साथ सल्फर देने के लिए बाध्य किया जा रहा था. आज प्रोपराइटर का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई.
मध्यप्रदेश पहले ही यूरिया की किल्लत से जूझ रहा है और किसान यूरिया के लिए दर-दर भटक रहे हैं. घंटों लाइन में लगकर उन्हें यूरिया मिलता है, वहीं किसानों की मजबूरी का फायदा विक्रेता उठा रहे हैं. विक्रेता किसानों को तब यूरिया दे रहे हैं जब वो लोग यूरिया के साथ विक्रेता के साथ उनकी मनचाही चीजें खरीद रहे हैं.