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प्रदेश में यूरिया संकट पर कृषि विभाग का बड़ा फैसला, किसानों को मजबूर करने वाले विक्रेताओं पर होगी सख्त कार्रवाई

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Published : Dec 1, 2019, 11:35 AM IST

Updated : Dec 1, 2019, 12:02 PM IST

कृषि मंत्री ने की यूरिया संकट की समीक्षा बैठक की है. बैठक में कृषि मंत्री सचिन यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अगर कोई विक्रेता किसानों को यूरिया के साथ अन्य सामग्री खरीदने पर मजबूर करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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यूरिया संकट पर समीक्षा बैठक

भोपाल। मध्यप्रदेश में यूरिया की किल्लत को देखते हुए कृषि विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय में कृषि मंत्री सचिन यादव ने यूरिया के वितरण को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि अब कोई भी उर्वरक कंपनियों, डीलर, यूरिया विक्रेता के साथ डीएपी और बाकी किसी भी सामग्री को लेने के लिए मजबूर नहीं करेगा. अगर ऐसा किसी ने किया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, संचालक कृषि मुकेश शुक्ला, प्रबंध संचालक मार्कफेड स्वाति मीणा नायक मौजूद रहे.

यूरिया संकट पर समीक्षा बैठक

बता दें कि इस मामले में पहली कार्रवाई जिला अशोकनगर में हुई. जहां यूरिया के साथ सल्फर देने के लिए बाध्य किया जा रहा था. आज प्रोपराइटर का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई.

मध्यप्रदेश पहले ही यूरिया की किल्लत से जूझ रहा है और किसान यूरिया के लिए दर-दर भटक रहे हैं. घंटों लाइन में लगकर उन्हें यूरिया मिलता है, वहीं किसानों की मजबूरी का फायदा विक्रेता उठा रहे हैं. विक्रेता किसानों को तब यूरिया दे रहे हैं जब वो लोग यूरिया के साथ विक्रेता के साथ उनकी मनचाही चीजें खरीद रहे हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में यूरिया की किल्लत को देखते हुए कृषि विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय में कृषि मंत्री सचिन यादव ने यूरिया के वितरण को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि अब कोई भी उर्वरक कंपनियों, डीलर, यूरिया विक्रेता के साथ डीएपी और बाकी किसी भी सामग्री को लेने के लिए मजबूर नहीं करेगा. अगर ऐसा किसी ने किया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, संचालक कृषि मुकेश शुक्ला, प्रबंध संचालक मार्कफेड स्वाति मीणा नायक मौजूद रहे.

यूरिया संकट पर समीक्षा बैठक

बता दें कि इस मामले में पहली कार्रवाई जिला अशोकनगर में हुई. जहां यूरिया के साथ सल्फर देने के लिए बाध्य किया जा रहा था. आज प्रोपराइटर का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई.

मध्यप्रदेश पहले ही यूरिया की किल्लत से जूझ रहा है और किसान यूरिया के लिए दर-दर भटक रहे हैं. घंटों लाइन में लगकर उन्हें यूरिया मिलता है, वहीं किसानों की मजबूरी का फायदा विक्रेता उठा रहे हैं. विक्रेता किसानों को तब यूरिया दे रहे हैं जब वो लोग यूरिया के साथ विक्रेता के साथ उनकी मनचाही चीजें खरीद रहे हैं.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश यूरिया को लेकर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।किसान यूरिया के लिए लाइन में लगने के लिए मजबूर है और परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ विक्रेता किसानों को यूरिया तब दे रहे हैं, जब वह यूरिया के साथ विक्रेता की मनचाही चीजें भी खरीद रहे हैं। इस मामले में मीडिया के माध्यम से मिल रही खबरों पर कृषि विभाग ने बड़ा फैसला लिया है।अब कोई भी उर्वरक कंपनियों / डीलर / विक्रेता यूरिया के साथ डीएपी अथवा अन्य सामग्री के लिए बाध्य नही करेगा।अगर ऐसा किसी ने किया तो वैधानिक कार्यवाही होगी। इस मामले में पहली कार्यवाही जिला अशोकनगर में हुई।जहां यूरिया के साथ सल्फर देने के लिए बाध्य किया जा रहा था। आज प्रोपराइटर का लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की गई ।Body:आज मंत्रालय में कृषि मंत्री सचिन यादव ने यूरिया के वितरण को लेकर समीक्षा बैठक ली, बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, संचालक कृषि मुकेश शुक्ला, प्रबंध संचालक मार्कफेड स्वाति मीणा नायक मौजूद रहे।

रबी वर्ष 2019-20 में यूरिया की व्यवस्था बैठक के मुख्य बिंदु -

1- मध्यप्रदेश में इस वर्ष 30 नवंबर तक राज्य में 9,00 लाख मी. टन की यूरिया की उपलब्धता कराई गई है जो विगत वर्ष 7.80 लाख मी.टन की अपेक्षा 1.20 हजार मी.टन अधिक है।

2- अग्रिम भंडारण योजनान्तर्गत विगत वर्षों से सर्वाधिक यूरिया का अग्रीम भण्डारण कराया गया है । विगत दो वर्षों से यूरिया का अग्रिम भण्डारण लगभग 2.50 लाख मी० टन किया गया था। जो कि इस वर्ष 4.12 लाख मी.टन भण्डारित किया गया है।

3. इस वर्ष सहकारिता क्षेत्र में यूरिया का विक्रय पूर्व वर्ष की तुलना 77.00 हजार मी.टन अधिक किया गया है। जो गत वर्ष के आज दिनांक तक के विक्रय की अपेक्षा 22 % अधिक हुआ है।


4 - खाद की उपलब्धता एवं वितरण का अनुभव राज्य एवं संभाग स्तर से किया जा रहा है। कालाबाजारी संबंधी कोई भी शिकायत मिलने पर त्वरित कठोर कार्यवाही के निर्देश भी जिला कलेक्टर को प्रदान किये गये है ।

5- निजी क्षेत्र के व्यापारियों के यूरिया के प्रतिदिन स्टॉक एवं विक्रय की निगरानी जिला प्रशासन द्वारा नियमित रूप से की जा रही है।यूरिया खाद विक्रेताओं द्वारा किसानों को विक्रय पीओएस मशीन से किया जाना अनिवार्य है, जिन विकता के पास शेप स्कंध जमा है, उसे कलेक्टर जिले में किसानों को विक्रय हेतु जारी करेंगे।

6-पूर्व वर्षों में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में यूरिया के व्यवसाय का अनुपात 50:50 था जो कि इस वर्ष किसान हित में अनुपात 80:20 किया गया है इस निर्णय से प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को Transparency ऋण पर सफलता से खाद उपलब्ध हो सकेगा।*

7. आगामी 10 दिवसों में लगभग 2.00 लाख मी.टन यूरिया प्रदेश में उपलब्ध कराया जायेगा तथा 60 रेक मूवमेंट 10 दिसंबर तक नियमित किया गया है ।

8. प्रदेश में अधिक वर्षा होने से गेहूँ के क्षेत्रफल में वृदि को ध्यान में रखकर रबी 2019-20 हेतु 18.00 लाग मे.टन यूरिया की मांग की गई थी. परन्तु केंद्र सरकार ने 15.40 लाख मे0टन ( 15.00 लाख मे.टन + 0.40 लाख मे0टन रिजर्व) प्रदाय करने की स्वीकृति दी गई।

9- पिछले वर्ष दिसंबर 2018 में 1 लाख 14 मीट्रिक टन यूरिया सप्लाई हुआ था,इस वर्ष दिसंबर 2019 में 4 लाख 35 हज़ार मीट्रिक टन की उपलब्धता कराई है ।Conclusion:
Last Updated : Dec 1, 2019, 12:02 PM IST
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