भोपाल। राज्य शासन ने किसान प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद बनाए रखते हुए, प्राप्त सुझावों के क्रियान्वयन एवं समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कृषि सलाहकार परिषद का गठन किया है. किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री परिषद के उपाध्यक्ष होंगे. प्रमुख सचिव किसान-कल्याण एवं कृषि विकास को परिषद का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है. परिषद का कार्यकाल अधिकतम पांच साल का होगा. पांच साल बाद नए सदस्यों के साथ परिषद का पुनर्गठन किया जाएगा.
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार परिषद में 20 सदस्य मनोनीत किए गए हैं. मनोनीत सदस्यों में मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, प्रमुख सचिव पशुपालन, प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण तथा मत्स्य-पालन, प्रमुख सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, राजमाता विजयाराजे सिंधिया विश्वविद्यालय, ग्वालियर के वाइस चांसलर एस.आर. राव और राज्य कृषि विपणन संघ, राज्य सहकारी संघ, राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक और संचालक किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी एवं संचालक कृषि अभियांत्रिकी शामिल हैं. इनके अलावा परिषद में 7 अशासकीय सदस्य मनोनीत किए गए हैं. इन सदस्यों के नाम दिनेश गुर्जर मुरैना, शिवकुमार शर्मा होशंगाबाद, उमराव सिंह गुर्जर नीमच, केदार सिरोही हरदा, विश्वनाथ ओक्टे छिन्दवाड़ा, ताराचंद पाटीदार रतलाम और बृज बिहारी पटेल जबलपुर हैं.
कृषि सलाहकार परिषद खेती को लाभ का धंधा बनाने तथा प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के संबंध में किसानों के फीडबैक के आधार पर राज्य सरकार को सुझाव देगी और अनुशंसा करेगी. परिषद कृषक ऋण माफी योजना की मॉनिटरिंग करेगी और इसके क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों का फीडबेक और निराकरण के सुझाव देगी और अनुशंसा करेगी.