भोपाल। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पीएम मोदी द्वारा दी गई नसीहत का असर दिखने लगा है. पीएम मोदी ने बीजेपी नेताओं द्वारा मुसलमानों को लेकर दिए जा रहे बयानों पर नसीहत दी थी. पीएम मोदी ने वेशेष फिल्मों द्वारा दिए बयानों का भी उल्लेख किया था. पीएम मोदी की नसीहत के बाद अब प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने संभलकर बयान देना शुरू कर दिया है. पहले जिस फिल्म को लेकर शिवराज का मंत्रिमंडल और संगठन विरोध कर रहे थे. अब उन्हीं मंत्रियों ने चुप्पी साध ली है.
सवालों से बचते दिखे बीजेपी नेता : शाहरुख की फिल्म पठान पर मंत्रियों ने या तो चुप्पी साध ली है या फिर सधा हुआ बयान दे रहे हैं. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से जब पूछा गया कि पठान फिल्म को देखेंगे या फिर लोगों को क्या सलाह देंगे, इस पर पह चुप्पी साध गए और बिना जवाब दिए आगे बढ़ गए. वहीं, मंत्री कमल पटेल ने कहा कि ऐसे सवाल पूछने वाले आप मेरे दोस्त हैं या दुश्मन, मरवाओगे क्या. वहीं, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि जब तक अभद्रता वाले सीन नहीं हटते, फिल्म देखने नहीं जाऊंगा. बढ़-चढ़कर बयान देने वाली मंत्री उषा ठाकुर ने भी चुप्पी साध ली.
पीएम मोदी की नई मंत्रियों को नसीहत, अनावश्यक बयानबाजी से बचें
ऐसे हुई थी विरोध की शुरुआत : दरअसल, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा फिल्म पठान के एक गाने पर आपत्ति जताई थी. इसके बाद बाद पठान को लेकर विवाद शुरू हो गया था, जिसमें दावा किया गया था कि इससे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है. गाने में जिस तरह से भगवा रंग का इस्तेमाल किया गया, उस पर आपत्ति जताई गई थी. हिंदूवादी संगठनों ने सिनेमाघरों में फिल्म पर बैन लगाने की मांग की. इस विवाद में प्रदेश के मंत्रियों के अलावा विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी कूद पड़े थे. उन्होंने शाहरुख खान से पूछा था कि क्या वह अपनी बेटी के साथ अपनी फिल्म पठान देखने की हिम्मत करेंगे.