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Waiting African cheetahs : 70 साल बाद अफ्रीकन चीतों का दीदार कर सकेंगे सैलानी, कूनो नेशनल पार्क में तैयारी

मध्यप्रदेश की धरती पर 70 साल बाद 15 अगस्त से अफ्रीकन चीतों की छलांगें सैलानी देख सकेंगे. प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 16 अफ्रीकन चीतों को छोड़ा जाएगा. 1952 में चीतों को लुप्त घोषित कर दिया गया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने अफ्रीकन चीतों को बसाने की योजना बनाई थी. कूनो नेशनल पार्क में चीतों की बसाहट को केंद्र सरकार आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के हिस्से के रूप में पेश करेगी. (After 70 years see African cheetahs) (African cheetahs waiting india) (Preparations in Kuno National Park)

African cheetahs waiting india
अफ्रीकन चीतों की छलांगें सैलानी देख सकेंगे
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Published : Jun 16, 2022, 6:25 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां चीतों को दोबारा बसाने की कोशिश होगी. 10 नर व 6 मादा चीते लाए जाएंगे. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक टीम टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए दक्षिण अफीका के नामीबिया के लिए रवाना हो चुकी है. वन विभाग के अनुसार अफ्रीकी चीते दक्षिण अफ्रीका एवं नामीबिया से पहले ग्वालियर लाए जाएंगे. फिर यहां से सड़क मार्ग के जरिए इन्हें कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाया जाएगा.

6 मादा चीता और 10 नर चीता : फिलहाल 16 अफ्रीकी चीतों में 6 मादा चीता और 10 नर चीता होंगे. इनमें से 8 चीते नामीबिया और 8 साउथ अफ्रीका से लाए जा रहे हैं. अफ्रीकन चीतों का पहला जत्था भारत के कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में लाया जा रहा है. सभी 16 चीतों को पहले साल ट्रायल अवधि में रखा जाएगा. सब ठीक रहा तो 2023 में 16, 2024 में 16 और 2025 में भी 16 चीतों को जोड़ा जाएगा. इस तरह कुल 64 चीतों को मध्यप्रदेश में बसाने की तैयारी है.

कूनो पार्क में चीतों के लिए सुरक्षा मौजूद : मध्यप्रदेश के कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान को चीतों के लिए चुनने के पीछे की मुख्य वजह चीतों को रखने के लिए आवश्यक स्तर की सुरक्षा, शिकार और आवास है. हर चीते के रहने के लिए 10 से 20 वर्ग किमी का एरिया और उनके प्रसार के लिए पर्याप्त जगह होना जरूरी है. कूनो पार्क 750 वर्ग किमी में फैला है, जो कि 6,800 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले श्योपुर शिवपुरी खुले जंगल का हिस्सा है. समतल जमीन वाले कूनो में इंसानों की किसी भी तरह की बसाहट भी नहीं है.

चीतों के लिए अनुकूल साइट : कूनो में पहले एशियाई शेरों को बसाने की तैयारी की जा चुकी है. एशियाई शेरों को मध्यप्रदेश के कूनो में लाने के असफल प्रोजेक्ट के तहत इस साइट पर पहले से ही बहुत सारी तैयारियां और निवेश किए जा चुके हैं, जोकि चीतों के लिए बेहद अनूकूल हैं.

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अफ्रीका मुफ्त में दे रहा है चीते : वन मंत्री विजय शाह का कहना है कि अफ्रीकन चीतों को भारत लाने का प्रयास बहुत सालों से चल रहा था. अब मध्यप्रदेश सरकार ने प्रयास किए और अफ्रीकी सरकार ने केंद्र सरकार की पहल पर चीते देने की तैयारी कर ली है. खास बात यह है कि इन्हें फ्री में सरकार दे रही है. हालांकि इसके पहले 1 नवंबर को चीते आने थे लेकिन विलंब हो गया. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे साल 2010 में मध्यप्रदेश को सौंपते हुए केन्द्र सरकार ने नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण में चीता को पुनर्स्थापित करने को कहा था.

years see African cheetahs) (African cheetahs waiting india) (Preparations in Kuno National Park)

भोपाल। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा जहां चीतों को दोबारा बसाने की कोशिश होगी. 10 नर व 6 मादा चीते लाए जाएंगे. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक टीम टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए दक्षिण अफीका के नामीबिया के लिए रवाना हो चुकी है. वन विभाग के अनुसार अफ्रीकी चीते दक्षिण अफ्रीका एवं नामीबिया से पहले ग्वालियर लाए जाएंगे. फिर यहां से सड़क मार्ग के जरिए इन्हें कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाया जाएगा.

6 मादा चीता और 10 नर चीता : फिलहाल 16 अफ्रीकी चीतों में 6 मादा चीता और 10 नर चीता होंगे. इनमें से 8 चीते नामीबिया और 8 साउथ अफ्रीका से लाए जा रहे हैं. अफ्रीकन चीतों का पहला जत्था भारत के कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में लाया जा रहा है. सभी 16 चीतों को पहले साल ट्रायल अवधि में रखा जाएगा. सब ठीक रहा तो 2023 में 16, 2024 में 16 और 2025 में भी 16 चीतों को जोड़ा जाएगा. इस तरह कुल 64 चीतों को मध्यप्रदेश में बसाने की तैयारी है.

कूनो पार्क में चीतों के लिए सुरक्षा मौजूद : मध्यप्रदेश के कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान को चीतों के लिए चुनने के पीछे की मुख्य वजह चीतों को रखने के लिए आवश्यक स्तर की सुरक्षा, शिकार और आवास है. हर चीते के रहने के लिए 10 से 20 वर्ग किमी का एरिया और उनके प्रसार के लिए पर्याप्त जगह होना जरूरी है. कूनो पार्क 750 वर्ग किमी में फैला है, जो कि 6,800 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले श्योपुर शिवपुरी खुले जंगल का हिस्सा है. समतल जमीन वाले कूनो में इंसानों की किसी भी तरह की बसाहट भी नहीं है.

चीतों के लिए अनुकूल साइट : कूनो में पहले एशियाई शेरों को बसाने की तैयारी की जा चुकी है. एशियाई शेरों को मध्यप्रदेश के कूनो में लाने के असफल प्रोजेक्ट के तहत इस साइट पर पहले से ही बहुत सारी तैयारियां और निवेश किए जा चुके हैं, जोकि चीतों के लिए बेहद अनूकूल हैं.

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अफ्रीका मुफ्त में दे रहा है चीते : वन मंत्री विजय शाह का कहना है कि अफ्रीकन चीतों को भारत लाने का प्रयास बहुत सालों से चल रहा था. अब मध्यप्रदेश सरकार ने प्रयास किए और अफ्रीकी सरकार ने केंद्र सरकार की पहल पर चीते देने की तैयारी कर ली है. खास बात यह है कि इन्हें फ्री में सरकार दे रही है. हालांकि इसके पहले 1 नवंबर को चीते आने थे लेकिन विलंब हो गया. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे साल 2010 में मध्यप्रदेश को सौंपते हुए केन्द्र सरकार ने नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण में चीता को पुनर्स्थापित करने को कहा था.

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