भोपाल। मध्यप्रदेश में भले ही बाघों की मौतों का सिलसिला न रुक रहा हो, लेकिन इस बीच अफ्रीका से चीता बुलाने की तैयारी पूरी हो गई है. नवंबर में चीता मध्य प्रदेश आएगा. चंबल अभ्यारण में घड़ियालों की संख्या भी बढ़ गई है. 2176 और डॉल्फिन 82 हो गई है. गिद्धों की संख्या भी बढ़ गई है. बाघों की गिनती 2022 से शुरू की जाएगी. रातापानी अभ्यारण में चार लेन मार्ग को मंजूरी मिल गई है.
रातापानी अभ्यारण में चार लेन मार्ग को मंजूरी नेशनल हाईवे 69 के फोरलेन चौड़ीकरण चौड़ीकरण का कार्य स्वीकार किया गया है. रातापानी अभयारण्य में दमोह पटेरा जल समूह प्रदाय योजना और ओरछा अभ्यारण में निमाड़ी पृथ्वीपुर जल प्रदाय योजना और वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य में जबेरा तेंदूखेड़ा समूह जल प्रदाय योजना में भूमिगत पाइप डालने की मंजूरी दी गई है. इनमें ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की अनुमति मिली हैं.
शर्तों के साथ कटनी सिंगरौली रेलवे लाइन दोहरीकरण के कार्य को मंजूरी संजय टाइगर रिजर्व में कटनी सिंगरौली रेल लाइन दोहरीकरण और विद्युतीकरण को शर्तों के साथ मंजूरी, अनुमति भारत सरकार को भिजवाया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा सिंगरौली दूरस्थ क्षेत्र यहां रेल लाइन दोहरीकरण होना चाहिए.
सीएम ने निर्देश दिए कि सोन चिरैया को ढूंढने के प्रयास तेज करें, घाटीगांव अभ्यारण का सर्वे कराएं. मध्यप्रदेश में सोन चिरैया (ग्रेट इंडियन ब्रिस्टर्ड) पक्षी विलुप्त की कगार पर है. करेरा अभ्यारण में 1994 से सोन चिरैया नहीं दिखने पर भारत सरकार ने डिनोटिफाई कर दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा सोन चिरैया पक्षी के संबंध में घाटीगांव अभ्यारण का सर्वे कराया जाए. जंगली हाथियों से कैसे सुरक्षा की जाए इसे लेकर विशेषज्ञों का समूह बनाया जाए जोकि बचाव के उपायों का अध्ययन करेंगे.
मध्यप्रदेश में वन्य प्राणियों के उपचार के लिए ऑपरेशन टेबल और वेंटीलेटर भी आ गए हैं. दो इनक्यूबेटर भी स्वीकृत किए गए हैं. जबलपुर में अंतरराष्ट्रीय वन्य प्राणी संरक्षण कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जाएगी. राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक. कई महीनों से लंबित थी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक मंत्रालय में हुई, जिसमें अफ्रीका से जीता विलुप्त सोन चिरैया की खोज और अभयारण्यों में रेलवे लाइन और फोरलेन सड़कों को मंजूरी दी गई हैं.
African cheetah की नवंबर में होगी entry, सोन चिरैया को फिर से ढूंढा जाएगा
अफ्रीका से चीता बुलाने की तैयारी मध्य प्रदेश सरकार ने पूरी कर ली है. नवंबर में चीता मध्य प्रदेश आएगा. चंबल अभ्यारण में घड़ियालों की संख्या भी बढ़ गई है.
भोपाल। मध्यप्रदेश में भले ही बाघों की मौतों का सिलसिला न रुक रहा हो, लेकिन इस बीच अफ्रीका से चीता बुलाने की तैयारी पूरी हो गई है. नवंबर में चीता मध्य प्रदेश आएगा. चंबल अभ्यारण में घड़ियालों की संख्या भी बढ़ गई है. 2176 और डॉल्फिन 82 हो गई है. गिद्धों की संख्या भी बढ़ गई है. बाघों की गिनती 2022 से शुरू की जाएगी. रातापानी अभ्यारण में चार लेन मार्ग को मंजूरी मिल गई है.
रातापानी अभ्यारण में चार लेन मार्ग को मंजूरी नेशनल हाईवे 69 के फोरलेन चौड़ीकरण चौड़ीकरण का कार्य स्वीकार किया गया है. रातापानी अभयारण्य में दमोह पटेरा जल समूह प्रदाय योजना और ओरछा अभ्यारण में निमाड़ी पृथ्वीपुर जल प्रदाय योजना और वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य में जबेरा तेंदूखेड़ा समूह जल प्रदाय योजना में भूमिगत पाइप डालने की मंजूरी दी गई है. इनमें ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की अनुमति मिली हैं.
शर्तों के साथ कटनी सिंगरौली रेलवे लाइन दोहरीकरण के कार्य को मंजूरी संजय टाइगर रिजर्व में कटनी सिंगरौली रेल लाइन दोहरीकरण और विद्युतीकरण को शर्तों के साथ मंजूरी, अनुमति भारत सरकार को भिजवाया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा सिंगरौली दूरस्थ क्षेत्र यहां रेल लाइन दोहरीकरण होना चाहिए.
सीएम ने निर्देश दिए कि सोन चिरैया को ढूंढने के प्रयास तेज करें, घाटीगांव अभ्यारण का सर्वे कराएं. मध्यप्रदेश में सोन चिरैया (ग्रेट इंडियन ब्रिस्टर्ड) पक्षी विलुप्त की कगार पर है. करेरा अभ्यारण में 1994 से सोन चिरैया नहीं दिखने पर भारत सरकार ने डिनोटिफाई कर दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा सोन चिरैया पक्षी के संबंध में घाटीगांव अभ्यारण का सर्वे कराया जाए. जंगली हाथियों से कैसे सुरक्षा की जाए इसे लेकर विशेषज्ञों का समूह बनाया जाए जोकि बचाव के उपायों का अध्ययन करेंगे.
मध्यप्रदेश में वन्य प्राणियों के उपचार के लिए ऑपरेशन टेबल और वेंटीलेटर भी आ गए हैं. दो इनक्यूबेटर भी स्वीकृत किए गए हैं. जबलपुर में अंतरराष्ट्रीय वन्य प्राणी संरक्षण कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जाएगी. राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक. कई महीनों से लंबित थी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक मंत्रालय में हुई, जिसमें अफ्रीका से जीता विलुप्त सोन चिरैया की खोज और अभयारण्यों में रेलवे लाइन और फोरलेन सड़कों को मंजूरी दी गई हैं.