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ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों में बढ़ा तनाव, बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को दी एडवाइजरी

ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग के लिए एक पत्र लिखा है, जिसमें पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं न कराने के लिए एडवाइजरी दी गई है. पढ़िए पूरी खबर....

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ऑनलाइन कक्षाएं
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Published : Jun 19, 2020, 2:04 AM IST

भोपाल। देशभर में लॉकडाउन के चलते स्कूल और कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं, लेकिन इन कक्षाओं से छात्रों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. ऐसा कहना है बाल अधिकार संरक्षण आयोग का. आयोग का कहना है की ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों को शारीरिक और मानसिक तनाव हो रहा है, जिसको देखते हुए बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है और कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल ना करने के लिए कहा है.

बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को दी एडवाइजरी
बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे आधा समय मोबाइल में बिता रहे हैं, जिसके चलते बच्चों को मानसिक तनाव हो रहा है. ऑनलाइन कक्षाओं में वन वे कम्युनिकेशन हो रहा है. जिससे बच्चों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा, बल्कि आधा दिन मोबाइल में बैठकर बच्चों को मानसिक तनाव के साथ ही उनकी आंखों पर असर पड़ रहा है, जिसको देखते हुए आयोग ने इस पर विचार करने की मांग की है.मोबाइल पर हो रही ऑनलाइन कक्षाओं के कारण पेरेंट्स को भी बच्चों के साथ इन कक्षाओं में शामिल होना पड़ता है, जो पेरेंट्स के लिए भी समस्या बन रही है. इसलिए अभिभावक शिक्षक और छात्रों को हो रही समस्याओं को लेकर बाल आयोग ने 8 बिंदुओं पर एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है की बच्चों का शारीरिक मानसिक एवं भावनात्मक विकास बाधित न हो इसके लिए ऑनलाइन कक्षाओं का टाइमिंग कम किया जाए. इसके साथ ही कक्षा पहली से पांचवी के बच्चों को इसमें शामिल न किया जाए.

भोपाल। देशभर में लॉकडाउन के चलते स्कूल और कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं, लेकिन इन कक्षाओं से छात्रों को कोई फायदा नहीं हो रहा है. ऐसा कहना है बाल अधिकार संरक्षण आयोग का. आयोग का कहना है की ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों को शारीरिक और मानसिक तनाव हो रहा है, जिसको देखते हुए बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है और कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल ना करने के लिए कहा है.

बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को दी एडवाइजरी
बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे आधा समय मोबाइल में बिता रहे हैं, जिसके चलते बच्चों को मानसिक तनाव हो रहा है. ऑनलाइन कक्षाओं में वन वे कम्युनिकेशन हो रहा है. जिससे बच्चों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा, बल्कि आधा दिन मोबाइल में बैठकर बच्चों को मानसिक तनाव के साथ ही उनकी आंखों पर असर पड़ रहा है, जिसको देखते हुए आयोग ने इस पर विचार करने की मांग की है.मोबाइल पर हो रही ऑनलाइन कक्षाओं के कारण पेरेंट्स को भी बच्चों के साथ इन कक्षाओं में शामिल होना पड़ता है, जो पेरेंट्स के लिए भी समस्या बन रही है. इसलिए अभिभावक शिक्षक और छात्रों को हो रही समस्याओं को लेकर बाल आयोग ने 8 बिंदुओं पर एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है की बच्चों का शारीरिक मानसिक एवं भावनात्मक विकास बाधित न हो इसके लिए ऑनलाइन कक्षाओं का टाइमिंग कम किया जाए. इसके साथ ही कक्षा पहली से पांचवी के बच्चों को इसमें शामिल न किया जाए.
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