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SC/ST की सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश पुलिस की एडवाइजरी का कांग्रेस विधायक ने किया स्वागत

मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिससे अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों को हिरासत में बिना किसी वजह के प्रताड़ित न किया जाए.

एससी-एसटी वर्ग को लेकर जारी एडवाइजरी
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Published : Nov 6, 2019, 4:54 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 6:30 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस थानों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिनमें पुलिस हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की गई है.

एससी-एसटी वर्ग को लेकर जारी एडवाइजरी

इन घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग ने आपत्ति जताई है. एडवाइजरी में लिखा है कि भारतीय संविधान एवं विधि के अधीन किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से केवल विधि प्रक्रिया के माध्यम से वंचित किया जा सकता है, इसलिए भविष्य में किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी विधि के सुसंगत प्रावधानों एवं प्रक्रिया का पूरा पालन करते हुए की जाए. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि पुलिस हिरासत में किसी भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के व्यक्ति के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट न की जाए.

वहीं, इस मामले में कांग्रेस विधायक और जय आदिवासी युवा संगठन 'जयस' के नेता हीरालाल अलावा का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने एससी/एसटी वर्ग के लोग जो पुलिस थानों में प्रताड़ित होते थे, उनकी सुरक्षा और सहयोग की अपील का हम स्वागत करते हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस थानों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिनमें पुलिस हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की गई है.

एससी-एसटी वर्ग को लेकर जारी एडवाइजरी

इन घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग ने आपत्ति जताई है. एडवाइजरी में लिखा है कि भारतीय संविधान एवं विधि के अधीन किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से केवल विधि प्रक्रिया के माध्यम से वंचित किया जा सकता है, इसलिए भविष्य में किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी विधि के सुसंगत प्रावधानों एवं प्रक्रिया का पूरा पालन करते हुए की जाए. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि पुलिस हिरासत में किसी भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के व्यक्ति के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट न की जाए.

वहीं, इस मामले में कांग्रेस विधायक और जय आदिवासी युवा संगठन 'जयस' के नेता हीरालाल अलावा का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने एससी/एसटी वर्ग के लोग जो पुलिस थानों में प्रताड़ित होते थे, उनकी सुरक्षा और सहयोग की अपील का हम स्वागत करते हैं.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस थानों को एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश के थानों में कुछ ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं। जिसमें पुलिस हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की गई है।इन घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग द्वारा आपत्ति व्यक्त की गई है। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में आगे लिखा है कि भारतीय संविधान एवं विधि के अधीन किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से केवल विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के माध्यम से वंचित किया जा सकता है।इसलिए भविष्य में किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी विधि के सुसंगत प्रावधानों एवं प्रक्रिया का पूरा पालन करते हुए की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पुलिस हिरासत में किसी भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के व्यक्ति के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट ना की जाए। इस निर्देशों के बाद सियासत तेज हो गई है। सवर्ण संगठनों और राजनीतिक दल इसे सवर्णों को प्रताड़ित करने का तरीका बता रहे हैं।


Body:वहीं इस मामले में कांग्रेस विधायक और जय आदिवासी युवा संगठन 'जयस' के नेता डॉ हीरालाल अलावा का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने एससी एसटी वर्ग के लोग जो पुलिस थानों में प्रताड़ित होते थे, उनको सुरक्षा और सहयोग की अपील का हम स्वागत करते हैं। यह बात सच है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार 2लाख 83 हजार कैदी जेलों में बंद हैं। इनमें 80% ऐसे हैं, जो बिना मुकदमे के जेलों में सड़ रहे हैं। इसमें से 80 फ़ीसदी एससी-एसटी समुदाय से है।आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सरकार इनकी मदद करती है।जिन्हें पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जाता है।तो सरकार के माध्यम से यह एडवाइजरी जारी की गई है। कि इनको बिना किसी कारण प्रताड़ित ना किए जाएं। तो मध्य प्रदेश सरकार की यह अच्छी पहल है। इसका हम स्वागत करते हैं और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं।कि उन्होंने इस वर्ग के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया।


Conclusion:
Last Updated : Nov 6, 2019, 6:30 PM IST
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