भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस थानों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिनमें पुलिस हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की गई है.
इन घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग ने आपत्ति जताई है. एडवाइजरी में लिखा है कि भारतीय संविधान एवं विधि के अधीन किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से केवल विधि प्रक्रिया के माध्यम से वंचित किया जा सकता है, इसलिए भविष्य में किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी विधि के सुसंगत प्रावधानों एवं प्रक्रिया का पूरा पालन करते हुए की जाए. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाए कि पुलिस हिरासत में किसी भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के व्यक्ति के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट न की जाए.
वहीं, इस मामले में कांग्रेस विधायक और जय आदिवासी युवा संगठन 'जयस' के नेता हीरालाल अलावा का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने एससी/एसटी वर्ग के लोग जो पुलिस थानों में प्रताड़ित होते थे, उनकी सुरक्षा और सहयोग की अपील का हम स्वागत करते हैं.