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झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन का अभियान, 42 फर्जी क्लीनिक सील

राजस्व अधिकारी और स्वास्थ विभाग के अमले द्वारा संयुक्त अभियान में जिले में 42 से अधिक ऐसी डॉक्टरी की दुकानें सील कर दी गई हैं. साथ ही संबंधित इलाज करने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी कर संबंधित कागजात पेश करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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Published : Oct 13, 2020, 11:39 AM IST

Administration's campaign against Fake doctors, 42 fake shops of doctors sealed
झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन का अभियान

भोपाल। राजधानी में बड़े पैमाने पर निजी अस्पताल और कई निजी पैथोलॉजी लैब संचालित की जा रही हैं, तो वहीं कुछ स्थानों पर फर्जी डॉक्टरों का कारोबार भी पैर पसार रहा है, शहर के अनेक क्षेत्रों में दुकानों के माध्यम से इस तरह की छोटी-छोटी क्लीनिक लंबे समय से संचालित हो रही हैं. लेकिन प्रशासन के द्वारा कार्रवाई ना होने के चलते ऐसे फर्जी डॉक्टरों के हौसले भी बुलंद हो रहे हैं. यही वजह है कि राजधानी में झोलाछाप डॉक्टरों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है और शहर के हर क्षेत्र में इस तरह के फर्जी डॉक्टर लोगों का बिना डिग्री के ही इलाज कर रहे हैं.

ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इस मामले की शिकायत ना की गई हो, लेकिन प्रशासन के सुस्त रवैये के चलते अब तक इस तरह के फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कभी हो ही नहीं पाई है. लेकिन अब भोपाल कलेक्टर ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए राजधानी के झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है. पहले ही दिन जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए राजधानी में चलाई जा रही फर्जी डॉक्टरों की इन दुकानों को सील कर दिया है. इसके अलावा इन सभी झोलाछाप डॉक्टरों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी करते हुए अपने डॉक्टरी के समस्त दस्तावेज जिला प्रशासन के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं, ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर भोपाल में राजस्व अधिकारियों, एसडीएम, तहसीलदार और जिला स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा तथाकथित डॉक्टरों के विरुद्ध व्यापक जांच अभियान चलाया गया है और सभी ऐसी इलाज करने वाली संदिग्ध दुकानों को चेक किया गया. इस कार्रवाई के दौरान पाया गया है कि कई ऐसे डॉक्टर जो होम्योपैथी, आयुर्वेद की डिग्री लेकर बैठे हैं और एलोपैथी से इलाज कर रहे हैं, इसके साथ ही कुछ ऐसे फर्जी डॉक्टर हैं, जिनके द्वारा बिना डिग्री लिए भी दुकानों का संचालन किया जा रहा था. इसके साथ ही दुकानों के संचालन की नियमानुसार परमिशन नहीं ली गई थी. डॉक्टर की दुकान चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की अनुमति की आवश्यकता होती है, लेकिन इन लोगों के द्वारा इस प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई थी.

अपर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने बताया है कि राजस्व अधिकारी और स्वास्थ विभाग के अमले द्वारा संयुक्त अभियान में जिले में 42 से अधिक ऐसी डॉक्टरी की दुकानें सील कर दी गई हैं. साथ ही संबंधित इलाज करने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी कर संबंधित कागजात पेश करने के निर्देश भी दिए गए हैं. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही एसडीएम और तहसीलदार को निर्देश जारी किए गए हैं कि जिले में लोगों के स्वास्थ्य के साथ लापरवाही नहीं होने दी जाए.

मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी को कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस तरह के मामलों में लगातार कार्रवाई करे और सम्बन्धित व्यक्ति जिसे इलाज करने की अनुमति है उसे अनुमति दी जाए. जो लोग बिना अनुमति के इस तरह के क्लीनिक संचालित कर रहे हैं, ऐसे लोगों की जानकारी प्रशासन को देते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए.

भोपाल। राजधानी में बड़े पैमाने पर निजी अस्पताल और कई निजी पैथोलॉजी लैब संचालित की जा रही हैं, तो वहीं कुछ स्थानों पर फर्जी डॉक्टरों का कारोबार भी पैर पसार रहा है, शहर के अनेक क्षेत्रों में दुकानों के माध्यम से इस तरह की छोटी-छोटी क्लीनिक लंबे समय से संचालित हो रही हैं. लेकिन प्रशासन के द्वारा कार्रवाई ना होने के चलते ऐसे फर्जी डॉक्टरों के हौसले भी बुलंद हो रहे हैं. यही वजह है कि राजधानी में झोलाछाप डॉक्टरों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है और शहर के हर क्षेत्र में इस तरह के फर्जी डॉक्टर लोगों का बिना डिग्री के ही इलाज कर रहे हैं.

ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इस मामले की शिकायत ना की गई हो, लेकिन प्रशासन के सुस्त रवैये के चलते अब तक इस तरह के फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कभी हो ही नहीं पाई है. लेकिन अब भोपाल कलेक्टर ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए राजधानी के झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है. पहले ही दिन जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए राजधानी में चलाई जा रही फर्जी डॉक्टरों की इन दुकानों को सील कर दिया है. इसके अलावा इन सभी झोलाछाप डॉक्टरों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी करते हुए अपने डॉक्टरी के समस्त दस्तावेज जिला प्रशासन के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं, ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर भोपाल में राजस्व अधिकारियों, एसडीएम, तहसीलदार और जिला स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा तथाकथित डॉक्टरों के विरुद्ध व्यापक जांच अभियान चलाया गया है और सभी ऐसी इलाज करने वाली संदिग्ध दुकानों को चेक किया गया. इस कार्रवाई के दौरान पाया गया है कि कई ऐसे डॉक्टर जो होम्योपैथी, आयुर्वेद की डिग्री लेकर बैठे हैं और एलोपैथी से इलाज कर रहे हैं, इसके साथ ही कुछ ऐसे फर्जी डॉक्टर हैं, जिनके द्वारा बिना डिग्री लिए भी दुकानों का संचालन किया जा रहा था. इसके साथ ही दुकानों के संचालन की नियमानुसार परमिशन नहीं ली गई थी. डॉक्टर की दुकान चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की अनुमति की आवश्यकता होती है, लेकिन इन लोगों के द्वारा इस प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई थी.

अपर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने बताया है कि राजस्व अधिकारी और स्वास्थ विभाग के अमले द्वारा संयुक्त अभियान में जिले में 42 से अधिक ऐसी डॉक्टरी की दुकानें सील कर दी गई हैं. साथ ही संबंधित इलाज करने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी कर संबंधित कागजात पेश करने के निर्देश भी दिए गए हैं. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही एसडीएम और तहसीलदार को निर्देश जारी किए गए हैं कि जिले में लोगों के स्वास्थ्य के साथ लापरवाही नहीं होने दी जाए.

मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी को कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस तरह के मामलों में लगातार कार्रवाई करे और सम्बन्धित व्यक्ति जिसे इलाज करने की अनुमति है उसे अनुमति दी जाए. जो लोग बिना अनुमति के इस तरह के क्लीनिक संचालित कर रहे हैं, ऐसे लोगों की जानकारी प्रशासन को देते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए.

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