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कोरोना संक्रमण काल में छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से जोड़ना बेहद मुश्किल: प्राचार्य उषा खरे

संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए अभी ये निश्चित नहीं है कि स्कूल कब खोले जाएंगे. ऐसे में छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से लगाई जा रही है. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नवीन शिक्षा व्यवस्था की घोषणा भी कर दी है. जिसके तहत 1 सितंबर से स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जाएंगी, लेकिन स्कूलों के लिए छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना बेहद मुश्किल है. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Aug 29, 2020, 7:35 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश भर के स्कूल बंद हैं. ऐसे में छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से लगाई जा रही हैं. इसके लिए1 माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नवीन शिक्षा व्यवस्था की घोषणा की है. जिसके तहत 1 सितंबर से स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जाएंगी. ऐसे में शिक्षकों के लिए छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से जोड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है.

ऑनलाइन क्लास में बच्चों को जोड़ना शिक्षकों के लिए चुनौती

उच्चतर माध्यमिक शाला की प्राचार्य उषा खरे ने बताया कि स्कूल में 50 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं और जिनके पास हैं तो उनके अभिभावक फोन लेकर काम पर निकल जाते हैं, ऐसे छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना शिक्षकों के लिए बेहद मुश्किल काम है.

प्राचार्य उषा खरे का कहना है कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, यहां नेटवर्क की समस्या और स्मार्टफोन के अभाव में बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ पाते. राजधानी भोपाल के ही स्कूलों में छात्रों की ये स्थिति है तो ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे कैसे ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ पाएंगे.

जहांगीराबाद स्थित उच्चतर माध्यमिक स्कूल की प्राचार्य उषा खरे ने बताया कि लॉकडाउन में जब सारे काम बंद थे तब अभिभवक छात्रों को फोन पर कक्षाओं से जोड़ लेते थे, लेकिन अब अनलॉक में सभी कामकाज दोबारा शुरू हो गए हैं. ऐसे में जिन छात्रों के घर केवल एक फोन है. उनके अभिभावक फोन लेकर काम पर निकल जाते है, ऐसे में छात्र न ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ सकते हैं. न व्हाट्सअप ग्रुप पर और न ही डीजी लेब के माध्यम से ऐसे में शिक्षकों के लिए छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना बेहद मुश्किल हो गया है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश भर के स्कूल बंद हैं. ऐसे में छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन के माध्यम से लगाई जा रही हैं. इसके लिए1 माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नवीन शिक्षा व्यवस्था की घोषणा की है. जिसके तहत 1 सितंबर से स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जाएंगी. ऐसे में शिक्षकों के लिए छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से जोड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है.

ऑनलाइन क्लास में बच्चों को जोड़ना शिक्षकों के लिए चुनौती

उच्चतर माध्यमिक शाला की प्राचार्य उषा खरे ने बताया कि स्कूल में 50 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं और जिनके पास हैं तो उनके अभिभावक फोन लेकर काम पर निकल जाते हैं, ऐसे छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना शिक्षकों के लिए बेहद मुश्किल काम है.

प्राचार्य उषा खरे का कहना है कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, यहां नेटवर्क की समस्या और स्मार्टफोन के अभाव में बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ पाते. राजधानी भोपाल के ही स्कूलों में छात्रों की ये स्थिति है तो ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे कैसे ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ पाएंगे.

जहांगीराबाद स्थित उच्चतर माध्यमिक स्कूल की प्राचार्य उषा खरे ने बताया कि लॉकडाउन में जब सारे काम बंद थे तब अभिभवक छात्रों को फोन पर कक्षाओं से जोड़ लेते थे, लेकिन अब अनलॉक में सभी कामकाज दोबारा शुरू हो गए हैं. ऐसे में जिन छात्रों के घर केवल एक फोन है. उनके अभिभावक फोन लेकर काम पर निकल जाते है, ऐसे में छात्र न ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ सकते हैं. न व्हाट्सअप ग्रुप पर और न ही डीजी लेब के माध्यम से ऐसे में शिक्षकों के लिए छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना बेहद मुश्किल हो गया है.

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