भोपाल। जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर एसडीएम कोलार ने 4 अस्पतालों पर कार्रवाई की गई. जिसमें रुद्राक्ष और उबंटू हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई होगी. यह अस्पताल मरीजों के इलाज में मनमानी बिलिंग कर रहे थे. अधिक बिलिंग की शिकायत पर जिला प्रशासन की टीम ने 1 लाख 20 हजार की राशि परिजनों को वापस कराई है. वहीं अस्पतालों से दस्तावेज भीं कब्जे में लिए गए हैं.
कलेक्टर आविनाश लवानिया के निर्देश पर एसडीएम कोलार ने 4 अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए सभी दस्तावेज जब्त किए और 2 अस्पतालों में गड़बड़ी पाए जाने पर सीएमएचओ को अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई करने लिए लिखा है. जिन मरीजों के परिजनों से अधिक राशि वसूल की गई थी.
वह राशि अस्पताल द्वारा वापस कराए जाने की कार्रवाई करते हुए पीयूष अग्रवाल को 8 हजार, प्रभा पांडे 12 हजार, एसपी दीक्षित 24 हजार और एसआर तानपुरे 12 हजार रुपए की राशि वापस दिलाई गई. इस प्रकार कुल 52 हजार रुपए की राशि रुद्राक्ष अस्पताल प्रबंधन से वापस दिलाई गई है. अस्पताल प्रबंधन ने अधिक राशि जोड़े जाने में अपनी गलती मानी.
संकट काल में निजी अस्पताल कर रहे मनमानी, कलेक्टर ने जारी किये आदेश
यह राशि वापस किए जाने के लिए लिखित में दिया गया. इसी प्रकार होशंगाबाद रोड स्थित उबंटू अस्पताल में भी मोंटू सिन्हा की शिकायत पर जांच की गई, शिकायत सही पाए जाने पर अस्पताल से शिकायतकर्ता को 71 हजार रूपए की राशि वापस दिलाई गई है. इस प्रकार कुल 1 लाख 20 हजार की राशि वापस दिलाई गई. अधिक बिलिंग और शिकायत में सही पाए जाने पर रुद्राक्ष और उबंटू अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए सीएमएचओ को निर्देश दिए गए हैं. कोलार स्थित अन्य अस्पताल भगवती गौतम और निर्माणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी शिकायतों की जांच के लिए एसडीएम क्षितिज शर्मा के नेतृत्व में अस्पताल से दस्तावेज जब्त किए गए.
शिकायत पर किया निरीक्षण
कलेक्टर लवानिया को कुछ अस्पतालों से अधिक बिलिंग करने और इलाज में ज्यादा राशि वसूलने की शिकायतें मिल रही थी. इस पर कलेक्टर ने सभी संबंधित एसडीएम को अस्पताल का औचक निरीक्षण करने और शिकायत के आधार पर बिल जांचने के निर्देश दिए थे. कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा कोलार स्थित रुद्राक्ष मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीजों से अधिक राशि वसूल किए जाने की शिकायतें प्राप्त होने पर तहसीलदार कोलार संतोष मुद्गल और नायब तहसीलदार दिलीप द्विवेदी के साथ अस्पतालों की जांच की. बिलों की जांच में प्रथम दृष्टया जांच के दौरान अस्पताल के द्वारा भर्ती मरीजों से शासन के द्वारा निर्धारित दर से 40 प्रतिशत से अधिक राशि लिया जाना पाया गया.
अस्पतालों में की जा रही थी मनमानी वसूली
एसडीएम शर्मा ने बताया कि कई अस्पतालों की जांच में पाया गया कि मरीज को विभिन्न प्रकार के टेस्ट कराए जाने एवं ऑक्सीजन उपलब्ध कराए जाने के नाम पर राशि वसूली जा रही थी और इसके संबंध में मरीजों के परिजनों और अटेंडेंट को जानकारी भीं नहीं दी जा रही थी. इस संबंध में कोलार क्षेत्र के सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि जो भी बिल का चार्ज किया गया है. उसके संबंध में पूरी जानकारी दी जाए.