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सगे भाई ने पुलिस के डर से नदी में डुबा दिया भाई का शव, फिर किया सरेंडर

भोपाल की ईंटखेड़ी थाना पुलिस ने बीते दिनों गुम हुए शख्स की लाश नदी से बरामद की है. बता दें, मामले में लाश की जानकारी खुद मृतक के भाई ने दी है. जिसने खुद ही पुलिस के डर से मृतक की लाश नदी में फेंक दी थी. जानें पूरा मामला...

police station eit khedi
पुलिस थाना, ईंटखेड़ी
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Published : Sep 13, 2020, 3:21 PM IST

भोपाल। बैरसिया के पास रायपुर गांव में रहने वाले गणेशराम सिलावट गत 2 सितंबर को घर से बिना बताए निकले और फिर वापस नहीं लौटे. परिजनों ने काफी तलाशा, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. ईंटखेड़ी पुलिस ने गणेशराम की लाश नदी से बरामद की है. 9 सिंतबर की शाम को बड़े भाई सुरेश सिलावट ने थाने पहुंचकर उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस टीम गणेश की तलाश में लगाई गई. गुमशुदगी दर्ज होने की सूचना मिलते ही गणेश का छोटा भाई मुन्नालाल ने थाने पहुंचकर मामले में जानकारी दी जिसके बाद पुलिस ने नदी से लाश बरामद की.

शनिवार की सुबह मुन्नालाल थाने पहुंचा और बताया कि बड़े भाई गणेशराम को उसके ही बाड़े में लगे तार से करंट लगने से मौत हो गई थी. दोस्तों ने कहा कि अब वह पुलिस केस में फंस जाएगा, इसलिए उनके ही कहने पर उसने भाई के शव के साथ वजनी पत्थर बांधे और उसे नदी में डुबो दिया. इसके बाद पुलिस उसके बताए स्थान पर पहुंची और शव की तलाश करवाई, लेकिन कोई पत्थर नहीं हटा पा रहा था. आरक्षक कपिल ने नदी में डुबकी लगाई. कई बार के प्रयास में उसने पत्थर हटा दिए और लाश को बाहर निकाल लिया. दस दिनों तक पानी में पड़े होने के कारण शव बुरी तरह से सड़ गया था, जिसे पीएम के लिए भेज दिया गया है.


थाना प्रभारी करन सिंह के मुताबिक भाई की मौत की जानकारी मुन्ना ने अपने दो-तीन दोस्तों को दी तो उन्होंने कहा कि अब पुलिस से बचना मुश्किल है. इस पर उसने सोचा कि भाई की मौत हो चुकी है, इसलिए उसने दोस्तों के साथ उसे नदी में डुबो दिया था, लेकिन इसकी जानकारी उसने अपने परिवार में किसी को भी नहीं दी थी. कई दिनों तक गणेश जब नहीं दिखा तो बड़े भाई ने पुलिस को बताया. मुन्ना के खेत के पास उसके जूते पड़े मिले थे, इसलिए पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दो दिनों तक उफनती हुई नदी में उसकी तलाश करवाई. कई किलोमीटर तक जंगली इलाके में भी सर्चिंग की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला.

गणेशराम की गुमशुदगी के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, तभी अचानक मुन्नालाल अपने घर से लापता हो गया. उसके इस तरह से लापता होने पर पुलिस को शंका हुई और एक टीम मुन्ना की तलाश में लगाई गई. पुलिस जब उसके बारे में पूछताछ कर रही थी, तभी उसे किसी ने सूचना दे दी. इसके बाद शनिवार सुबह वह गांव के चौकीदार को लेकर खुद ही थाने पहुंच गया. मुन्नालाल से घटनाक्रम की जानकारी मिलने के बाद पुलिस उसे लेकर नदी पर पहुंच गई और ट्यूब के सहारे गोता लगाकर शव की तलाश शुरू की. टीआई करण सिंह ने आरक्षक को मौके पर ही पुरस्कृत किया और वरिष्ठ अधिकारियों को भी उसके इस हौसले की जानकारी दी. उसे स्टाप द्वारा भी सम्मानित किया जाएगा.

भोपाल। बैरसिया के पास रायपुर गांव में रहने वाले गणेशराम सिलावट गत 2 सितंबर को घर से बिना बताए निकले और फिर वापस नहीं लौटे. परिजनों ने काफी तलाशा, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. ईंटखेड़ी पुलिस ने गणेशराम की लाश नदी से बरामद की है. 9 सिंतबर की शाम को बड़े भाई सुरेश सिलावट ने थाने पहुंचकर उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस टीम गणेश की तलाश में लगाई गई. गुमशुदगी दर्ज होने की सूचना मिलते ही गणेश का छोटा भाई मुन्नालाल ने थाने पहुंचकर मामले में जानकारी दी जिसके बाद पुलिस ने नदी से लाश बरामद की.

शनिवार की सुबह मुन्नालाल थाने पहुंचा और बताया कि बड़े भाई गणेशराम को उसके ही बाड़े में लगे तार से करंट लगने से मौत हो गई थी. दोस्तों ने कहा कि अब वह पुलिस केस में फंस जाएगा, इसलिए उनके ही कहने पर उसने भाई के शव के साथ वजनी पत्थर बांधे और उसे नदी में डुबो दिया. इसके बाद पुलिस उसके बताए स्थान पर पहुंची और शव की तलाश करवाई, लेकिन कोई पत्थर नहीं हटा पा रहा था. आरक्षक कपिल ने नदी में डुबकी लगाई. कई बार के प्रयास में उसने पत्थर हटा दिए और लाश को बाहर निकाल लिया. दस दिनों तक पानी में पड़े होने के कारण शव बुरी तरह से सड़ गया था, जिसे पीएम के लिए भेज दिया गया है.


थाना प्रभारी करन सिंह के मुताबिक भाई की मौत की जानकारी मुन्ना ने अपने दो-तीन दोस्तों को दी तो उन्होंने कहा कि अब पुलिस से बचना मुश्किल है. इस पर उसने सोचा कि भाई की मौत हो चुकी है, इसलिए उसने दोस्तों के साथ उसे नदी में डुबो दिया था, लेकिन इसकी जानकारी उसने अपने परिवार में किसी को भी नहीं दी थी. कई दिनों तक गणेश जब नहीं दिखा तो बड़े भाई ने पुलिस को बताया. मुन्ना के खेत के पास उसके जूते पड़े मिले थे, इसलिए पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दो दिनों तक उफनती हुई नदी में उसकी तलाश करवाई. कई किलोमीटर तक जंगली इलाके में भी सर्चिंग की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला.

गणेशराम की गुमशुदगी के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, तभी अचानक मुन्नालाल अपने घर से लापता हो गया. उसके इस तरह से लापता होने पर पुलिस को शंका हुई और एक टीम मुन्ना की तलाश में लगाई गई. पुलिस जब उसके बारे में पूछताछ कर रही थी, तभी उसे किसी ने सूचना दे दी. इसके बाद शनिवार सुबह वह गांव के चौकीदार को लेकर खुद ही थाने पहुंच गया. मुन्नालाल से घटनाक्रम की जानकारी मिलने के बाद पुलिस उसे लेकर नदी पर पहुंच गई और ट्यूब के सहारे गोता लगाकर शव की तलाश शुरू की. टीआई करण सिंह ने आरक्षक को मौके पर ही पुरस्कृत किया और वरिष्ठ अधिकारियों को भी उसके इस हौसले की जानकारी दी. उसे स्टाप द्वारा भी सम्मानित किया जाएगा.

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