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कोरोना वायरस: तनाव के बीच खुश रहने के तरीके ढूंढने 'आनंद संस्थान' से जुड़े 9 हजार से ज्यादा लोग

मध्यप्रदेश राज्य आनंद संस्थान ने एक ऑनलाइन स्पेशल वीडियो कोर्स 'अलोहा लाइफ ऑफ हैप्पीनेस एंड फुलफिलमेंट' शुरू किया है. ये कोर्स छह महीने तक चलेगा. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Jun 5, 2020, 8:10 PM IST

Anand Institute
'आनंद संस्थान' से जुड़े 9 हजार से ज्यादा लोग

भोपाल। कोरोना संक्रमण के तनाव और डर भरे माहौल में खुश रहने के घर बैठे तरीके ढूंढने जा रहे हैं. इसके लिए राज्य आनंद संस्थान ने एक ऑनलाइन स्पेशल वीडियो कोर्स 'अलोहा लाइफ ऑफ हैप्पीनेस एंड फुलफिलमेंट' शुरू किया है. खुश रहने के तरीके ढूंढने के लिए आनंद संस्थान की इस पहल से 9 हजार 500 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं. यह कोर्स टैक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज रघुनाथन द्वारा तैयार किया गया है. आनंद संस्थान ने इसके लिए रघु राजन के साथ एमओयू साइन किया है.

आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल
छह हफ्तों में मुफ्त में ढूंढें खुशीलाइफ ऑफ हैप्पीनेस एंड फुलफिलमेंट कोर्स 6 हफ्तों का है. इसे करने के लिए लोगों को सिर्फ संस्थान की साईट पर रजिस्ट्रेशन कराना है. इस कोर्स को छह हफ्तों का डिजाइन किया गया है. जिसमें करीब 15 घंटों के छोटे-छोटे 80 वीडियो दिखाए जाएंगे. वीडियो के जरिए खुश रहने के तरीके और आमतौर पर लोगों द्वारा की जाने वाली गलतियों के बारे में बताया जाएगा. हर हफ्ते एक्सरसाइज और क्विज कराया जाएगा. जिससे लोगों को आत्म मूल्यांकन कराया जाता है. इसके आधार पर अभ्यर्थी की ग्रेडिंग की जाएगी. फिर अगले हफ्ते का कोर्स शुरू होगा.हिंदी में डिजाइन कराया गया कोर्समध्यप्रदेश राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल कहते हैं कि ये लोगों को सकारात्मक सोच के साथ खुश रहने में मदद करेगा. खुशी को नए अंदाज में परिभाषित कराएगा, लोग जीवन को नए नजरिए से देख सकेंगे. टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रघु राजन केस पाठ्यक्रम का हिंदी में अनुवाद कराया गया है. आध्यात्मिक विभाग के आनंद संस्थान ने पाठ्यक्रम के शुरुआती रिस्पांस को देखते हुए, इसे विश्वविद्यालय और स्कूली पाठ्यक्रम में शुरू कराने का सुझाव दिया है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के तनाव और डर भरे माहौल में खुश रहने के घर बैठे तरीके ढूंढने जा रहे हैं. इसके लिए राज्य आनंद संस्थान ने एक ऑनलाइन स्पेशल वीडियो कोर्स 'अलोहा लाइफ ऑफ हैप्पीनेस एंड फुलफिलमेंट' शुरू किया है. खुश रहने के तरीके ढूंढने के लिए आनंद संस्थान की इस पहल से 9 हजार 500 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं. यह कोर्स टैक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज रघुनाथन द्वारा तैयार किया गया है. आनंद संस्थान ने इसके लिए रघु राजन के साथ एमओयू साइन किया है.

आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल
छह हफ्तों में मुफ्त में ढूंढें खुशीलाइफ ऑफ हैप्पीनेस एंड फुलफिलमेंट कोर्स 6 हफ्तों का है. इसे करने के लिए लोगों को सिर्फ संस्थान की साईट पर रजिस्ट्रेशन कराना है. इस कोर्स को छह हफ्तों का डिजाइन किया गया है. जिसमें करीब 15 घंटों के छोटे-छोटे 80 वीडियो दिखाए जाएंगे. वीडियो के जरिए खुश रहने के तरीके और आमतौर पर लोगों द्वारा की जाने वाली गलतियों के बारे में बताया जाएगा. हर हफ्ते एक्सरसाइज और क्विज कराया जाएगा. जिससे लोगों को आत्म मूल्यांकन कराया जाता है. इसके आधार पर अभ्यर्थी की ग्रेडिंग की जाएगी. फिर अगले हफ्ते का कोर्स शुरू होगा.हिंदी में डिजाइन कराया गया कोर्समध्यप्रदेश राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल कहते हैं कि ये लोगों को सकारात्मक सोच के साथ खुश रहने में मदद करेगा. खुशी को नए अंदाज में परिभाषित कराएगा, लोग जीवन को नए नजरिए से देख सकेंगे. टेक्सास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रघु राजन केस पाठ्यक्रम का हिंदी में अनुवाद कराया गया है. आध्यात्मिक विभाग के आनंद संस्थान ने पाठ्यक्रम के शुरुआती रिस्पांस को देखते हुए, इसे विश्वविद्यालय और स्कूली पाठ्यक्रम में शुरू कराने का सुझाव दिया है.
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