भोपाल। मध्यप्रदेश से अब मानसून की विदाई होने लगी है.दक्षिण पश्चिम मानसून पश्चिमी राजस्थान से विदा होना शुरू हो गया है. हालांकि अक्टूबर के पहले हफ्ते तक लोकल सिस्टम की वजह से प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की फुल्की बारिश हो सकती है. इस साल मानसून सीजन में मध्यप्रदेश में सामान्य से 6 फीसदी बारिश ज्यादा हुई है. लेकिन इसके बावजूद भी कहीं न कहीं सूखे के हालात है.
8 जिलों में हुई कम बारिश
सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश के बावजूद बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल के 8 जिले प्यासे रह गए. इन जिलों में सामान्य से 30 फीसदी तक कम बारिश हुई है. खासतौर से बुंदेलखंड के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, कटनी और मंदसौर जिले में कम बारिश दर्ज की गई है.
इन जिलों सामान्य से ज्यादा बारिश
वहीं मध्य प्रदेश के 8 जिले भले ही प्यासी रह गए हो, लेकिन प्रदेश के 16 जिलों में जमकर इस साल बारिश हुई है. सबसे ज्यादा देवास जिले में सामान्य से 55 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. इसी तरह भोपाल, रायसेन, छिंदवाड़ा, सीहोर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, आगर मालवा, राजगढ़, शाजापुर और सिंगरौली में 28 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.
40 बांध अब भी खाली
मध्यप्रदेश के करीब 66 फीसदी बांध ही लबालब हुए है.प्रदेश में कुल 251 छोटे-बड़े बांध है, जिनमें 167 बांध 90 फीसदी से ज्यादा भर गए है. जबकि करीब 40 बांध ऐसे हैं जो आधे भी नहीं भर पाए हैं. इनमें राजगढ़ का मोहनपुरा बांध, मंदसौर का रेटम बांध शामिल है. हालांकि मध्य प्रदेश के बड़े बांध लगभग सभी भर चुके हैं.
कम बारिश वाले जिलों के हालात
- दतिया में सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई
- छतरपुर जिले में सामान्य से 24 फीसदी कम बारिश हुई
- टीकमगढ़ में सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई
- सागर में 13 फीसदी कम बारिश हुई
- ग्वालियर में सामान्य से 30 फीसदी कम बारिश हुई
- भिंड में 32 फीसदी कम बारिश हुई
- कटनी में 20 फीसदी कम बारिश हुई
- मंदसौर में 21 फीसदी कम बारिश हुई