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634 संविदा कंप्यूटर ऑपरेटरों की सेवाएं समाप्त करने से कर्मचारी संगठन नाराज, सीएम से करेंगे मुलाकात - Assembly election

मध्य प्रदेश के सहकारी बैंकों में वर्ष 2011 से कार्यरत 634 संविदा कंप्यूटर ऑपरेटरों की संविदा समाप्त करने के आदेश जारी करने के बाद कर्मचारी संगठनों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है और इस आदेश को वापस लेने की मांग उठाई है. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस मामले में मिलने की बात कही है.

Employee organizations warn of movement
कर्मचारी संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी
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Published : Feb 19, 2020, 7:22 AM IST

भोपाल । प्रदेश के सहकारी बैंकों में साल 2011 से कार्यरत 634 संविदा कंप्यूटर ऑपरेटरों की संविदा समाप्त करने के आदेश जारी करने के बाद कर्मचारी संगठनों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है और इस आदेश को वापस लेने की मांग उठाई है.

कर्मचारी संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस मामले में मिलने की बात कही है. उसके बाद भी यदि बात नहीं बनती है तो फिर प्रदेश भर में संविदा कर्मचारियों के द्वारा सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

प्रदेश के सहकारिता बैंकों में संविदा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर जो पिछले 10 सालों से संविदा पर कार्यरत थे, अभी विगत कई महीनों से उनकी 6-6 महीने की संविदा बढ़ाई जा रही थी. लेकिन सरकार ने एक बार फिर से इन 634 संविदा कंप्यूटर ऑपरेटरों को दोबारा संविदा नियुक्ति देने से इनकार किया है और इनकी संविदा अवधि नहीं बढ़ाई है. इस वजह से इन सभी संविदा कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को उम्मीद थी कि नई सरकार आने पर उनके साथ होने वाले अन्याय रुक जाएगा. लेकिन सरकार के द्वारा लगातार संविदा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का भरोसा दिया था. लेकिन यहां तो उसके उलट काम हो रहा है.

भोपाल । प्रदेश के सहकारी बैंकों में साल 2011 से कार्यरत 634 संविदा कंप्यूटर ऑपरेटरों की संविदा समाप्त करने के आदेश जारी करने के बाद कर्मचारी संगठनों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है और इस आदेश को वापस लेने की मांग उठाई है.

कर्मचारी संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी इस मामले में मिलने की बात कही है. उसके बाद भी यदि बात नहीं बनती है तो फिर प्रदेश भर में संविदा कर्मचारियों के द्वारा सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

प्रदेश के सहकारिता बैंकों में संविदा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर जो पिछले 10 सालों से संविदा पर कार्यरत थे, अभी विगत कई महीनों से उनकी 6-6 महीने की संविदा बढ़ाई जा रही थी. लेकिन सरकार ने एक बार फिर से इन 634 संविदा कंप्यूटर ऑपरेटरों को दोबारा संविदा नियुक्ति देने से इनकार किया है और इनकी संविदा अवधि नहीं बढ़ाई है. इस वजह से इन सभी संविदा कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को उम्मीद थी कि नई सरकार आने पर उनके साथ होने वाले अन्याय रुक जाएगा. लेकिन सरकार के द्वारा लगातार संविदा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का भरोसा दिया था. लेकिन यहां तो उसके उलट काम हो रहा है.

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