भोपाल। प्रदेश में हुई बंपर गेहूं खरीदी में गड़बड़ी के मामले सियासी मुद्दे बनने लगे हैं. शिवराज सरकार के नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति और सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के गृह जिले सागर में गेहूं खरीदी में गड़बड़ी के बड़े मामले सामने आ रहे हैं. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के क्षेत्र में लॉकडाउन दौरान गरीबों के लिए बांटे जाने वाला गेहूं खरीदी केंद्र पर पकड़ा गया था. अब नया मामला सागर के बीना से सामने आया है, जहां 700 किसानों के 50 हजार क्विंटल गेहूं का रिकॉर्ड ही नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसानों को भुगतान में दिक्कत हो रही है.
प्रदेश सरकार एक तरफ तो सर्वाधिक गेहूं खरीदी का का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ उपार्जन में घोटाले पर घोटाले सामने आ रहे हैं. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सुरखी के सिहोरा में लॉकडाउन के दौरान गरीबों को बांटने के लिए भेजा गया गेहूं शासकीय खरीदी केंद्र पर रंगे हाथ पकड़ा गया था. जिसमें एफआईआर दर्ज होने के बावजूद आज तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, अब बीना में 50 हजार क्विंटल गेहूं की हेराफेरी की गई है. इस घोटाले में लगभग 700 किसानों का गेहूं बीना में खरीद तो लिया, लेकिन जब किसानों ने भुगतान की मांग की, तो पता चला कि सरकार के पोर्टल में खरीदी का कोई ब्यौरा नहीं था.
इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, 'इस घोटाले की तत्काल जांच होना चाहिए. उन्होंने कहा है कि, अभी तो किसान ही इस घोटाले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. अगर किसानों को भुगतान नहीं हुआ, तो आंदोलन की स्थिति बन सकती है. यह मध्य प्रदेश का दुर्भाग्य है कि, अपनी हैसियत को बेचने वाले मंत्रियों की आंख के सामने ये घोटाले हो रहे हैं. कांग्रेस हर स्तर पर भाजपा के घोटालों पर नजर रख रही है और मीडिया के माध्यम से जनता के सामने लाया जाएगा'.