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अच्छी पहल: भोपाल रेलवे स्टेशन से ट्रेनों के जाते ही 50 फीसदी लाइटें हो जाती हैं बंद

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Published : Jul 22, 2020, 10:36 AM IST

Updated : Jul 22, 2020, 10:57 AM IST

पश्चिम मध्य रेलवे ने बिजली बचाने के लिए अच्छी पहल की है. प्लेटफार्म नंबर 1 के लाइटिंग सिस्टम को होम और स्टार्टर सिग्नल से जोड़ा गया. ट्रेन के आने पर लाइट जलेगी और जाते ही 50 प्रतिशत लाइटें बंद हो जाएंगी.

Good initiative of West Central Railway, 50 percent of the lights are turned off as soon as the trains leave.
पश्चिम मध्य रेलवे की अच्छी पहल, ट्रेनों के जाते ही 50 फीसदी लाइटें हो जाती हैं बंद

भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे ने भोपाल रेलवे स्टेशन पर बिजली बचाने के लिए एक अच्छी पहल की है. स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 के लाइटिंग सिस्टम को होम और स्टार्टर सिग्नल से जोड़ा गया है. ट्रेन जैसे ही होम सिग्नल पर आती है, प्लेटफार्म की 100 फीसदी लाइट्स चालू हो जाती हैं और जब ट्रेन का आखिरी डिब्बा पेलटफॉर्म से गुजरता है, कोच स्टार्टर सिग्नल को टच करता है, पेलटफॉर्म की 50 फीसदी लाइट्स बंद हो जाती हैं.


दरअसल भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर- 1 पर रोज 200 यूनिट बिजली की खपत होती थी. जिसे देखते हुए ये शुरुआत की गई है, अब सिर्फ 80 यूनिट बिजली की ही खपत रोजाना होती है. यानी रोज की 120 यूनिट बिजली की बचत हो रही है, महीने में इस बचत से रेलवे को 3 लाख 50 हजार रुपए का फायदा हो रहा है.


यह व्यवस्था सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक है, पश्चिम मध्य रेलवे ने अभी अपने जोन के अंदर आने वाले भोपाल, जबलपुर और नरसिंगपुर स्टेशन पर इसे शुरू किया है. इस कामयाबी के बाद जल्द दूसरे स्टेशनों पर भी इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है, जिससे ऊर्जा के साथ-साथ पैसों की भी बचत हो सकेगी.

भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे ने भोपाल रेलवे स्टेशन पर बिजली बचाने के लिए एक अच्छी पहल की है. स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 के लाइटिंग सिस्टम को होम और स्टार्टर सिग्नल से जोड़ा गया है. ट्रेन जैसे ही होम सिग्नल पर आती है, प्लेटफार्म की 100 फीसदी लाइट्स चालू हो जाती हैं और जब ट्रेन का आखिरी डिब्बा पेलटफॉर्म से गुजरता है, कोच स्टार्टर सिग्नल को टच करता है, पेलटफॉर्म की 50 फीसदी लाइट्स बंद हो जाती हैं.


दरअसल भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर- 1 पर रोज 200 यूनिट बिजली की खपत होती थी. जिसे देखते हुए ये शुरुआत की गई है, अब सिर्फ 80 यूनिट बिजली की ही खपत रोजाना होती है. यानी रोज की 120 यूनिट बिजली की बचत हो रही है, महीने में इस बचत से रेलवे को 3 लाख 50 हजार रुपए का फायदा हो रहा है.


यह व्यवस्था सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक है, पश्चिम मध्य रेलवे ने अभी अपने जोन के अंदर आने वाले भोपाल, जबलपुर और नरसिंगपुर स्टेशन पर इसे शुरू किया है. इस कामयाबी के बाद जल्द दूसरे स्टेशनों पर भी इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है, जिससे ऊर्जा के साथ-साथ पैसों की भी बचत हो सकेगी.

Last Updated : Jul 22, 2020, 10:57 AM IST
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