भोपाल। राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि अगर किसी से ब्लड का रिलेशन होता है और उसके पास जमीन जायदाद है, तो वह दानपत्र लिख सकता है. यह काम कोई चोरी-छिपे नहीं होता. बाकायदा रजिस्टर्ड होता है. इसके साथ ही कोर्ट भी जाना पड़ता है. हर चीज ऑनलाइन है. आप देख सकते हैं. उनके ससुराल में एक जमाने में 600 से 800 एकड़ तक जमीन हुआ करती थी. आज भी उनके पास 400 से 500 एकड़ जमीन है.
ये है मामला : राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर आरोप है कि उन्होंने पहले अपने साले के नाम पर जमीन खरीदी थी. फिर दान पत्र लिखवा लिया. आरोप है कि ससुराल से दान में 50 एकड़ से ज्यादा जमीन मिली है. आरोप है कि सागर भोपाल रोड पर भापेल गांव में कल्पना सिंघई से 2021 में उनके साले हिमाचल सिंह और करतार सिंह ने करोड़ों की ये जमीन खरीदी और अगले ही साल अपने जीजा यानी मंत्री जी और उनके परिवार को दान कर दी. जमीन दान करने के बाद यह मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.
धनौरा ने लगाए आरोप : इस दान की गई जमीन को लेकर पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इनका कहना है कि यह जमीन मंत्री ने अपने सालों के नाम पर खरीदी थी. फिर बाद में दान पत्र लिखवा लिया गया है. गोविंद सिंह ने एक साल में बच्चों के नाम पर लगभग 75 एकड़ जमीन खरीदी है. आखिर इनके पास इतना पैसा कहां से आया. इसकी शिकायत उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की है. दान की गई पूरी जमीन की जांच की जाए.
कांग्रेस हुई हमलावर : इधर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके रिश्तेदार यानि की पत्नी के भाई ने 50 करोड़ रुपए की जमीन दान में दे दी. सरकार ने मंत्रियों को लूट की छूट दे रखी है. पटवारी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में सरकार नहीं सर्कस चल रही है. परिवहन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह राजपूत को 50 करोड़ रुपए दान में मिल गए हैं, यह देश में पहला केस होगा, जिसमें किसी को 50 करोड़ से ज्यादा का दान मिला है. गोविंद सिंह को 50 करोड़ रुपए कीमत की यह जमीन उनके रिश्तेदार साले ने दी है. इससे साफ है कि शिवराज सरकार ने मंत्रियों को लूट की छूट दे दी है.
भाई-भतीजावाद का साम्राज्य: पटवारी ने आरोप लगाया कि भाई भतीजावाद का विरोध करने वाली बीजेपी सरकार में ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के ससुर को कुलपति बना दिया गया. असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में उच्च शिक्षा मंत्री के करीबी रिश्तेदारों की चांदी हो गई है. यह भाई भतीजावाद का विरोध करने वालों को समझ क्यों नहीं आया. मंडी बोर्ड में उच्च षिक्षा विभाग के कर्मचारी को प्रतिनिधि पर भेज दिया गया.