भोपाल। मंगलवार की रात से ही पिंक सुपरमून के नजारे देशभऱ में लॉकडाउन होने के बावजूद देखे गए. साल 2020 का सबसे बड़ा चांद पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब आया. यह नजारा लोगों ने अपने घरों में बैठकर देखा. हनुमान जयंती के अवसर 8 अप्रैल की सुबह चांद पृथ्वी के सबसे करीब रहा. इस चांद को वैज्ञानिकों ने पिंक मून नाम दिया है. इस सुपरमून को बिना किसी यंत्र की मदद के भी आसानी से देखा जा सकता है. देश और प्रदेश में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन की परिस्थितियां बनी हुई है, लेकिन ऐसी स्थिति में भी लोग अपने घरों की छत पर जाकर इस सुपरमून को देख सकते हैं.
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विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि हनुमान प्रकटोत्सव की पूर्णिमा पर चंद्रमा दुनिया के काफी करीब आ रहा है. 8 अप्रैल को साल का अंतिम और सबसे निकटतम दूरी वाला सुपरमून दिखाई देगा. उन्होंने बताया कि जब लोग सुबह सो कर उठेंगे उस समय 8 बजकर पांच मिनट पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक पहुंच चुका होगा, लेकिन सूर्य की दूसरी ओर से आ रही तेज किरणों की वजह से ऐसा देख पाना संभव नहीं हो पाएगा. शाम को जब सूरज पश्चिम में अस्त होगा तब 7 बजकर 10 मिनट पर पूर्व दिशा में आम व्यक्ति इसे अन्य माइक्रो मून पूर्णिमा की तुलना में 14 फीसदी बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमक के साथ देख सकता है. सारिका ने बताया कि जैसे-जैसे चंद्रमा ऊपर की ओर आता जाएगा, इससे लोगों की नजदीकी बढ़ती जाएगी. मध्यरात्रि के बाद यह फिर दूर होते हुए सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर अस्त हो जाएगा. यह पिंक कलर का नहीं होगा.
कई नाम हैं
अमेरिका में इस मौसम में खिलने वाले एक जंगली फूल के रंग के आधार पर सुपरमून को पिंक मून का नाम दिया गया है. इसके अलावा कई देशों में इसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून भी नाम दिया गया है.
प्रदूषण रहित होने के कारण दिखेगा ज्यादा सुंदर
विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने जानकारी देते हुए बताया कि यह साल का सबसे नजदीकी सुपरमून है. वर्तमान परिस्थितियों में प्रदूषण रहित आकाश होने के कारण इसकी चमक दोगुना बढ़ सकती है और तो और हर बार के मुकाबले ज्यादा खूबसूरत चंद्रमा देखा जा सकता है. इस दौरान लोग अपने घरों की छतों पर जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सुपरमून के साथ फोटोग्राफी का आनंद भी ले सकते हैं.