भोपाल। मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी अगले महीने रिटायर हो रहे हैं. चार मार्च को वो सेवानिवृत्त हो जाएंगे. प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक के लिए उच्च स्तर पर मंथन जारी है. हालांकि नए डीजीपी के लिए 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी सुधीर सक्सेना सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन नाम को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में तब तक प्रभारी पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति एमपी में की जा सकती है. इसके लिए राजीव टंडन का नाम सामने आ रहा है. कहा जा रहा है कि वे सीएम शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद अधिकारियों में से हैं और तीन महीने में रिटायर हो जाएंगे. इस दौरान राज्य सरकार पुलिस महानिदेशक के चयन को लेकर विधिवत प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेजकर इसे अंतिम रूप देगी.
राजीव कुमार होंगे प्रभारी डीजीपी?
माना जा रहा है कि 1988 बैच के आईपीएस राजीव कुमार टंडन को नए पुलिस महानिदेशक का चयन होने तक प्रभारी पुलिस महानिदेशक बनाया जा सकता है. टंडन सभी महत्वपूर्ण शाखाओं में अपना योगदान दे चुके हैं. माना जा रहा है कि निर्विवादित होने की वजह से उनके नाम को लेकर किसी को कोई आपत्ति भी नहीं होगी. राजीव टंडन मई 2022 में रिटायर होंगे.
कोरोना के कारण प्रस्ताव भेजने में हुई देरी
आमतौर पर डीजीपी का चयन करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग को तीन माह पहले ही प्रस्ताव भेज दिया जाना चाहिए. अब जब डीजीपी विवेक जौहरी मार्च में रिटायर हो रहे हैं, उस हिसाब से दिसंबर में प्रस्ताव भेजा जाना था. उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि गृह विभाग ने प्रस्ताव तैयार करके सीएम सचिवालय को भेजा था पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सरकार की प्राथमिकता में संक्रमण पर नियंत्रण सहित अन्य कार्य थे. इसी वजह से अभी तक प्रस्ताव नहीं भेजा गया है.बता दें कि तीन नामों की सूची में से मुख्यमंत्री अंतिम चयन करेंगे.
नए डीजीपी में सुधीर सक्सेना का नाम सबसे आगे
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गृह मंत्रालय में पदस्थ 1987 बैच के सुधीर सक्सेना को डीजीपी पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. सुधीर सक्सेना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओएसडी भी रह चुके हैं. पुलिस मुख्यालय की प्रमुख शाखाओं में शामिल प्रशासन के एडीजी की कमान भी वह संभाल चुके हैं. सुधीर सक्सेना अविभाजित मध्यप्रदेश में रायगढ़, छिंदवाड़ा, जबलपुर और रतलाम में एसपी रह चुके हैं औऱ डीआईजी बनने के बाद वे साल 2002 में सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे. प्रतिनियुक्ति से वापस लौटने के बाद वो आईजी इंटेलिजेंस बनाए गए. साथ ही कई महत्वपूर्ण शाखाओं में भी में पदस्थ रहे.
(1988 batch IPS Rajiv Tandon) (DGP in charge in MP)