भोपाल। ब्लैक फंगस की चपेट में आने से अब तक 15 मरीजों की हमीदिया अस्पताल मौत हो चुकी है. वहीं, अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़कर 135 तक पहुंच गई है. वहीं, 85 मरीजों की सर्जरी हुई है और 6 लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी है. डॉक्टर बताते हैं कि मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. 1 दिन में कम से कम चार से पांच ऑपरेशन किए जा रहे हैं.
डॉक्टर ने बताया कि अभी 12 मरीज ऐसे हैं, जिनकी हालत नाजुक है. जानकारी के अनुसार, शहर में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या का आंकड़ा 300 के पार हो गया है. मंगलवार को ही 15 नए मरीज सामने आए हैं, जिनका इलाज भोपाल के अलग-अलग सरकारी और निजी क्लीनिक में जारी है.
मंगलवार को हुई एक और मौत
शहर के करौंद इलाके में विश्वकर्मा नगर के निवासी लकी गुप्ता का इलाज भी ब्लैक फंगस के चलते हमीदिया में चल रहा था, लेकिन रात में उसकी मौत हो गई. मरीज पोस्ट कोविड-19 था. कोरोना संक्रमण का इलाज करवाने से उसका शुगर लेवल हाई हो गया था. इसके चलते वह ब्लैक फंगस की चपेट में आया था. सोमवार और मंगलवार की रात उसने हमीदिया में दम तोड़ दिया. इसकी मौत के साथ ही ब्लैक फंगस से मरने वाले लोगों की संख्या 15 हो गई है.
8 मरीज हुए डिस्चार्ज
म्यूकर यूनिट में काम कर रहे डॉक्टर ने बताया कि 135 मरीजों में से 85 मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है इनमें से 8 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है लेकिन यह पूर्णता स्वस्थ नहीं है सर्जरी के बाद इन्हें घर पर ही उपचार करने की सलाह दी गई है संक्रमण ना बढ़े इसलिए इन्हें जरूरी दवाइयां देकर घर भेजा गया है
50 मरीजों की नाक से हुई सर्जरी
डॉक्टर्स बताते हैं कि 50 मरीज ऐसे भी हैं जिनकी आंखों की सर्जरी भी नाक के अंदर से की गई है. डॉक्टर का कहना है कि आंख की रोशनी पूरी तरह से ना जाए इसके लिए सिर्फ नाक से ही आंख के अंदर के मवाद और संक्रमण को निकाला गया है. जिससे उनकी आंख की सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ी. हालांकि, इस इलाज के बाद भी मरीज की आंख में पूरी तरह से देखने की क्षमता नहीं रहेगी.
येलो वाइट और ब्लैक फंगस के मरीज मिले
हमीदिया में भर्ती 135 मरीजों में से कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनके संक्रमण में येलो और वाइट फंगस के लक्ष्मण भी दिखाई दिए हैं, लेकिन ब्लैक फंगस के बाद ही यह संक्रमण उनके शरीर में पहुंचा है. डॉक्टर्स का कहना है येलो और वाइट फंगस का संक्रमण बहुत कम मात्रा में है, इसलिए ब्लैक फंगस के साथ ही इसका इलाज किया जा रहा है.
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एंट्री पास की व्यवस्था
जीएमसी के डीन डॉक्टर जितेन शुक्ला ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है. यहां पर कुछ मरीज ऐसे भी आ रहे हैं, जिनकी कोविड हिस्ट्री नहीं है, लेकिन उनमें वायरस के संक्रमण की संभावना है. इसलिए यहां पर मरीजों के अटेंडर के लिए एंट्री पास की व्यवस्था की गई है. जिससे कि यहां अधिक संख्या में लोग जमा ना हो सकें और संक्रमण से मरीजों का भी बचाव हो सके.