भोपाल। प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मरीजों की संख्या में भले ही तेजी से इजाफा हो रहा हो, लेकिन अब लगातार सुखद खबरें भी सामने आ रही हैं. प्रदेश के इंदौर, भोपाल और उज्जैन में अभी भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन भोपाल में काफी तेजी के साथ मरीज ठीक भी हो रहे हैं, कोरोना वायरस को हराने के लिए प्रदेश सरकार के साथ ही डॉक्टरों की टीम भी लगातार काम कर रही है और अब धीरे-धीरे सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं.
जिला प्रशासन और चिरायु अस्पताल की उचित स्वास्थ्य व्यवस्था और बेहतर प्रबंधन से बड़ी संख्या में यहां लाए जा रहे कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ हो रहे हैं. इसी क्रम में एक बार फिर 14 व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घर चले गए हैं. डिस्चार्ज हुए 14 मरीजों में एक ऐसा भी मरीज था, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. दरअसल मात्र 18 महीने का छोटा सा बच्चा भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, लेकिन इस नन्हे योद्धा ने भी कोरोना को हराते हुए, अन्य मरीजों को एक नई ऊर्जा देने का काम किया है.
चिरायु अस्पताल के डॉक्टर गोयनका ने आज डिस्चार्ज हुए सभी व्यक्तियों को 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन रहने की समझाइश दी है. होम क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी कर लेने के पश्चात इन व्यक्तियों से अपना प्लाज्मा डोनेट करने की अपील भी की गई. डोनेट किए गए प्लाज्मा से अन्य व्यक्तियों का प्लाज्मा थेरेपी चिकित्सा पद्धति से इलाज किया जाएगा.
स्वस्थ हुए सुरेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि, उन्हें बिल्कुल नहीं लगा कि वो किसी अस्पताल में हैं, उन्हें यहां घर जैसा माहौल मिला. समय पर दवाइयां दी गईं और पूरा ख्याल रखा गया. उनके साथ में 18 माह का नन्हा योद्धा भी आज कोरोना से जंग जीत कर आया है. विनोद सूरी ने बताया, जब वो यहां इलाज के लिए आए थे, तब बहुत तनाव में थे. डॉक्टरों और स्टाफ ने उनका मनोबल बढ़ाया और भावनात्मक सपोर्ट दिया, जिस कारण वो आज स्वस्थ होकर बाहर निकले हैं.
डॉ गोयनका के अनुसार चिरायु अस्पताल में अभी तक लगभग 510 कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति इलाज के लिए आए हैं. जिनमें से आज तक 190 व्यक्तियों का सफल इलाज किया जा चुका है. 14 व्यक्तियों को पूर्णतः स्वस्थ करके डिस्चार्ज किया जा रहा है. ये क्रम निरंतर चलता रहेगा. केवल गंभीर स्थितियों के मरीजों को ही रोका जाएगा. उन्होंने भोपाल वासियों से अपील की है कि, कोरोना एक सामान्य बीमारी की तरह ही है, इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, इसका इलाज संभव है. अच्छे खानपान और अनुशासित जीवन से शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर इस बीमारी से बेहतर ढंग से लड़ा जा सकता है. उन्होंने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को मांग अनुरूप त्वरित स्वास्थ्य सुविधाएं, दवाइयां, पीपीई किट अधिक उपलब्ध कराने के लिए आभार व्यक्त किया है.