भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल माह में आयोजित होंगी. कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष प्रदेश के सभी स्कूल एक साल तक बंद रहे. कक्षा नौवीं से बारहवीं के लिए 18 दिसंबर से स्कूल खोले गए हैं, लेकिन स्कूलों में अब तक छात्रों का सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ है. राजधानी के केवल 5% स्कूलों में सिलेबस हंड्रेड परसेंट पूरा हुआ है, जबकि 90% स्कूल ऐसे हैं जहां 40 ,50 और 60% ही सिलेबस पूरा हो पाया है.
अर्ध वार्षिक परीक्षा में 20% रहा परिणाम
सिलेबस पूरा नहीं होने की वजह से फरवरी माह में आयोजित हुई अर्धवार्षिक परीक्षा में छात्रों का परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहा अर्धवार्षिक परीक्षा में छात्रों का परिणाम केवल 20% रहा अब मार्च माह में प्री-बोर्ड आयोजित होनी है. विभाग ने शिक्षक और प्राचार्य को 80% परिणाम लाने के लिए टारगेट दिया है. लेकिन स्कूलों में अब तक सिलेबस ही पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में विभाग को चिंता है कि बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम कैसा होगा स्कूल शिक्षा विभाग बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुधारने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है. जिसके लिए स्कूलों में प्रतिमाह ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय भी लिया गया है. लेकिन ऑफलाइन परीक्षाओं में भी छात्रों का परिणाम बद से बदतर रहा है.
स्कूलों में सिलेबस की स्थिति
राजधानी के जहांगीराबाद उच्चतर माध्यमिक शाला में केवल 40% सिलेबस पूरा हुआ है, जबकि बिलखिरिया शासकीय कन्या शाला में 60% सिलेबस पूरा हुआ है. इसी तरह सरोजिनी नायडू शासकीय स्कूल में केवल 55% सिलेबस पूरा हो पाया है. जबकि सूरज नगर शासकीय स्कूल, कमला नगर शासकीय स्कूल, अन्ना नगर, सरदार वल्लभभाई पटेल स्कूल सहित अन्य स्कूलों में सिलेबस कंप्लीट नहीं हो पाया है. वहीं मॉडल स्कूल में 100% सिलेबस पूरा हो चुका है. सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय कमला नेहरू सहित अन्य 10% स्कूलों में ही 100% सिलेबस पूरा हुआ है, जबकि बोर्ड परीक्षाएं अप्रैल माह में आयोजित होनी है.
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स्कूलों को मिला टारगेट 80% हो परिणाम
जहांगीराबाद स्कूल की प्राचार्य उषा खरे का कहना है स्कूल में छात्र बेहद गरीब परिवारों से आते हैं. यह ऐसे छात्र हैं जो ऑनलाइन कक्षाओं से पूरे साल नहीं जुड़ पाए. अभी स्कूल खुल चुके हैं तो बच्चे मजदूरी में लग चुके हैं. उनके माता-पिता उन्हें स्कूल नहीं भेज रहे हैं. शिक्षक घर जाकर भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं. बावजूद इसके 60% बच्चे कक्षाओं से नहीं जुड़ पा रहे हैं. ऐसे में हम प्राचार्यों के लिए एक बड़ा टारगेट है कि बोर्ड परीक्षा का परीक्षा परिणाम 80 फीसदी लेकर आए. वहीं मॉडल स्कूल की प्राचार्य रेखा शर्मा ने बताया कि उनके स्कूल में सिलेबस पूरा हो चुका है. स्कूल में यूट्यूब के साथ ही ऑफलाइन कक्षाएं भी लगाई जा रही है. जिससे छात्र पूरी क्षमता के साथ जुड़ रहे हैं और यही वजह है कि स्कूल में सिलेबस पूरा हो चुका है. छात्र परीक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है. वार्षिक परीक्षा में भी छात्रों का परीक्षा परिणाम 90 % रहा है. इसी तरह सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय का परीक्षा परिणाम भी 90 फीसदी रहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि स्कूलों की मॉनिटरिंग की जा रही है. विभाग के आदेशों पर स्कूलों में बोर्ड परीक्षा की तैयारी चल रही है. ज्यादातर स्कूलों में सिलेबस पूरा हो चुका है, कुछ स्कूल बाकी रह गए है लेकिन यह वह स्कूल है जो कंटेनमेंट जोन के कारण खुल नहीं पाए थे. यही वजह है कि यहां सिलेबस पूरा नहीं हुआ है लेकिन स्कूल अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. प्री बोर्ड से पहले स्कूलों मैं सिलेबस पूरा हो जाएगा.
ऐसे होगी पढ़ाई तो कैसा होगा परिणाम
अप्रैल माह में परीक्षा होनी है और अब तक स्कूलों में सिलेबस ही पूरा नहीं हो पाया है ऐसे में यह चिंता का विषय है कि बोर्ड परीक्षा का परिणाम कैसा होगा पिछले वर्ष छात्रों का परीक्षा परिणाम 63 फ़ीसदी रहा था जबकि वार्षिक परीक्षा में छात्रों का परीक्षा परिणाम 80% रहा था जबकि इस वर्ष वार्षिक परीक्षा में छात्रों का परिणाम 20% रहा है तो बोर्ड परीक्षा का परिणाम कैसा होगा यह तो परीक्षा परिणाम ही बताएगा फिलहाल स्कूल अपने स्तर पर टारगेट पूरा करने में लगे हुए हैं.