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मध्य प्रदेश में कृषि यंत्र और उपकरण के नाम पर एक बड़ा घोटाला, सौ करोड़ की हेराफेरी

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Published : Sep 9, 2020, 10:30 PM IST

मध्य प्रदेश में कृषि यंत्र और उपकरण के नाम पर एक बड़ा घोटाला अंजाम दिया गया है. इस घोटाले में करीब 100 करोड़ की हेराफेरी की बात सामने आ रही है. इधर अब इस घोटाले को लेकर बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रही है.

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भोपाल न्यूज

भोपाल। मध्य प्रदेश में कृषि यंत्र और उपकरण के नाम पर एक बड़ा घोटाला अंजाम दिया गया है. इस घोटाले में करीब 100 करोड़ के हेरफेर की बात सामने आ रही है. उपचुनाव की बेला में सत्ताधारी दल बीजेपी, कमलनाथ को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इस घोटाले की जांच कमलनाथ सरकार में कराए जाने की बात कह रहा है.

कृषि यंत्र घोटाले पर गरमाई सियासत

उद्यानिकी विभाग में 100 करोड़ की यंत्रीकरण योजना में किसानों को मेड इन चाइना के घटिया उपकरण थमाने की जांच एमपी एग्रो के एमडी ने की थी और जांच में सिद्ध हो गया है कि, पावर टिलर बांटने के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई है. फिलहाल घोटाले की रिपोर्ट एमपी एग्रो के एमडी द्वारा सरकार को सौंप दी गई है. रिपोर्ट को लेकर सरकार की तरफ से कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन दोनों राजनीतिक दल अपनी सियासी रोटियां सेकने में लगे हुए हैं.

पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि 'यह घोटाला पूर्व की भाजपा की सरकार के जमाने से चल रहा था. लगभग 2017 से यह घोटाला चल रहा है, 2019 में जब मंत्री था, तो मुझे मंदसौर से शिकायत प्राप्त हुई थी, उस शिकायत के आधार पर मैंने 23 अक्टूबर 2019 को इस घोटाले की जांच के आदेश दिए थे. लेकिन दुर्भाग्य रहा कि, हम जांच में आगे बढ़ते उसके पहले भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करके सरकार गिराने का काम किया. इसलिए घोटाले की तह तक नहीं जा पाए'

वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण नापित का कहना है कि, बीजेपी सरकार ने तो जनता के सामने घोटाला उजागर कर दिया है. जो पूर्व मंत्री कह रहे हैं कि, यह तो मध्यप्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत है. तो आप उस विभाग के मंत्री हैं,आपकी नाक के नीचे खेल कैसे हो गया. कैसे आपके ओएसडी और कैसे आपके विशेष सहायक हैं. यह तो सरकारी लोग होते हैं, कैसे आपकी नाक के नीचे खेल चलता रहा और आपको मालूम तक नहीं लगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश में कृषि यंत्र और उपकरण के नाम पर एक बड़ा घोटाला अंजाम दिया गया है. इस घोटाले में करीब 100 करोड़ के हेरफेर की बात सामने आ रही है. उपचुनाव की बेला में सत्ताधारी दल बीजेपी, कमलनाथ को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इस घोटाले की जांच कमलनाथ सरकार में कराए जाने की बात कह रहा है.

कृषि यंत्र घोटाले पर गरमाई सियासत

उद्यानिकी विभाग में 100 करोड़ की यंत्रीकरण योजना में किसानों को मेड इन चाइना के घटिया उपकरण थमाने की जांच एमपी एग्रो के एमडी ने की थी और जांच में सिद्ध हो गया है कि, पावर टिलर बांटने के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई है. फिलहाल घोटाले की रिपोर्ट एमपी एग्रो के एमडी द्वारा सरकार को सौंप दी गई है. रिपोर्ट को लेकर सरकार की तरफ से कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन दोनों राजनीतिक दल अपनी सियासी रोटियां सेकने में लगे हुए हैं.

पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि 'यह घोटाला पूर्व की भाजपा की सरकार के जमाने से चल रहा था. लगभग 2017 से यह घोटाला चल रहा है, 2019 में जब मंत्री था, तो मुझे मंदसौर से शिकायत प्राप्त हुई थी, उस शिकायत के आधार पर मैंने 23 अक्टूबर 2019 को इस घोटाले की जांच के आदेश दिए थे. लेकिन दुर्भाग्य रहा कि, हम जांच में आगे बढ़ते उसके पहले भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करके सरकार गिराने का काम किया. इसलिए घोटाले की तह तक नहीं जा पाए'

वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण नापित का कहना है कि, बीजेपी सरकार ने तो जनता के सामने घोटाला उजागर कर दिया है. जो पूर्व मंत्री कह रहे हैं कि, यह तो मध्यप्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत है. तो आप उस विभाग के मंत्री हैं,आपकी नाक के नीचे खेल कैसे हो गया. कैसे आपके ओएसडी और कैसे आपके विशेष सहायक हैं. यह तो सरकारी लोग होते हैं, कैसे आपकी नाक के नीचे खेल चलता रहा और आपको मालूम तक नहीं लगा.

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