भोपाल। प्रदेश में सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. लिहाजा पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान ने अब प्रदेश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे वाले जिलों को लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट बनाया है. इनमें प्रदेश के 10 जिलों को शामिल किया गया है, जहां सबसे ज्यादा हादसे तो होते ही हैं. साथ ही इन हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा है.
क्या होगा लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट में
लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट यानी कि, सबसे ज्यादा हादसों वाले जिले. इन जिलों को चिन्हित कर यहां पर यातायात पुलिस जिला पुलिस निगम समेत अन्य विभाग मिलकर कमियों को दूर करने का काम करेंगे, जिन स्पॉट्स पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. वहां रोड इंजीनियरिंग से लेकर एक्सपर्ट की मदद से सुधार किया जाएगा. इसके अलावा अंधा मोड़, हाईवे और यू-टर्न जैसे स्थानों पर प्रॉपर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे.
इन जिलों को किया गया है चिन्हित
प्रदेश के 10 जिलों को लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट के रूप में चिन्हित किया गया है, जिनमें इंदौर, मुरैना, सीहोर, राजगढ़, अलीराजपुर, शिवपुरी, मंडला, दमोह, नीमच और कटनी शामिल हैं.
लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट में सड़क हादसों के आंकड़े
हादसों में हुई मौतें | ||
जिला | साल 2019 | साल 2020 |
इंदौर | 231 | 261 |
मुरैना | 168 | 188 |
सीहोर | 150 | 167 |
राजगढ़ | 146 | 162 |
अलीराजपुर | 61 | 75 |
मंडला | 141 | 155 |
शिवपुरी | 196 | 201 |
दमोह | 121 | 120 |
नीमच | 60 | 60 |
कटनी | 137 | 137 |
पांच थानों में चलेगा विशेष अभियान
इन जिलों के पांच-पांच थानों को अभियान में शामिल किया गया है और यहां के पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. ट्रेनिंग में सड़क हादसों के दौरान क्या किया जाना चाहिए, कैसे घायलों का प्राथमिक उपचार और अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. इसके अलावा ज्यादा हादसों वाले स्थानों पर क्या बदलाव किए जा सकते हैं, इन विषयों को शामिल किया गया.
तैयार किया जा रहा आई रेड ऐप
पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक सड़क हादसों में बढ़ते ग्राफ को देखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अब इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ऐप तैयार कर रहा है. इस ऐप को कोई भी अधिकारी एंड्राइड मोबाइल में इंस्टॉल कर सकता है और हादसा होने पर रियल टाइम डाटा कलेक्शन कर सकता है.
पहले चरण में भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 11 जिलों को इसमें शामिल किया जा रहा है. आने वाले समय में सभी जिलों में ऐप के जरिए तत्काल सड़क हादसों की जानकारी मुहैया कराई जाएगी, जिससे घायलों की भी मदद की जा सकेगी. इससे देश में सड़क हादसों का एक डेटाबेस भी तैयार होगा.