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भिंड में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मास्क बनाकर बन रही हैं आत्मनिर्भर - Madhya Pradesh Rural Livelihood Mission

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'लोकल में वोकल' नारा महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ है. विदेशी ब्रांड की बजाय लोग अब घरेलू उत्पादों की ओर रुख कर रहे हैं. अब तक जो लोग किसी प्रोडक्ट को देखकर लोकल बोलते थे, उन्हें वे ही उत्पाद इस समय सुरक्षा मुहैया करा रहा है.

Women presented the example of self-reliance
महिलाओं ने पेश की आत्मनिर्भरता की मिशाल
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Published : May 20, 2020, 7:47 AM IST

Updated : May 20, 2020, 2:09 PM IST

भिंड। संगिनी स्वयं सहायता समूह वह पहला समूह था, जिसने जिले में कोरोना के खिलाफ जंग में मास्क उपलब्ध कराए. जब बाजारों से मास्क और सैनिटाइजर गायब हो रहे थे, उस वक्त इस समूह के सदस्य रेखा शुक्ला ने घर में कम कीमत में मास्क बनाकर सप्लाई करने की पेशकश की. जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से सबसे पहले दो-दो हजार मास्क बनाने के ऑर्डर मिले थे. उसके बाद से इस समूह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज कई ग्राम पंचायतों में इस समूह ने एक-एक हजार मास्क बनाकर सप्लाई किया है. संगिनी स्वयं सहायता समूह के द्वारा अब तक शासकीय विभागों में 80 हजार से ज्यादा मास्क बना कर सप्लाई किए जा चुके हैं.

महिलाओं ने पेश की आत्मनिर्भरता की मिशाल

मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक शैलेंद्र समुद्र ने बताया कि, अब तक दो लाख से ज्यादा मास्क तैयार कर चुके हैं. इसके साथ ही सैनिटाइजर भी बना कर स्वयं सहायता समूह द्वारा बाजार और सरकारी विभागों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं. संगिनी स्वयं सहायता समूह के द्वारा अलग-अलग किस्म के मास्क बनाकर तैयार किए जा रहे हैं. इनमें सिंगल डबल और ट्रिपल लेयर मास्क के साथ ही फीते और रबर वाले मास्क भी हैं. इन मास्क की कीमत 8 से लेकर 25 रुपए तक है, जो बाजार में मिलने वाले मास्क के मुकाबले ना के बराबर है. डबल लेयर मास्क 15 रुपये और ट्रिपल लेयर करीब 25 रुपये में बनकर तैयार हो रहा है. जबकि बाजार में ट्रिपल लेयर मास्क की कीमत 120 रुपए तक है.

सप्लाई से पहले मास्क का सेनेटाइजेशन किया जाता है, क्योंकि कोरोना के खतरे में मास्क भी सुरक्षित और स्वच्छ रखना जरूरी है. इसलिए रेखा शुक्ला ने अपने घर में एक यूवी किरणों पर आधारित मशीन बनवाई है. जिसमें मास्क को सेनेटाइज किया जाता है.

भिंड। संगिनी स्वयं सहायता समूह वह पहला समूह था, जिसने जिले में कोरोना के खिलाफ जंग में मास्क उपलब्ध कराए. जब बाजारों से मास्क और सैनिटाइजर गायब हो रहे थे, उस वक्त इस समूह के सदस्य रेखा शुक्ला ने घर में कम कीमत में मास्क बनाकर सप्लाई करने की पेशकश की. जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से सबसे पहले दो-दो हजार मास्क बनाने के ऑर्डर मिले थे. उसके बाद से इस समूह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज कई ग्राम पंचायतों में इस समूह ने एक-एक हजार मास्क बनाकर सप्लाई किया है. संगिनी स्वयं सहायता समूह के द्वारा अब तक शासकीय विभागों में 80 हजार से ज्यादा मास्क बना कर सप्लाई किए जा चुके हैं.

महिलाओं ने पेश की आत्मनिर्भरता की मिशाल

मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक शैलेंद्र समुद्र ने बताया कि, अब तक दो लाख से ज्यादा मास्क तैयार कर चुके हैं. इसके साथ ही सैनिटाइजर भी बना कर स्वयं सहायता समूह द्वारा बाजार और सरकारी विभागों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं. संगिनी स्वयं सहायता समूह के द्वारा अलग-अलग किस्म के मास्क बनाकर तैयार किए जा रहे हैं. इनमें सिंगल डबल और ट्रिपल लेयर मास्क के साथ ही फीते और रबर वाले मास्क भी हैं. इन मास्क की कीमत 8 से लेकर 25 रुपए तक है, जो बाजार में मिलने वाले मास्क के मुकाबले ना के बराबर है. डबल लेयर मास्क 15 रुपये और ट्रिपल लेयर करीब 25 रुपये में बनकर तैयार हो रहा है. जबकि बाजार में ट्रिपल लेयर मास्क की कीमत 120 रुपए तक है.

सप्लाई से पहले मास्क का सेनेटाइजेशन किया जाता है, क्योंकि कोरोना के खतरे में मास्क भी सुरक्षित और स्वच्छ रखना जरूरी है. इसलिए रेखा शुक्ला ने अपने घर में एक यूवी किरणों पर आधारित मशीन बनवाई है. जिसमें मास्क को सेनेटाइज किया जाता है.

Last Updated : May 20, 2020, 2:09 PM IST
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