भिंड। जिले में आए दिन ट्रांसफॉर्मर खराब होने की लगातार खबरें आती रहती हैं. भिंड में अब तक ट्रांसफॉर्मर जलने, फटने और इनमें आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है. आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि ट्रांसफॉर्मर होता क्या है और क्या काम करता है?.
- ट्रांसफॉर्मर का काम
ट्रांसफॉर्मर AC पावर सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बिना बदले उसे कम-ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे आप बिजली के हर क्षेत्र में इस्तेमाल हुआ देख सकते हैं. यह बड़े से बड़े पावर स्टेशन से लेकर एक छोटे से घर में भी ट्रांसफॉर्मर का इस्तेमाल होता है. ट्रांसफॉर्मर का हर जगह एक ही काम होता है, बिजली को कम और ज्यादा करना.
- भिंड में खराब हो रहे ट्रांसफॉर्मर
जिले के ग्रामीण इलाकों से लेकर नगरीय इलाकों तक ट्रांसफॉर्मर का इस्तेमाल कई वर्षों से हो रहा है. अब भिंड के प्रत्येक ग्रामीण इलाकों में बिजली भी पहुंच चुकी है, इस कारण जिले में लगातार तेजी से बढ़ रही बिजली की खपत और बदलते मौसम के कारण यह हादसे हो रहे हैं. पिछले कई महीनों में जिले में ट्रांसफॉर्मर में आग लगने के कई मामले सामने आए हैं, इसके साथ ही कई बार यह आग बड़े हादसे के रुप ले लेती हैं, हालांकि जिले में ट्रांसफॉर्मर हादसों की वजह से अभी तक किसी भी प्रकार से कोई जन हानि नहीं हुई है, लेकिन जिले में बिछे तोरों के जाल ने और उसमें दौड़ने वाले हेवी करंट के कारण कई लोगों की जान गई है. जिले में इस प्रकार की घटनाओं पर विद्युत विभाग का कहना है कि गर्मी के मौसम में इस तरह के हादसे ज्यादा होते हैं.
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- भिंड में ट्रांसफॉर्मर की स्थिति
भिंड नगरपालिका क्षेत्र में विद्युत विभाग की ओर से करीब 600 ट्रांसफॉर्मर शहर के विभिन्न जगहों पर लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर खुली जगहों पर रखे गए हैं और इनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय नहीं हैं. कई ट्रांसफॉर्मर तो बाजार के बीच में लगे हुए हैं, जिनसे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. साथ ही जिले के बिजली विभाग ने इस और कभी ध्यान नहीं दिया है, वहीं, नगर पालिका क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों से लगे ट्रांसफॉर्मर्स के आस-पास तो हज़ारों तारों का जाल देखते को मिल सकता है.
- ट्रांसफॉर्मर के रखरखाव की क्या है जिले में व्यवस्था?
हालांकि जिले में समय-समय पर सभी ट्रांसफॉर्मर का रखरखाव किया जाता है, वर्तमान में उपयोग होने वाले सभी ट्रांसफॉर्मर में सालाना एक बार मार्शलिंग बॉक्स को अच्छे से चेक किया जाता है. इसके अलावा ही इसमें उपयोग होने वाला ऑयल भी समय-समय पर बदला जाता है. भिंड के नगरीय इलाकों में ट्रांसफॉर्मर ऐसे जगहों पर लगे हुए हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं, ई टीवी भारत ने जब इन ट्रांसफॉर्मरों को शिफ्ट करने की प्लानिंग पर बिजली विभाग से सवाल किए गए तो विभाग ने बताया कि यह ट्रांसफॉर्मर शहर में एक मास्टर प्लान के तहत लगाए गए हैं. वह अपनी सही जगहों पर लगे हैं, लेकिन रिहायशी इलाकों में लोगों का अतिक्रमण बढ़ने से परेशानी आ रही है. विभाग ने आगे कहा कि फिलहाल इनके शिफ्टिंग को लेकर कोई योजना नहीं है, यदि कोई इनकी मौजूदा स्थिति को लेकर शिकायत या आवेदन करता है तो उस पर जल्द काम किया जाता है.
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- भिंड में ट्रांसफॉर्मर के अब तक हुए बड़े हादसे
भिंड में गर्मी बढ़ने से होने वाले शॉर्ट सर्किट के कारण 150 से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुई हैं. ये घटनाएं पिछले करीब 2 महीनों के भीतर हुई हैं. जिले में इन हादसों के कारण किसानों की हजारों बीघा में लगी फसलें जलकर राख हो गई हैं. इसके अलावा जिले में पिछले 15 दिनों के भीतर 2 बड़े हादसे सामने आए हैं. पहला हादसा 29 अप्रैल को शार्ट सर्किट की वजह से लहार क्षेत्र में हुआ था , जिसके कारण इलाके के 4-5 घर जलकर राख गए थे. वहीं, जिले में दूसरी घटना 23 अप्रैल की रात मेहगांव सब्जी मंडी में हुआ था, जिसमें 12 से अधिक दुकानें पर आग लग गई. इन हादसे में व्यापारियों का 47 लाख का नुकसान हुआ था.
जिले में लगातार हो रहे हादसों के बाद भी बिजली विभाग सुध नहीं ले रहा है. ट्रांसफॉर्मर के कारण होने वाले हादसों पर भी विभाग का ध्यान नहीं है, जिससे जिले में लोगों पर एक बड़ा संकट आ सकता है.