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उपार्जन केंद्रों पर खुले में रखा गेहूं बारिश में भीगा, प्रशासन बेपरवाह - जिला प्रशासन

भिंड के गोहद में किसानों द्वारा खरीदा गया गेहूं उपार्जन केंद्रों पर खुले में रखा हुआ है, विगत दिनों हुई बारिश में खुले मैदान में रखे गेहूं भीग गए, फिर भी प्रशासन को इसकी बिल्कुल चिंता नहीं है.

Wheat kept in open at procurement centers wet in rain
उपार्जन केंद्रों पर खुले में रखा हुआ गेहूं बारिश में भींगा
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Published : Apr 28, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Apr 28, 2020, 2:54 PM IST

भिंड। जिले के गोहद में खुले मैदान में रखा शासकीय खरीद के लिए गेहूं बारिश में भीग गया. पर प्रशासन ने इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया. उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खुले में पड़ा रहा. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते प्रशासन ने एक दिन में सिर्फ छह किसानों को एसएमएस के जरिए आमंत्रित करने का नियम बनाया है. किसानों के फसलों की तुलाई सहकारी सचिवों द्वारा की जानी है, जो निरंतर उपार्जन केंद्रों पर चल रही है.

उपार्जन केंद्रों पर खुले में रखा हुआ गेहूं बारिश में भींगा

लगभग एक दर्जन उपार्जन केंद्रों पर मौजूद सचिव भारी लापरवाही कर रहे हैं. जो भी गेहूं तौला जा रहा है, उसे खुले मैदान में रखा गया है. इस कारण विगत दिनों हुई बारिश से भीग गए थे. उसके बावजूद भी खुले में पड़े हैं. इससे प्रशासन को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी वो गंभीर नहीं हैं. प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान भी इस तरफ बिल्कुल नहीं है. जो उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है, वो कागजों तक ही सीमित है.

भिंड। जिले के गोहद में खुले मैदान में रखा शासकीय खरीद के लिए गेहूं बारिश में भीग गया. पर प्रशासन ने इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया. उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खुले में पड़ा रहा. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते प्रशासन ने एक दिन में सिर्फ छह किसानों को एसएमएस के जरिए आमंत्रित करने का नियम बनाया है. किसानों के फसलों की तुलाई सहकारी सचिवों द्वारा की जानी है, जो निरंतर उपार्जन केंद्रों पर चल रही है.

उपार्जन केंद्रों पर खुले में रखा हुआ गेहूं बारिश में भींगा

लगभग एक दर्जन उपार्जन केंद्रों पर मौजूद सचिव भारी लापरवाही कर रहे हैं. जो भी गेहूं तौला जा रहा है, उसे खुले मैदान में रखा गया है. इस कारण विगत दिनों हुई बारिश से भीग गए थे. उसके बावजूद भी खुले में पड़े हैं. इससे प्रशासन को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी वो गंभीर नहीं हैं. प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान भी इस तरफ बिल्कुल नहीं है. जो उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है, वो कागजों तक ही सीमित है.

Last Updated : Apr 28, 2020, 2:54 PM IST
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