Vakri Shani 2023: ब्रहांड के नौ ग्रहों में होने वाले खगोलीय बदलाव का असर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशियों पर भी पड़ता है, शनिवार यानी आज से एक बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है. सूर्यपुत्र और न्याय के कारक शनिदेव की चाल आज रात्रि में वक्री होने जा रही है, जिसका अर्थ है कि अब से शनि शशियों में उल्टी चाल चलेंगे. आये इस लेख के जरिए समझते हैं इस परिवर्तन और राशियों पर इससे होने वाले असर के बारे में..
क्या है शनि की उल्टी चाल: सनातन धर्म मे शनि को न्याय और कर्म का देवता मन जाता है ज्योतिष में भी शनि ग्रह का न्याय और कर्म का कारक माना जाता है. मान्यता है कि किसी भी जातक के अच्छे या बुरे कर्म शनि के प्रभाव से उसके जीवन की दिशा तय होती है. ठीक इसी तरह शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, जो राशि परिवर्तन में ढाई वर्ष का समय लेते हैं. वैसे तो सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रह वक्री यानी उल्टी चाल भी चलते हैं, लेकिन जब शनि वक्री होते हैं तो यह अवधि महीनों की होती है. आज अर्थात 17 जून शनिवार को शनि कुंभ राशि मे वक्री होने जा रहे हैं, उनकी चाल में परिवर्तन होना सभी राशियों को प्रभावित करेगा.
कुंभ राशि मे शुरू हो रही शनि की वक्री चाल: शनिदेव वर्तमान में कुंभ राशि मे संचरण कर रहे हैं, ऐसे में उनकी चाल में बदलाव भी इसी राशि मे होने जा रहा है. शनि 17 जून की रात 10:48 बजे वक्री हो जाएंगे, उनकी चाल में यह बदलाव अगले 140 दिनों तक जारी रहेगा. इस दौरान शनि के प्रभाव से उनकी वक्री चाल राशि जातकों की कुंडली के नक्षत्रों के अनुसार अच्छा या बुरा फल देगी.
शनि की वक्री चाल से होगा 'राजयोग' का निर्माण: जब कोई ग्रह किसी राशि मे गोचर या बदलाव करता है तो उसके समागम और परिवर्तन के प्रभाव से विशेष योग और संयोगों का निर्माण होता है. जून के महीने में कुंभ राशि मे मौजूद शनि के वक्री होने से भी एक विशेष योग 'केंद्र त्रिकोण राजयोग' का निर्माण होने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र में यह योग बेहद शुभ माना जाता है, खासकर वृषभ, मिथुन और सिंह राशि के लिए यह राजयोग सकारात्मक परिणामों का कारक होगा.
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इन तीन राशियों पर बरसेगी वक्री शनि की कृपा: वैसे तो शनि कर्मप्रधान ग्रह है, जिसकी चाल में परिवर्तन सभी राशियों को प्रभावित करती है. फिर चाहे वह सकारत्मक हो या नकारात्मक, लेकिन वक्री अवस्था मे बन रहे योग संयोगों के प्रभाव से राशि चक्र की तीन राशियां ऐसी हैं जिन पर वक्री होने के बावजूद शनि की विशेष कृपा रहेगा और उनकी वक्री चाल इन ग्रहों की किस्मत में फलदायी परिणाम लेकर आएंगे.
सिंह राशि: इस राशि मे शनि की वक्री चाल जातकों की कुंडली के सातवें भाव मे कुंभ राशि मे शनि की वक्री चाल का असर नजर आएगा. यह समयावधि आपको लाभ दिलाएगी. अटके काम में तेज़ी आएगी. व्यापारी जातकों को बिजमिस में मुनाफा होगा. नियमबद्ध मेहनत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे जातकों को सफलता दिलाएगी.
धनु राशि:- वक्री शनि धनु राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक परिणाम लेकर आ रहे हैं. कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का साथ मिलेगा जो कार्यक्षेत्र में अप्रत्याशित सफलता दिलाएगी. दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा उनसे रिश्तों में मधुरता आएगी. भाग्य का साथ सफलता की ओर ले जाएगा, विद्यार्थी जातकों को पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी जो मन मुताबिक सफलता हांसिल करने में मददगार साबित होगी.
मीन राशि:- इस राशि के जातकों गो शनि कुंभ राशि में वक्री होने से सुबह योग बनेंगे वक्री शनि इस राशि के कुंडली के बारहवें भाव में रहेंगे जो विदेश यात्राओं के योग बनाएगा इस दौरान खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन यह खर्च आपके अच्छे कामों पर होने की संभावना है जो आपको सफलता की ओर ले जाएगा इस समय अवधि में आपकी स्थिति मजबूत होगी. विरोधियों पर आप भारी पड़ेंगे शनि की कृपा से वक्री शनि विरोधियों को परेशान कर उन्हें परास्त करेंगे. वही विदेशी संपर्कों से आपको धन लाभ होने के भी संयोग हैं यदि जातक अन्य राज्यों या दूसरे देशों में व्यापार करते हैं तो उनके बिजनेस में बढ़ोतरी होगी. फिजूलखर्ची से बचाव आपको पैसा जोड़ने में मदद करेगा.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं ज्योतिष करना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है.